शादी का झांसा देकर रेप पीड़िता का वीडियो बनाकर प्रसारित करने के मामले में पुलिस कमिश्नर प्रयागराज व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करे- हाइकोर्ट
नई दिल्ली/प्रयागराज । इहाबाद हाईकोर्ट ने शादी का झांसा देकर रेप पीड़िता का वीडियों बनाकर वायर करने के मामले में पुलिस कमिश्नर कपो व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट सुनी चौधरी ने बताया कि हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति अजय भनोट व न्यायमूर्ति श्रीमती गरिमा प्रशाद ने याची विनोद मिश्रा निवासी सावित्री नगर ,झूसी के द्वारा शादी का झांसा देकर रेप करने के आरोप में गिरफ्तारी पर रोक लगाने हेतु दाखिल याचिका पर सुनवाई की । पीड़िता की ओर से अधिवक्ता सुनील चौधरी ने दलील दिया कि पीड़िता का पति से विवाद होने पर झूसी मायके में रह रही थी तभी झूसी के अनवर मार्केट में स्थित पुरुषोत्तम पैथोलॉजी के मालिक विनोद मिश्रा के यहां नौकरी कर रही थी तो उसने पहले बहला फुसलाकर प्यार का नाम देकर पति से तलाक करने की बात कहते हुए जबरन शारीरिक संबंध बनाए व अपने मित्र जिला प्रोबेशन अधिकारी के यहां लेजाकर पति को नोटिस भेजवाया। बेटा की बीमारी व हालात सही न होने के कारण पीड़िता उत्पीड़न सहती रही ।
विनोद मिश्रा ने हिडन कैमरे से वीडियो और फोटो बनाकर ब्लैकमेल कर जबरदस्ती ड्रिंक करने को कहते थे, मना करने पर पति व परिवार वालो को वीडियो भेजने की धमकी देते थे जब पीड़िता ने नौकरी करने से मना किया तो पीड़िता के गाड़ी में जीपीएस लगाकर पीछा करता रहता था और ब्लैकमेल कर शारीरिक शोषण करता ।पीड़िता ने जनवरी 2025 में 1090 पर शिकायत किया लेकिन याची ने कहा कि मुझे थाने के सारे दावपेच पता है तुम मेरा कुछ नहीं कर पाओगी मेरा दोस्त जिला प्रोवेशन अधिकारी,प्रयागराज मुझे कुछ नहीं होने देगा । यह कहते हुए लगातार मानसिक टॉर्चर करने लगा ।
पीड़िता के अधिवक्ता सुनील चौधरी ने बताया कि पीड़िता ने बयान लिखकर भेजकर बताया कि याची यह भी धमकी देता था कि झूसी थानाअध्यक्ष महेश मिश्रा जो कि दूर के रिश्तेदार है ।पीड़िता 10 से 12 बार थाने गई फिर भी पीड़िता की एफआईआर दर्ज नहीं की गई । उच्च अधिकारियों से गुहार लगाई तब जाकर के कई महीनो के बाद पीड़िता की एफआईआर दर्ज की गई ।
विनोद मिश्रा ने अपने मोबाइल से पीड़िता के पति के मोबाइल पर आपत्ति जनक अश्लील वीडियो भेज कर पीड़िता का घर बर्बाद कर दिया और लगातार ब्लैकमेल करता रहा जिस पर हाइकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए केस डायरी का अवलोकन में पाया कि विवेचना अधिकारी के द्वारा जांच ठीक से नहीं की गई क्योंकि उसमें अश्लील वीडियो बनाने और प्रसारित करने के लिए इस्तेमाल किए गए उपकरण की बरामदगी के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया ।
न्यायालय ने प्रयागराज के पुलिस आयुक्त को अगली सूचीबद्ध तिथि तक वीडियो पुनः प्राप्त करने के लिए उठाए गए कदमों का विवरण देते हुए एक व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया । अपर शासकीय अधिवक्ता व पीड़िता के वकील सुनील चौधरी को प्रति शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली अगली सुनवाई 20 नवंबर 2025 को नियत की।याची विनोद मिश्रा को न्यायालय से किसी भी तरह की कोई राहत नही मिली।