मेरठ। सेंट्रल मार्केट के आवासीय भूखंड 661/6 एवं अन्य संपत्तियों पर किए गए अवैध भू-उपयोग के ध्वस्तीकरण के लिए जारी किए गया टेंडर मंगलवार को खोला गया। इसमें एक कंपनी की ओर से टेंडर डाला गया। अब इसे लखनऊ में मुख्य अभियंता के पास परीक्षण के लिए भेजा गया है।
आवास एवं विकास परिषद ने 661/6 एवं अन्य संपत्तियों पर किए गए अवैध भू-उपयोग (व्यावसायिक प्रयोग) के ध्वस्तीकरण के कार्य को 166.55 लाख रुपये की अनुमानित लागत के लिए टेंडर मांगे थे। 2 महीने पहले टेंडर जाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसके लिए तीन बार टेंडर जारी हुए, लेकिन कंपनी की ओर से इसमें रुचि नहीं दिखाई गई। अब नए सिरे से एक ही बोलीदाता को टेंडर देने की तैयारी है। सेंट्रल मार्केट के मामले में आवास एवं विकास परिषद की ओर से 80 आवासीय भूखंड जिनमें व्यावसायिक गतिविधि चल रही थीं, उनके आवंटन निरस्त किए जा चुके हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट की ओर से पिछले साल 17 दिसंबर को धवस्तीकरण के आदेश को दिए गए और व्यापारियों की सभी याचिकाएं भी खारिज की गई थी। ऐसे में व्यापारियों की परेशानी और बढ़ गई है। राज्यसभा सांसद डॉक्टर लक्ष्मीकांत वाजपेई की अगुवाई में व्यापारी मुख्यमंत्री से भी इस संबंध में मिल चुके हैं। इसी मसले पर मंगलवार को ऊर्जा राज्यमंत्री ने सीएम योगी से मुलाकात की और प्रभावित होने वाले व्यापारियों के लिए कोई रास्त निकालने का आग्रह किया। ऊर्जा राज्यमंत्री ने बताया कि वह अपनी ओर से पूरा प्रयास कर रहे हैं कि किसी प्रकार इस बिल्डिंग का ध्वस्तीकरण रूक जाए। वहीं दूसरी ओर जो व्यापारी इससे प्रभावित हो रहे हैं उनका कहना है कि आवास विकास परिषद की कार्रवाई का डटकर विरोध किया जाएगा। उनके समर्थन में शहर भर के कारोबारी आ गए हैं। कोई नहीं चाहता कि इन व्यापारियों को उजाड़ा जाए। व्यापारी नेता विपुल सिंहल का कहना है कि जिस वक्त यह बिल्डिग बन रही थी उसी वक्त आवास विकास परिषद के अफसर कार्रवाई करते। इसमें यदि व्यापारी दोषी हैं तो आवास विकास परिषद के अफसर भी बराबर के दोषी हैं। इसलिए इसको ध्वस्त करना गलत हो।
सर्किल रेट न बढ़ाना अधिकारों का हनन
मेडा का छोटों पर सितम बड़ों पर करम