
भारतीय रिजर्व बैंक या आरबीआई (RBI MPC Meeting 2025) ने अपनी अक्टूबर मॉनेटरी पॉलिसी में रेपो रेट में कटौती न करने का फैसला
रेपो रेट कम होने की उम्मीदों को झटका, रेपो रेट की दरों में किसी बदलाव से किया इंकार, सस्ते लोन की उम्मीद ना रखें फिलहाल
नई दिल्ली। मंहगाई कम होने और सस्ते लोन की उम्मीद कर रहे करोड़ों भारतीयों को आरबीआई ने झटका दे दिया है। आरबीआई ने साफ कर दिया है कि रेपो रेट कम नहीं होगा। जो दर वर्तमान में है 5.5% उसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा, इससे साफ है कि सस्ते लोन की उम्मीद फिलहाल लोग ना रखें। यहां बता दें कि रेपाे रेट वो होता है जिस रेट यानि ब्याज पर आरबीआई बैंकों को कम अवधि के लिए लोन देता है। यदि रेपो रेट कम कर दिया जाता तो बैंक भी लोगों को कम ब्याज पर लोग मुहैय्या कर देते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, मिटिंग के बाद यह साफ हो गया कि आरटीआई फिलहाल मीडिल क्लास जो अपना मकान या गाड़ी लेने की सोच रहा है उसको सस्सा लोन नहीं मिलने जा रहा है फिलहाल जो दर है यदि चाहिए तो उसी दर पर लोन लोना होगा। बकौलल आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा आरबीआई का रुख ‘न्यूट्रल’ रहेगा। इसके अलावा आईपीओ फाइनेंसिंग लिमिट को बढ़ाकर प्रति निवेशक 25 लाख रुपये कर दिया है। साथ ही यह भी कि विदेशों में बसने वाले भारतीयों को रुपए में लोन की सहूलियत दी जाएगी। हालांकि उनका कहना है कि खाद्य कीमतों में भारी गिरावट के चलते ओवरऑल मुद्रास्फीति का आउटलुक ज्यादा बेहतर हो गया है। उन्होंने कहा है कि ब्याज दरों में कटौती के प्रभाव दिखने लगे हैं। टैरिफ सहित बाहरी अनिश्चितताओं से निर्यात वृद्धि धीमी पड़ सकती है और आउटलुक पर असर पड़ सकता है।