जांच में फंसे अफसरों पर कार्रवाई से परहेज

kabir Sharma
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जांच में कसूरवार ठहराए जाने के बावजूद उल्टे शिकायत करने वालों पर ही दवाब, जांच में फंसे अफसरों पर कार्रवाई से परहेज


मेरठ। घपले घोटालों के में बिजली अफसरों को कार्रवाई से सख्त परहेज है। मामला ठेकेदार से जुड़ा हो या किसी अफसर से आमतौर पर कार्रवाई के बजाए शिकायत वापस लेने का दवाब बनाया जाता है। ऐसे ही मामलों में फंसे बिजली अफसरों पर बजाए कार्रवाई के उल्टे जिनकी शिकायतों पर की गई जांच में कसूरवार पाए गए अब उन पर शिकायत वापस लेने और समझौते के दवाब डाले जा रहे हैं। जिन मामलों में शिकायतें वापस लेने से मना कर दिया गया उन मामलों में फंसे अफसरों को बचाने के लिए फाइलों को दफन कर दिया गया।
केस एक
नगरीय क्षेत्र के शारदा रोड बिजलीघर के एक जेई पर झंड़े वाले से लेकर बिजलीघर तक करीब साठ लाख कीमत का बताया जा रहा कॉपर वायर खुर्दबुर्द कर देने के आरोप हैं। इस मामले की सबसे पहले शिकायत बिजलीघर के एसएसओ ने की। जब मामला दबा दिया गया तो आरटीआई एक्टिविस्ट नरेश शर्मा ने एमडी से शिकायत की तो जांच के आदेश दे दिए गए। आरोप है कि जांच में फंसे जेई के खिलाफ लॉग बुक में ओवरराइटिंग समेत तमाम साक्ष्य पाए गए। मामले की शिकायत करने वाले नरेश शर्मा का आरोप है कि बजाए साठ लाख का कॉपर वायर खुर्दबुर्द करने वाले के खिलाफ कार्रवाई के उन पर शिकायत वापस लेने या समझौते कर लेने को कहा जा रहा है।
केस दो
जीएसटी के फर्जी कागज लगाने के मामले में मैसर्स भूमि एंटरप्राइजेज नाम की जो कंपनी जीएसटी कमिश्नर द्वारा करायी गयी जांच में कसूरवार पायी गयी और जिसके खिलाफ एडीशनल कमिश्नर ने बाकायदा पत्र लिखकर कार्रवाई की संस्तुति की है, उस कंपनी के खिलाफ ना तो एफआईआर दर्ज करायी गयी और ना ही दूसरी ब्लैक लिस्टेड सरीखी कोई कार्रवाई की जा रही है, जबकि नियम कहता है कि कूटरचित कागजों के आधार पर विभाग को वित्तीय हानी पहुंचाने वाली कंपनी से रिकबरी की जानी चाहिए, लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया। ना ही इस कंपनी के मददगार बिजली कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गयी।
केस तीन
पीवीवीएनएल के डायरेक्टर पर्सनल आशू कालिया की कथित जांच में फंसे इंजिनियर महेश कुमार विद्युत नगरीय वितरण वाणिज्य खंड द्वितीय जेल चुंगी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश के बाद भी उनके मामले की फाइल अभी तक दफन है। इस मामले की शिकायत शास्त्रीनगर निवासी किसी सचिन ने की थी। उनका आरोप है कि जांच टीम में नामित अध्यक्ष अधीक्षण अभियंता ग्रामीण अभिषेक सिंह व सदस्य अधिशासी अभियंता धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने अपनी जांच में आरोपी को बचाने का प्रयास किया है। अब इस मामले को लेकर यूपीपीसीएल के चेयरमैन व प्रदेश के ऊर्जा मंत्री को शिकायत भेजी गयी है।
केस चार
कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ यात्रा मार्ग पर बिजली के सभी प्रकार के खंबों व अर्थिंग वॉयर और ट्रांसफार्मरों के चारों ओर प्लास्टिक की पन्नी लगाने का ठेका छोड़ा गया था। आरोप है कि जिस क्वालिटी की पन्नी लगायी जानी थी, उस क्वालिटी की पन्नी नहीं लगायी गयी, बल्कि साधारण पन्नी लगायी गयी। यह काम कांवड़ यात्रा मार्ग पल्लवपुरम इलाके में सबसे ज्यादा किया गया। ठेकेदार की इस कारगुजारी की शिकायत पल्लवपुरम निवासी सौरभ शर्मा ने की थी। शिकायत करने वालों का कहना है कि आज तक इन मामलों पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी।
यह कहना है पीवीवीएनएल चीफ का..

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