ऋषभ के गुनाहगारों में विजय जैन भी शामिल

ऋषभ: साजिश नहीं तो और क्या कहें
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ऋषभ के गुनाहगारों में विजय जैन भी शामिल, मेरठ के वेस्ट एंड रोड मंदिर मार्ग मेरठ कैंट स्थित जैन सदर जैन समाज के ऋषभ एकाडेमी के गवन घोटाले के गुनाहगारों में अब विनय जैन का भी नाम जुड़ गया है। सीओ सदर की जांच में किताब बिक्रेता विनय जैन के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं। बड़ा सवाल यही कि विनय जैन जेल कब जाएगा। ऋषभ के गुनाहगारों का पर्दाफाश कर रहे सदर चाणक्यपुरी निवासी सीए डा. संजय जैन ने ही विनय जैन की कारगुजारियों को बेपर्दा किया है। वहीं दूसरी ओर इस संबंध में एसपी सिटी ने एसएसपी मेरठ को सीओ सदर द्वारा की गयी जांच से अवगत कराया है। इसके बाद विनय जैन पर पुलिस शिकंजे का रास्ता भी साफ हो गया है। पूछताछ के लिए पुलिस कभी भी विनय जैन को घर सकती है। सीओ सदर की रिपोर्ट में कहा गया है कि 21 नवंबर 2919 को ऋषभ एकाडेमी को किताब-कापियां बेचने वाले विनय जैन व वर्तमान में करीब 14 माह से जेल में बंद रंजीत जैन के बीच एक एक अनुबंध पत्र नोटराइज्ड हुआ, जिसे सिक्योरिटी बताया गया। विनय जैन ने रंजीत जैन को क्रमश: 8 लाख व 7 लाख के दो चैक दिए जिन्हें सिक्योरिटी मनी बताया गया। नियमानुसार पूरे प्रकरण में सिक्योरिटी का कोई प्रावधान नहीं है। यह मामला सीधे-सीधे ऋषभ एकाडेमी के करोड़ों के गवन घोटाले में कमिशन का बनता है। जांच में कहा गया है कि तमाम साक्ष्यों के आधार पर यह प्रतीत होता है कि ऋषभ एकाडेमी गवन घोटाले में विनय पुत्र महावीर जैन निवासी-बी-75 जैन नगर, कार्यालय 226 मधुबन कालोनी बागपत रोड थाना रेलवे रोड मेरठ भी दोषी है। जांच में सीओ सदर ने यह भी माना है कि विनय जैन लोगों को डराने धमकाने के लिए फर्जी मुकदमें कराता है। यह गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। सीओ सदर की ओर से भेजी गई इस रिपोर्ट को एसपी सिटी ने एसएसपी मेरठ को प्रेषित कर दिया है। इसके बाद विनय जैन पर पुलिस के शिकंजे का रास्ता भी अब पूरी तरह से साफ हो गया है।

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