नई दिल्ली। पाकिस्तान महिलाओं की कब्रगाह है। वहां के लोग भले ही कितनी ही ढींगे क्यों ना मारें लेकिन महिला अधिकारों के मामले में पाकिस्तान कम से कम पांच सौ साल पीछे है।

महिला अधिकारों की बात करने वाली महिलाओं के लिए पाकिस्तान किसी कब्रिस्तान से कम नहीं है। पाकिस्तान कम से कम पांच सौ साल पीछे जी रहा है। सना की हत्या पाकिस्तान के चेहरे पर कालिख है।
सना की हत्या ने यह बात साबित कर दी है। कट्टरपंथियों की आंखों में सना यूसुफ हमेशा ही खटका करती थी। इसकी वजह उसका महिला अधिकारों की बात करना था। पाकिस्तान में रहकर कोई महिला अधिकारों की बात करें यह कठमुल्ला कट्टरपंथियों को कभी रास नहीं आता था। यह वजह थी जो कट्टरपंथियों ने सना का खून बहाने के लिए उसके जन्म दिन को चुना। दरअसल ऐसा कर उन्होंने महिला अधिकारों की बात करने वाले तमाम लोगों खासतौर से महिलाओं को संदेश दिया है कि पाकिस्तान में रहते हुए महिलाओं की हक व हकूक की बात करने पर सीधे गोली मार दी जाएगी और सना यूसुफ के साथ उन्होंने ऐसा ही किया। इस खबर उन लोगों के लिए हिला देने वाली है जो देश और दुनिया में महिला अधिकारों के हामी हैं। सना यूसुफ (Sana Yousaf) जो कल तक सोशल मीडिया पर लगातार रील्स और वीडियोज शेयर कर फैंस को एंटरटेन कर रही थीं, अब इस दुनिया में नहीं हैं। इस खबर ने उनके चाहने वालों को दंग कर दिया है। यह चौंकाने वाली खबर जब से सामने आई है, लोग उनके बारे में जानने के लिए बेताब हैं।
पाकिस्तान की रहने वाली सना यूसुफ की 2 जून की शाम को इस्लामाबाद में गोली मारकर हत्या कर दी गई। दिन दहाड़ ऐसी वारदात ने लोगों के बीच दहशत फैला दी है। हैरानी की बात यह है कि शख्स ने उके घर में घुसकर उन पर गोलियां चलाईं। इस खबर ने सोशल मीडिया पर सनसनी फैला दी है। चलिए आपको बताते हैं कि आखिर सना यूसुफ कौन हैं।सना यूसुफ पाकिस्तान के चित्राल की रहने वाली थीं जो परिवार के साथ इस्लामाबाद के सेक्टर जी-13 में रहती थीं। 17 साल की सना जाने-माने सोशल एक्टिविस्ट की बेटी थीं और अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए वह पिता की तरह महिलाओं के अधिकारों के बारे में बात करती थीं। सना लाइफस्टाइल, कल्चरल अवेयरनेस और एजुकेशनल मैसेज से जुड़े पोस्ट करती थीं।