स्कूल बना दिया तबेला, सरकार के चलों स्कूल की ओर अभियान को यूपी के मेरठ जनपद के शिक्षा अधिकारी पलीता लगाने पर तुले हैं। मेरठ नगर निगम क्षेत्र के दलित बस्ती सोफीपुर इलाके में स्थित प्राथमिक विद्यालय की हालत बद से बदत्तर बना दी गयी है। सरकार के चलो स्कूल की ओर अभियान सोफीपुर का प्राथमिक विद्यालय आइना दिखा रहा है। साथ ही चलो स्कूल की ओर के दावों की भी पोल खोल रहा है। सोफीपुर की यदि बात की जाए तो यहां समाज के गरीब तबके के लोगों की बड़ी संख्या है। शिक्षा के नाम पर यह एक मात्र सरकारी स्कूल है। लेकिन इलाके के कुछ दबंगों व शिक्षा विभाग की अनेदखी ने इस स्कूल को तबेला बनाकर रख दिया है। इस स्कूल में आवारा पशुओं का बसेरा है। यहां स्ट्रीट डॉग ने बच्चे दे दिए हैं। इलाके के छुट्टा पशुओं के लिए यह सबसे महफूज ठिकाना माना जाता है। यह बात तो रही पशुओं की। अब यदि इंसानों की बात की जाए तो स्कूल के चारों ओर चारदीवारी न होने की वजह से यहां के दबंगों ने स्कूल परिसर को वाहन पार्किंग स्थल बना दिया है। सोफीपुर में जिन लोगों पर कार हैं वो सभी कारें प्राथमिक विद्यालय परिसर में पार्क की जाती हैं।इसके अलावा स्कूल के परिसर में कुछ लाेग गोबर के उपले पाथने का काम कर रहे हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह स्कूल किस स्थिति में है। इस संबंध में सोफीपुर क्षेत्र के नगर निगम पार्षद महेन्द्र भारती ने बताया कि वह कई बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों को स्कूल की दुर्दशा से अवगत करा चुके हैं। स्कूल के जो हालात हैं उसके बाद अब अभिभावकों ने यहां बच्चों को भेजना बंद कर दिया है। स्कूल के में छुटटा व आवारा पशुओं की पोटी सड़ रही है। वहां बुरी सड़ांध उठ रही है। ऐसे में भला बच्चों को शिक्षा के लिए भेजे जाने की बात भला सोची भी कैसे जा सकती है।बीएसए सरीखे शिक्षा विभाग के अधिकारी ऐसे सवालों से भाग रहे हैं।