
BLO समेत अन्य कर्मचारी शामिल, ज्यादातर की मौत स्ट्रेस के चलते होने के आरोप, विपक्ष का चुनाव आयोग पर हमला
नई दिल्ली। SIR के दौरान अब तक सत्ताइस बीएलओ की मौत हो चुकी है। हालांकि विपक्ष का आरोप है कि मौत का आंकड़ा ज्यादा भी हो सकता है। अभियान के दौरान महेज सत्ताइस दिनों में इतने लोगों की मौत के आंकड़ों ने हिलाकर रख दिया है। वहीं दूसरी ओर मौत के इन आंकड़ों को लेकर डेमेज कंट्रोल में उतरी हुई है। बताया जाता कि ज्यादातर मामलों में मौत की वजह तनाव है।
बढ़ा दी गयी डेट लाइन
SIR को लेकर विपक्षी दलों के हमले के बाद ही माना जा रहा है कि चुनाव आयोग ने इसकी डेट लाइन बढ़ाई है। यह अभियान 4 नवंबर 2025 को 12 राज्यों (उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु, केरल, छत्तीसगढ़, गोवा, अंडमान-निकोबार, पुडुचेरी) और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू हुआ था। मूल डेडलाइन 4 दिसंबर थी, लेकिन 30 नवंबर को ECI ने इसे 11 दिसंबर तक बढ़ा दिया।
काम का तनाव बड़ी वजह
बत्तीस की मौत की वजह में बड़ा कारण तनाव बताया गया है इसके अलावा मौत की अन्य वजहों में हार्ट अटैक, सड़क हादसे, आत्महत्या और वर्क स्ट्रेस को मुख्य कारण बताया गया है। हालांकि, विपक्षी दल (जैसे AAP, TMC, कांग्रेस) 40+ मौतों का दावा कर रहे हैं, जबकि ECI ने आधिकारिक रूप से कोई एकीकृत संख्या जारी नहीं की है। सुप्रीम कोर्ट में भी इस पर सुनवाई चल रही है, और NHRC को शिकायतें मिली हैं।