
मेरठ। श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर दुर्गाबाड़ी सदर की कमेटी का खुद को पदाधिकारी बताने वाले मुकदमें दर्ज होने के बाद जिन मामलों को लेकर हंगामा बरपाए हैं। सदर जैन समाज का कहना है हंगामा भी ऐसा कि आरती के बाद मंदिर जी में मारपीट सरीखी नौबत आ गयी, सदर जैन समाज का अब कहना है दरअसल उनके निशाने पर केवल ऋषभ एकाडेमी है। बाकि सब बहाना है ऋषभ एकाडेमी ही निशाना है। यह पहले भी निशाने पर थी और अभी भी निशाने पर हैं। दरअसल प्रशासन की देखरेख में कायदे कानून से चुनाव के बाद निर्वाचित डा. संजय जैन ने सचिव का चार्ज संभालने के बाद जब वहां पारी की शुरूआत की तो वहां उन लोगों की तमाम खामियां पकड़ में आयीं जो अवैध रूप से ऋषभ पर काविज हुए। काविज होने के बाद उन्होंने कभी भी चुनाव नहीं कराए, ठीक वैसा ही सदर दुर्गाबाड़ी स्थित मंदिर जी में किया गया। चुनाव के नाम पर जो कुछ कुटरचित पेपर डिप्टी रजिस्ट्रार के यहां पेश किए गए करीब छह साल चली जांच में वो सभी फर्जी पाए गए जिसके बाद डिप्टी रजिस्ट्रार के आग्रह पर पुलिस ने जांच कर सुनील जैन, मृदुल जैन, रंजीत जैन और अनिल जैन बंटी के खिलाफ मुकदम दर्ज किया। सूत्रों की मानें तो अभी भंडारी विजय सनमती व एक अन्य का हिसाब होना बाकि है।
सभी अब डा. संजय जैन के साथ
श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर दुर्गाबाड़ी सदर थाना सदर बाजार में मुकदमा दर्ज होने के बाद जिनको सुनील जैन, मृदुल जैन, रंजीत जैन और अनिल बंटी अपने साथ होने का दावा कर रहे थे वो सभी अब डा. संजय जैन के साथ आ गए है। दरअसल हुआ यह कि मंदिर जी में आरती के बाद विनोद बुरा, अंकुर अरहंत व अजय जैन के साथ सभी ने डा. संजय जैन से मिलने की बात कही। इतना सुनना था कि नामजदों ने छाती पीटनी शुरू कर दी। दरअसल हुआ यह कि जब डा. संजय जैन से मिलने जाने वालों को जबरन रोकने व उनसे झगड़े का प्रयास किया तो वहां दूध का दूध पानी हो गया। सब लोग डा. संजय जैन के घर पहुंचे।
नहीं लिया किसी का नाम
जो भी घर आए थे उन्हें डा. संजय जैन ने भरोसा दिलाया कि उन्होंने किसी का भी नाम पुलिस ने नहीं लिया। जिनके पास पुलिस ने नोटिस भेजे हैं उन सभी के नाम उन्होंने बताए जिनके खिलाफ पुलिस ने मुकदमे दर्ज किए हैं। इतना ही डा. संजय जैन ने यह भी विश्वास दिलाया कि इस कानूनी जंग में वह सदर जैन समाज के साथ है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर दुर्गाबाड़ी सदर को सालों से दोनों हाथों से लूटने वालों से पाई-पाई का हिसाब लिया जाए। इस बात पर पूरा सदर जैन समाज सहमत था। सदर जैन समाज का अब कहना है कि डा. संजय जैन यदि कानूनी प्रक्रिया से मंदिर के चुनाव और मंदिर की धन संपदा व सोने का हिसाब भंडारी विजय सनमती से मांग रहे हैं तो इसमें फिर गलत क्या है। मंदिर के दान का पैसा मंदिर में लगाना चाहिए किसी के कारोबार में नहीं। उसको ब्याज पर भी नहीं चलाया जा सकता। अब सदर जैन समाज भी कहने लगा है कि बाकि सब तो बहाना है, ऋषभ निशाना है
सुनील जैन, मृदुल जैन, रंजीत जैन और अनिल बंटी अपने साथ होने का दावा कर रहे थे वो सभी अब डा. संजय जैन के साथ, सदर में बाकि सब बहाना है ऋषभ पर निशाना है
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