
पहले तीस और फिर 90 दुकानों गिरेंगी, आवास विकास परिषद ने जारी की सूची, बाकियों को कर रहे चिन्हित
मेरठ। शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट में कांप्लैक्स के जमींदोज होने के बाद अभी बर्बादी का सिलसिला थमता नहीं नजर आ रहा है। अभी और भी बर्बादी होनी बाकि है। यह बात आवास विकास परिषद के अफसरों के रंग ढंग और उनके बयानों से साफ है। आवास विकास परिषद ने इस कांप्लैक्स के बाद और तीस दुकानों की सूची मीडिया की मार्फत प्रकाशित करायी थी, लेकिनआवास विकास परिषद इन तीस तक नहीं रूकने वाला है। इन तीस को जमींदोज कर और 90 दुकानें आवास विकास परिषद के बुलडोजर को नजर आ रही हैं। इतना ही नहीं उन प्लाटों व मकानों की फाइलें खंगाली जा रही हैं, जिनका यूज कामर्शियल किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर पूरा शास्त्रीनगर इस सारे फसाद की जड़ व्यापारी नेता से सख्त नाराज है। उनका कहना है कि यदि आवास विकास परिषद के अफसर से झगड़ा ना किया होता तो ना तो बिल्डिंग गिरती और ना ही बाकियों पर आफत आती।
रूकने के मूड में नही
लगता है कि आवास विकास परिषद अभी रूकने के मूड में नहीं है। अफसर माने बैठे हैं कि अभी तो लोहा गरम है जितने चाहे वार कर लें, इसी के क्रम में पुलिस प्रशासन से मजिस्ट्रेट और पुलिस फोर्स मांगे जाने की तैयारी है। साथ ही लखनऊ में बैठे अफसरों को भी बता दिया गया है कि अभी व्यापक स्तर पर अवैध कामर्शियल बिल्डिंगों को जमींदोज किया जाना है। सूत्रों ने जानकारी दी है कि लखनऊ से भी कार्रवाई का ग्रीन सिग्नल मिल गया है। जिसके चलते माना जा रहा है कि शास्त्रीनगर में आने वाले दिनों में बड़े स्तर पर ध्वस्तीकरण अभियान चलाया जाएगा।
मुकदमों की तेयारी
इस बीच सूत्रों ने जानकारी दी है कि सरकारी काम में बाधा के नाम पर बड़े स्तर पर मुकदमों की तैयारी है। जिन कामर्शियल बिल्डिंगों का अब ध्वस्तीकरण किया जाना है उसमें बाधा डालने वालों के खिलाफ अधिकाारी सख्ती से पेश आने का मन बनाए बैठे हैं। दरअसल जो कुछ अवैध बिल्डिंग जो ध्वस्त कर दी गयी है, उसको लेकर अधिकारियों की किरकिर हुइ है वैसा दाेबारा हो वो अधिकारी नहीं चाहते। दरअसल एक यह अवधारण बना दी गयी है कि जितने भी अवैध कामर्शियल कांप्लैक्स हैं, वो सब पैसे लेकर बनवाए गए हैं, अफसरों का मानना है कि यह इमेज केवल अवैध कामर्शियल बिल्डिंगों को ध्वस्त कर ही तोड़ी जा सकती है।