वाल्मीकि समाज ने भरी हुंकार

kabir Sharma
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मेरठ। (, 28 मई 2025) उत्तर प्रदेश वाल्मीकि चेतना मंच के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष सुरेन्द्र ढीगिया के आह्वान पर वंचित उपजातियों, मुख्यतः वाल्मीकि समाज के लोग भारी संख्या में एकत्रित हुए, जिनमें मुख्य रूप से सफाई मजदूरो के क्रान्तिकारी नेता टी सी मनोठिया, धर्म समाजी तुलसी मोहन, एडवोकेट अजय गेहरा, एडवोकेट सुभाष गोस्वामी, चौधरी सुंदर लाल भुरंडा, शालिनी सिंह,पदमा जानसन, ऊषा चिन्योट, मजदूर नेता विनेश विधार्थी, मोनिंदर सूद वाल्मीकि, आर के बौद्ध, पूर्व विधायक प्रत्याशी विजेंद्र लोहरे, पूर्व महामंत्री कैलाश चंदोला, कमल मनोठिया, भारतीय संविदा आऊटसोर्सिंग कर्मचारी संघ के महामंत्री अंकुश महरोल, विल्सन बैरागी, कमल सूद, विनोद बच्चन, किठौर पार्षद नंदू जीन वाल्मीकि, वरिष्ठ नेत्री सुनीता मंडल, महर्षि वाल्मीकि सेना के अध्यक्ष गौतम राम चंद्र वाल्मीकि व महामंत्री राजू रोंदिया, रविन्द्र वेद, रविन्द्र बैरागी, नरेश सिलेलान, वरिष्ठ नेता नंदकिशोर ठेकेदार,मानव ठेकेदार, मोनू वेद, नगर निगम सफाई मजदूर संघ शाखा नगर निगम मेरठ के अध्यक्ष विनेश मनोठिया, डा प्रमोद, सुरेश रिक्षपाल, महामंत्री बब्बू वेद,राज कुमार सिद्धार्थ,अर्जून महरोल, राजू ढीगिया, संदीप वेद, सावन सिलेलान, संजय टांक, रंजीत सावन, द्वारा जिला प्रशासन की मार्फत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मूर्मू को ज्ञापन प्रेषित किया गया।
ज्ञापन में 1 अगस्त 2024 में,मा सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति आरक्षण में किए गए वर्गीकरण को उत्तर प्रदेश में लागू किया जाएं , चूंकि वंचित उपजातियों को आरक्षण में भागीदारी दिलाने की घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पूर्व में की जा चुकी है, और भाजपा द्वारा अनुसूचित जाति की वंचित उपजातियों को आरक्षण दिलाने की घोषणा विगत में तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाली उ प्र सरकार द्वारा की गई थी। वर्तमान सरकार सबके विकास अंत्योदय गरीब कल्याण और जीरो पावर्टी के लक्ष्यानुरुप कार्य कर रही है, और सबका विकास के अनुसार वंचित उपजातियों को आरक्षण दिलाने से ही विकास के अवसर मुहैया हो सकतें हैं। जाति जनगणना का केंद्र सरकार का फैसला स्वागत योग्य है, किंतु उत्तर प्रदेश में सफाई कर्मी के रोज़गार पर निर्भर उप जातियों, जैसे वाल्मीकि हेला धानुक बसौर बासफोर आदि की गणना वाल्मीकि उपजाति के रूप में ही की जाएं। सभी वाल्मीकि समाज और सफाई मजदूर वर्ग के बड़े नेताओं ने एलान किया कि यदि उत्तर प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट द्वारा वर्गीकृत आरक्षण को लागू नहीं किया गया तो उत्तर प्रदेश सरकार से आर पार की लड़ाई की जाएंगी। और जाति जनगणना में सफाई कर्मी उपजातियों को केवल वाल्मीकि माना जाए। उल्लिखित बिंदुओं पर सर्व सम्मति से संघर्ष का फैसला करने के लिए 4 जून 2027 में, पोदीवाडा वाल्मीकि समाज की बस्ती मेरठ शहर में एक महापंचायत की जायेगी, महापंचायत के एजेंडे में
दिल्ली रोड मेरठ स्थित महर्षि वाल्मीकि आश्रम की नूरनगर की बेश कीमती भूमि को, प्रशासन के बेजा क़ब्ज़े से मुक्त कराने के लिए और नगर निगम मेरठ बोर्ड द्वारा 20 जून 2023 में ठेकेदारी खत्म करने विषयक पारित प्रस्ताव को लागू कराने के लिए आंदोलन का सर्वसम्मति से फैसला किया जायेगा। उत्तर प्रदेश वाल्मीकि चेतना मंच के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र ढीगिया ने कहा कि सभी ट्रेड यूनियन, और सामाजिक संगठनों की एक संघर्ष समिति बनाई जाएंगी, और संघर्ष समिति के नेतृत्व वाले आंदोलन से पूर्व सत्ता पक्ष और विपक्ष के राजनेताओं, सांसदों विधायकों और सभी राजनीतिक दलों को ससम्मान
अवगत कराया जाएगा।

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