
मेरठ। श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर में घपले घोटालों खासकर चुनाव को लेकर जो कहा जा रहा है और जो पहले कहा गया है, उसको लेकर सदर जैन समाज यह जानना चाहता है कि जो पहले कहा गया था मसलन डिप्टी रजिस्ट्रार सोसाइटी को जो जानकारी दी गयी थी वो सही थी या सुनील जैन, मृदुल जैन, रंजीत जैन व अनिल जैन बंटी के खिलाफ पुलिस की जांच के बाद मुकदमा दर्ज होने के बाद डीआईजी को दिए गए पत्र में जो दावा मंदिर की प्रबंध समिति के चुनाव को लेकर किया गया है वो सच नहीं है। आइये अब आपको सरल भाषा में समझा देते हैं। डिप्टी रजिस्ट्रार सोसाइटी को मंदिर के चुनाव को लेकर जो जानकारी बाकायदा पत्र लिखकर दी गयी है उसमें 10 जुलाई 2912, 10 जुलाई 2015 और 10 जुलाई 2918 को प्रबंध समिति के चुनाव की बात कही गयी है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि तीनों ही चुनाव दस जुलाई को कराए गए, यह प्रयोग है या कोई संयोग यह भी जांच का विषय था और छह साल तक डिप्टी रजिस्ट्रार मंदिर जी के चुनाव को लेकर जो दावे किए गए उनकी जांच करते रहे, जांच में जब खुद को पदाधिकारी बताने वालों का फर्जीवाड़ा और खेल बेपर्दा हो गया तब जाकर उन्होंने सीओ सदर को इनके खिलाफ कार्रवाई यानि एफआईआर का आग्रह किया। लेकिन डिप्टी रजिस्ट्रार के पत्र के बावजूद पुलिस ने कई स्तर पर जांच के बाद ही सुनील जैन, मृदुल जैन, रंजीत जैन व अनिल जैन बंटी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। मुकदमा दर्ज होने के बाद जो कुछ हुआ वह उसका जिक्र फिर कभी लेकिन इन चार पर दर्ज मुकदमों को पूरी प्रबंध समिति को जेल भेजने का दुष्प्रचार करने और इस मामले को लेकर डीआईजी के यहां अपने परिजनों के साथ जाने वाले सुनील जैन, मृदुल जैन, रंजीत जैन व अनिल जैन बंटी ने जो पत्र डीआईजी को दिया उसमें साल 2014 से मंदिर पर काविज होने यानि वो जैसे भी हुए उसको चुनाव बताकर काविज होने की स्वीकरोक्ति की गयी। इससे यह बात तो साबित हो गयी कि मंदिर जी के जिन चुनावों को डिप्टी रजिस्ट्रार शुरू से ही फर्जी या कहें कुटरचित बात रहे है वो बात डीआईजी को दिए गए पत्र में खुद सुनील जैन, मृदुल जैन, रंजीत जैन व अनिल जैन बंटी स्वीकार कर ली।
कौन सा पत्र असली
सुनील जैन, मृदुल जैन, रंजीत जैन व अनिल जैन बंटी खुद सदर जैन समाज के सामने यह स्पष्ट करें कि डिप्टी रजिस्ट्रार के यहां जो पत्र दिए गए उनमें चुनावों को लेकर कही गयी झूठी थी या फिर यह मान लिया जाए कि डीआईजी के यहां जो चुनाव को लेकर पत्र में जानकारी दी गयी है वह सत्य नहीं है।
समाज के सामने तस्वीर साफ
सुनील जैन, मृदुल जैन, रंजीत जैन व अनिल जैन बंटी पर मुकदमें दर्ज होने के बाद जिस प्रकार से मंदिर समिति के पदाधिकारियों के बीच दुष्प्रचार किया गया वो सदर जैन समाज के सामने आ चुका है। सदर जैन समाज को इस बात का भी अब पूरा यकीन हो गया है कि पहला तो यह कि डा. संजय जैन केवल उनके खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं जिन्होंने चुनाव के नाम पर डिप्टी रजिस्ट्रार के यहां गलत साक्ष्य प्रस्तुत किए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। इसके अलावा मंदिर के दान को लेकर भंडारी विजय सनमति से पाई-पाई सोने का हिसाब लिया जाए। जिनके खिलाफ मुकदमें हैं वो दान का हिसाब दें। सदर जैन समाज का कहना है कि यदि डा संजय जैन समाज की ओर से मंदिर जी को दिए गए दान और सोने का हिसाब मांग रहे तो उसमें क्या गलत कर रहे हैं। यदि दूध के धुले हैं तो अब तक कितना दान धन के रूप में आया और कितना सोना दान के रूप में मंदिर जी को मिला उसका हिसाब सदर जैन समाज को दें। दूसरी बात जो बेहद महत्वपूर्ण है वो यह कि सदर जैन समाज अच्छी तरह समझ चुका है कि बाकि सब बहाना है ऋषभ एकाडेमी निशाना है।
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