मेरठ। सदर दुर्गाबाड़ी स्थित जैन मंदिर की कमेटी कालातीत हुए सालों बीत गए, लेकिन कमेटी की मैबर साजी के नाम पर हर साल चंदा बादस्तूर जुटाया जा रहा है। इस साल भी ऐसा ही किया गया। रथ यात्रा से एक दिन पहले मंदिर की मैंबर साजी के नाम पर उगाही की गई। मैंबर साजी के अलावा रथ यात्रा की बोली लगीं सो अलग। मैंबर साजी के नाम पर जमा की गई रकम और रथयात्रा की बोली की रकम इसके अलावा मंदिर जी की गुल्लक। सदर जैन समाज में अब इस बात को लेकर भी खासी चर्चा है कि रथयात्रा से एक दिन पहले कितनी रकम जमा की गई, गुल्लक की रकम कितनी थी। रथयात्रा में कुल कितना व्यय हुआ। यह सारा ब्योरा मसलन कितना दान में धन आया, कितनी बोली आयी, गुल्लक में कितनी रकम निकली और मैंबर साजी की कितनी रकम जमा की गयी, यह सारा ब्यारा सदर जैन समाज के सामने रखा जाना चाहिए। सबसे बड़ी बात तो यह कि जब मंदिर की कोई कमेटी ही नहीं है तो फिर सदस्यता या मैंबरसाजी क्याें। बगैर वैध चुनाव कराए फर्जी तरीके से मंदिर जी पर काविज लोगों के कृत्यों को समाज के सामने लाने तथा मंदिर की धन संपदा हड़पने वालों को सजा दिलाने के लिए ही ऋषभ एकाडेमी के सचिव डा. संजय जैन धर्म युद्ध लड़ रहे हैं। उनका मकसद सिर्फ इतना है कि मंदिर जी के कानूनी तरीके से चुनाव कराए जाएं। पूरे सदर जैन समाज के लोग उस चुनाव का हिस्सा हों। वोटर लिस्ट सदर जैन समाज के सामने रखी जाए और सबसे बड़ी बात यह कि मंदिर जी की जो धन संपदा लूटी गयी है उसका पाई-पाई का हिसाब सदर जैन समाज के सामने रखा जाए। क्योंकि डिप्टी रजिस्ट्रार भी मान चुके हैं कि जो लोग मंदिर जी पर काविज हैं उन्होंने कोई भी वैध चुनाव नहीं कराया है। चुनाव के नाम पर केवल धांधली की है। यह धांधली खुद डिप्टी रजिस्ट्रार ने लंबी चली जांच के बाद पकड़ी और सीओ सदर को रंजीत, मृदुल जैन आदि के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने के आदेश दिए। मुकदमा दर्ज भी हुआ और इन दिन जांच क्राइम ब्रांच कर रही है। हालांकि क्राइम ब्रांच की जांच के नाम पर कुछ आरोपियों की ऊपर की सांसें ऊपर और नीचे की सांसें नीचे हो रही हैं। हैरानी तो इस बात की है कि जब मंदिर जी की कोई कमेटी ही नहीं है तो फिर मंदिर की मैंबर साजी का शुल्क क्यों लिया जा रहा है। इस बात को लेकर सदर जैन समाज के तमाम लोगों ने नाराजगी भी जतायी है। ऐसे सभी लोगों का कहना है कि डा. संजय जैन मंदिर को बचाने के लिए जो कर रहे हैं पूरा सदर जैन समाज उनके साथ है। मंदिर के कानूनी तरीके से चुनाव होने चाहिए। यही डा. संजय जैन भी चाहते हैं। मंदिर से की गई लूट का पाई-पाई का हिसाब मिलना चाहिए तथा जो अवैध रूप से स्वयं भू तरीके से काविज हैं उन्हें खदेड़ कर बाहर किया जाना चाहिए। अब सदर जैन समाज के तमाम लोग डा. संजय जैन से संपर्क कर रहे हैं और कह रहे हैं कि मंदिर जी के कानूनी तरीके से प्रशासन की देखरेख में चुनाव कराए जाने चाहिए।