डीएम साहब! भू-माफिया के मारे कहां जाए बेचारे

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डीएम साहब! भू-माफिया के मारे कहां जाए बेचारे, परतापुर के इटायरा कांड ने सिस्टम और भू-माफियाओं के नापक गढ जोड़ को उजागर कर दिया है, लेकिन बड़ा सवाल यही कि भू-माफिया का भी कुछ नहीं बिगड़ा उन पर उन भी कोई कार्रवाई नहीं जिनकी वजह से मंगी व उसके जैसे कई भूमाफियाओं ने इटायरा में सरकारी जमीन पर कब्जा कर वहां कालोनियां काटने का काम किया। सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे कर लिए। भू-माफियाओं और सिस्टम के कुछ भ्रष्टों के नापाक गढ़ जोड़ की कीमत उन गरीबों को चुकानी पड़ी है जिन्हें यह तक नहीं पता था कि अपनी जिंदगी भर की कमाई दांव पर लगाकर इटायरा में मंगी सरीखे भूमाफियाओं द्वारा काटी गयी कालोनी में आशियाना बनाने का जो सपना देख रहे हैं वो टूट जाएगा।   परतापुर में इटायरा स्थित कोतवाल खाते की 210 बीघा जमीन को प्रशासन ने भारी पुलिस बल लगाकर कब्जा मुक्त कर लिया।  बुलडोजर ने 280 मकान व कई फैक्ट्रियों को जमींदोज कर दिया। जिन गरीबों के आशियानों को बुलडोज किया गया है वो अब कलेक्ट्रेट में रोते बिलखते पहुंच रहे हैं। यह सिलसिला आज गुरूवार को भी जारी रहा। इस सिलसिले की शुरूआत दो जून को गयी थी जब कारगिल शहीद की विधवा रोते बिलखते हुए कलेक्ट्रेट में डीएम से फरियाद करने को पहुंची थी। धारा न्यूज ने उसका दर्द महसूस किया और प्रमुखता से समाचार भी प्रकाशित किया। कारगिल शहीद की वो विधवा तब से लगातार कलेक्ट्रेट की परिक्रमा कर रही है। इटायरा के गुनाहगार भू-माफिया की अवैध कालोनी में आशियाना बनाने की कीमत चुकाने वाली कारगिल शहीद की विधवा अकेली नहीं है। उसके जैसे 280 परिवार हैं जो भू-माफिया मांगी ओर सिस्टम के कुछ भ्रष्टाचारियों की कारगुजारी की कीमत चुका रहे हैं। इन सभी के मकान बुलडोज कर दिए गए।

एक दिन में नहीं :

इटायरा में जिस सरकारी जमीन को मुक्त कराकर अफसर आज फूले नहीं समा रहे हैं उस सरकारी जमीन पर मांगी और उसके जैसे दूसरे भूमाफियाओं ने कोई एक दिन में कब्जा नहीं कर लिया। सरकारी दस्तावेजों की यदि बात की जाए तो इटायरा में सरकारी जमीन पर मांगी सरीखे भूमाफियाओं का करीब चालिस साल तक कब्जा रहा। या यूं कहें कि प्रशासन की नींद टूटने में चालिस साल लग गए। जिनके आशियाने बुलडोज कर दिए गए हैं वो सभी कलेक्ट्रेट में आकर एक ही सवाल पूछते हैं कि चालिस सालों से अधिकारी कहां सोए थे। मांगी और उसके जैसे दूसरे भूमाफियाओं ने कोई रातेां रात इटायरा की सरकारी जमीन पर कब्जा नहीं कर अवैध कालोनी नहीं काट दी थी।

नयी अवैध कालोनियों पर चुप्पी क्यों:

इटायरा में प्रशासन ने जो किया उसके लिए जिला प्रशासन निश्चित रूप से साधुवाद का पात्र है। लेकिन पुरानी कालोनियों पर कार्रवाई की जा रही है। केवल इटायरा की सरकारी जमीन पर बनायी गयी अवैध कालोनिया ही ध्वस्त नहीं की गयी हैं कई अन्य कालोनियां भी एमडीए उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय के कार्यकाल में ध्वस्त की गयीं। जो कालोनियां ध्वस्त की गयी उनमें बड़ा नाम खुद को सत्ताधारी दल का नेता बताने वाले दारा सिंह प्रजापति की भी कालोनी है। लेकिन जो नयी कालोनी काटी जा रही हैं उनको लेकर कब प्रशासन की नींद टूटेगी।

नयी कालोनियों की भरमार:

नयी कालोनियों की यदि बात की जाए तो पूरे महानगर में या कहें एमडीए का कोई भी जोन ऐसा नहीं जहां नयी अवैध कालोनियां नहीं काटी जा रही हैं। धारा न्यूज ऐसी अवैध कालोनियों और उनको काटने वाले भूमाफियाओं को लगातार बेपर्दा कर रहा है, लेकिन जिस कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है भू माफियाओं और उनके नेक्सस को तोड़ने के लिए अभी तक वैसी कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा सकी है। कुछ मामलों में तो हालत ऐसी है कि एमडीए के स्टाफ के जिन अफसरों व कर्मचारियों पर अवैध कालोनियों को राेकने की जिम्मेदारी है, वहीं अवैध कालोनियों में भूमाफियाओं की मददगार बने हुए हैं।

वर्जन

अवैध कालोनियों को लेकर एमडीए सचिव चंद्रकांत तिवारी से जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अवैध कालोनियों को लेकर प्राधिकरण गंभीर है। लगातार कार्रवाई की जा रही हैं। नोटिस, सील व एफआईआर तक की गयी हैं। जरूरत पड़ने पर विधिक प्रक्रिया अपनाकर ध्वस्तीकरण भी भी कार्रवाई की जाएगी।

एक नजर इटायरा कार्रवाई पर भी ताकि सनद रहे:

प्रशासन को इटायरा स्थित कोतवाल खाते की 210 बीघा जमीन को कब्जा मुक्त कराना था। उस दि

इसलिए पहले पूरे एरिया को छावनी में तब्दील कर दिया गया। जैसे ही वहां लोगों ने सवेरे भारी पुलिस बल को देखा तो खलबली मच गई। लोग घरों से बाहर आ गए। इस दौरान प्रशासन ने अपनी कार्रवाई शुरू कराई लेकिन, भारी पुलिस बल के सामने किसी ने विरोध नहीं किया।  वहीं, सवेरे से चलना शुरू हुए बुलडोजर शाम तक करीब 280 मकान व कई फैक्टिरियों को जमींदोज कर रुके। इनके अलावा खड़ी फसल को भी नष्ट कर दिया गया। इस दौरान मेरठ के सभी थानों की पुलिस के अलावा आरआरएफ व पीएसी के जवान भी मौजूद रहे।  इटायरा में कोतवाल खाते की 1800 सौ बीघा जमीन है, जिसमें से 210 बीघा जमीन पर लोगों ने कब्जा कर मकान व कॉलोनी बना ली थी। इस जमीन को प्रशासन ने गुरुवार को कब्जा मुक्त करा लिया। पक्के मकानों को प्रशासन ने कोई क्षति नहीं पहुंचाई। इस दौरान कुछ मालिकों ने स्वंय ही मकान खाली कर दिए थे। इस दौरान इटायरा स्थित मंगी कॉलोनी में पूरे दिन अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। दिन निकलने से पहतले  एसडीएम, मजिस्टेट, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, एसपी सिटी, सीओ पूरे मेरठ थानों की फोर्स सहित एक दर्जन बुलडोजर, फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस लेकर पहुंचे।  210 बीघा जमीन को कब्जा मुक्त कराना था। इसलिए पहले पूरे एरिया को छावनी में तब्दील कर दिया गया। जैसे ही वहां लोगों ने सवेरे भारी पुलिस बल को देखा तो खलबली मच गई। लोग घरों से बाहर आ गए। इस दौरान प्रशासन ने अपनी कार्रवाई शुरू कराई लेकिन, भारी पुलिस बल के सामने किसी ने विरोध नहीं किया। सवेरे से चलना शुरू हुए बुलडोजर शाम तक करीब 280 मकान व कई फैक्टिरियों को जमींदोज कर रुके। इनके अलावा खड़ी फसल को भी नष्ट कर दिया गया। इस दौरान मेरठ के सभी थानों की पुलिस के अलावा आरआरएफ व पीएसी के जवान भी मौजूद रहे।  इटायरा में कोतवाल खाते की 1800 सौ बीघा जमीन है, जिसमें से 210 बीघा जमीन पर लोगों ने कब्जा कर मकान व कॉलोनी बना ली थी। इस जमीन को प्रशासन ने गुरुवार को कब्जा मुक्त करा लिया। पक्के मकानों को प्रशासन ने कोई क्षति नहीं पहुंचाई। इस दौरान कुछ मालिकों ने स्वंय ही मकान खाली कर दिए थे। इस दौरान इटायरा स्थित मंगी कॉलोनी में पूरे दिन अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। लेकिन भूमाफिया मांगी हत्थे नहीं चढा बुलडोज किए गए गरीबों के आशियाने।

 


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