107 साल के बुजुर्ग का बदला कूल्हा

107 साल के बुजुर्ग का बदला कूल्हा
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107 साल के बुजुर्ग का बदला कूल्हा, मेरठ मेडिकल कॉलेज के अस्थि रोग विभाग में 107 साल के बुजुर्ग के टूटे कूल्हे का पहली बार सफल प्रत्यारोपण सर्जरी की गई। यह सर्जरी डॉ कृतेश मिश्रा की टीम द्वारा किया गया। इतने बुजुर्ग व्यक्ति के कूल्हा प्रत्यारोपण की सर्जरी मेरठ में पहली बार की गई है। मेरठ निवासी इश्तियाक़ अहमद का गिरने से बायाँ कूल्हा टूट गया था, जिसके इलाज हेतु मरीज़ के परिजनों ने उन्हें अस्थि रोग विभाग में भर्ती कराया। डॉ. मिश्रा ने बताया कि विस्तृत जाँचे करवाने के पश्चात्, मरीज़ की “मोडुलर हेमी रिप्लेसमेंट” नामक सर्जरी की गयी। यह सर्जरी विशेष विधि द्वारा छोटे चीरे के माध्यम से की गायी है, जिसमें कम रक्तस्राव होता है। वृधावस्था में ऑस्टीओपरोसिस नामक समस्या काफ़ी आम होती है, जिसमें हड्डियों में घनत्व की कमी हो जाती है एवं वह कमज़ोर पड़ जाती हैं। इस कारण गिरने के पश्चात कूल्हे एवं स्पाइन के फ़्रैक्चर होने का रिस्क बहुत बढ़ जाता है। इसके साथ, बुजुर्गों में कई सारी मेडिकल समस्याएँ जैसेकि डाइबीटीज, उच्च-रक्तचाप, हार्ट प्रॉब्लम आम होती हैं। सर्जरी से पूर्व मरीज़ की विस्तृत खून की जाँचें करायी गयीं एवं हार्ट के लिए ईको भी कराया गया। डॉ. मिश्रा ने बताया कि किसी भी सर्जरी की सफलता एक कुशल एवं निपुण एनेस्थेसिया टीम पर निर्भर करती है। ऑपरेशन के बाद मरीज़ पूर्णतः स्वस्थ्य है एवं पूर्व की भाँति चलने-फिरने में समर्थ है। अस्थि रोग विभागाध्यक्ष डॉ ज्ञानेश्वर टोंक ने बताया कि विभाग में जोड़ प्रत्यारोपण सम्बन्धी कई सारी जटिल सर्जरी की जाती हैं, जिसका लाभ आमजन को प्रायतः मिलता है। इस जटिल सर्जरी के दौरान ऑपरेशन टीम में डॉ संजीव और डॉ कुणाल एवं एनेस्थेसिया विभाग से डॉ माणिक एवं डॉ प्रमोद उपस्थित रहे।प्रधानाचार्य महोदय डॉ आर सी गुप्ता ने डॉ मिश्रा, टीम एवं अस्थि रोग विभाग को बधाई दी।

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