नजदीकियां ना बन जाए मुसीबत

kabir Sharma
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आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस नेताओं का डिनर में पहुंचना इंडिया गठबंधन के लिए साबित हो सकता है मील का पत्थर

नई दिल्ली। कल तो थे जो बिछड़े-बिछड़े आज हैं अपनी बाहों में, कुछ ऐसा ही इंडिया गठबंधन के राहुल गांधी के डिनर के बाद हुआ है। इस डिनर में विपक्ष के पचास से ज्यादा नेता शामिल हुए, जबकि इंडिया गठबंधन में महज पच्चीस ही गैर भाजपा दल शामिल हैं। यानि दोगुने से ज्यादा इससे अंदाजा लगाय जा सकता है, राहुल गांधी की यह डिनर पालिसी कितनी कामयाब रही। इस डिनर की जो बड़ी खबर है वो यह कि बंगला की टीएमसी और आम आदमी पार्टी के नेताओं की इस डिनर में मौजूदगी। विधानसभा चुनाव बंगाल में होने हैं। ममता बनर्जी अब तक अकेले यानी इकला चलो रे की बात कर रही थीं, लेकिन राहुल के डिनर में टीएमसी के दो बड़े नेताओं की मौजूदगी ने साबित कर दिया है कि टीएमसी और इंडिया गठबंधन की दूरिया अब काफी घट गयी हैं, यदि इंडिया गठबंधन के बड़े नेताओं की टीएमसी की ममता दीदी से मुलाकात होती है, तो बंगाल में भाजपा को यह बड़ा खतरा माना जा रहा है। डिनर में दूसरा बड़ा नाम आप के नेताओं को लेकर लिया जा रहा है। यदि यह नजदीकियां इसी तरह बढ़ती रहीं तो फिर इंडिया गठबंधन के लिए दिल्ली दूर नहीं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यूपी और पश्चिम बंगाल के चुनाव में यदि कांग्रेस थोड़ा सा कंप्रोमाइज को तैयार हो जाती है तो बात बन जाएगी और यह बनी हुई बात भाजपा के लिए खतरा है। कुछ समय बाद बिहार, पश्विम बंगाल और यूपी के चुनाव होने हैं। चिराग पासवान को लेकर भाजपा पहले से ही आशंकित है। विधानसभा चुनाव में कुछ भी हो सकता है, ऐसा जानकारों का कहना है। कुल मिलाकर डिनर का राहुल गांधी का आइडिया परवान चढ़ता नजर आ रहा है।

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