

शहर के कई इलाकों में बारिश ने बिगाड़ा सड़कों का हुलिया,निगम अफसर लापता, बारिश से पहले करने थे नाले नाली साफ ठेकेदार ने ही किया ऐसा
मेरठ। लगातार हो रही झमाझम बारिश ने शहर के कई इलाकों में सड़कों का हुलिया बिगाड़ कर रख दिया। इसका सबसे ज्यादा साइड इफैक्ट ट्रेफिक पर पड़ रहा है। बारिश की वजह से सड़कों में बेहहाशा गड़ढों की वजह गाड़ियों के पहिये थम रहे हैं, जिससे जाम लग रहा है। पूरे शहर में सड़कों का कुछ ऐसा ही हाल है। मोदीपुरम से लेकर मेडिकल तक जगह-जगह बारिश की वजह से सड़कें टूट गयी हैं। मेडिकल से तेजगढ़ी चौराहे तक जगह-जगह बारिश ने सड़क को बेइंतहा जख्म दिए हैं। सबसे बुरा हाल तक एलएलआरएम मेडिकल से दोनों ओर का है। मेडिकल से गढ़ रोड और फिर तेजगढ़ी तक सड़क को बारिश से मिले जख्मों की कीमत वहां गुजरने वाले वाहनों को चुकानी पड़ी। इसके अलावा गांधी आश्रम वाया हापुड़ स्टैंड व शास्त्री नगर एल ब्लाक से लेकर हापुड़ स्टैंड चौराहा वहां वाया बुढानागेट खैरनगर जलीकोठी तक बारिश ने सड़कों भद्द पीटकर रख दी है। रुड़की रोड से मोदीपुरम तक तो इतना बुरा हाल है कि लगता नहीं कभी यहां सड़क रही होगी। कुछ दिन पहले यहां की रोड एनसीआरटीसी के ठेकेदार ने बनायी थी, लेकिन रोड के तैयार होने के बाद अंधाधुध बारिश तथा बारिश के पानी की रोड से निकासी ना होने के चलते यहां की रोड इतनी ज्यादा टूटी की अब लगता है कि किसी गांव देहात में आ गए हैं। दरअसल एनसीआरटीसी के ठेकेदार ने रोड तो शानदार बनायी थी, लेकिन वो पानी की निकासी का इंतजाम करना भूल गया। यहां कहीं भी पानी की निकासी का मुनासिब इंतजाम नहीं है। शहर के दूसरे इलाकों में भी कहर बनकर टूटी बारिश ने सड़कों का हुलिया बिगाड़ दिया है। शहर के घनी आबादी वाले भूमिया पुल से ब्रह्मपुरी और लिसाड़ी रोड आगे तारापुरी की ओर जाने वाले रास्ते का भी बुरा हाल है। लिसाड़ीगेट से पिलोखड़ी रोड व इसके सामने विकासपुरी इलाके में सिर्फ और सिर्फ गडडे ही गड्डे नजर आते हैं।
पानी की निकासी नहीं
दरअसल इस आफत की वजह बारिश के पानी की निकासी का मुनासिब इंतजाम नहीं है। सड़कों पर बारिश का पानी भरता है। उसके निकलने का रास्ता नाले नालिया हैं। उनकी नियमित सफाई नहीं होती। सफाई ना होने की वजह से नाले नालियां चौक हैं। सबसे बुरा हाल तो जैदी फार्म, इस्लामाबाद, गोला कुंआ, प्रहलाद नगर, विकासपुरी, लखीपुरा, तारापुरी सरीखे इलाकों का है। गंदगी की यदि बात की जाए तो कोतवाली इलाके का इस्माइल नगर, मकबरा डिग्गी व जलीकोठी के अंदरूनी इलाकों का है जहां दूध की डेयरियां अवैध रूप से चल रही हैं। इन इलाकों सड़कों का भी बुरा हाल है। जरा सी बारिश में यहां जब पानी भरेगा तो फिर सड़कें कहां बचेंगी।
ना मेयर ना नगरायुक्त
शहर की घनी आबादी वाले जिन इलाकों का यहां जिक्र किया गया है, वहां ना तो महापौर और ना ही नगरायुक्त दौड़ते हैं, ना ही वहां पार्षदों में इतनी कूबत नजर आती है कि इन इलाकों में बारिश के पानी की वजह से डेमेज हो रही सड़कों के नाम पर इन्हें बुला सकें। महापौर व नगरायुक्त व दूसरे अधिकारियों व नेताओं की यदि बात करें तो वो भी केवल विकसित कालोनियों की तरफ दौड़ते हैं क्योंकि वहां रहने वालों व ऐसे इलाकों के पार्षदों में इतना गूदा है कि उनकी एक फोन कॉल पर पूरा निगम दौड़कर वहां पहुुंच जाता है। बारिश के रूकते ही वहां सड़कों व नाले नालियों का काम भी शुरू हो जाता है।
मुसीबत के लिए निगम जिम्मेदार
बारिश में सड़कों का हुलिया बिगड़ने के पीछे नगर निगम के अफसर और ठेकेदार जिम्मेदार हैं। दरअसल निगम के निर्माण विभाग के अफसरों पर इतना वक्त नहीं होता कि वो मौके पर जाकर झांके कि ठेकेदार कैसी नाले नालियां बना रहा है। बागपत रोड के ऋषिनगर कालोनी के बाहर व भीतर जो नालियां बनायी गयी हैं, वो तिरछी हैं। बारिश में वहां पानी भर जाता है, जब पानी भरेगा तो सड़कें टूटेंगी। शहर में जहां भी पानी भरने से सड़कें डेमेज हो रही हैं, उसके लिए नाले नालियां बनाने वाले ठेकेदार ही जिम्मेदार हैं। इसी प्रकार से शहर की घनी आबादी वाले इलाकों में जहां पानी भरने की वजह से सड़कें टूट रहीं हैं, वहां भी तिरछी नालियां बनी हैं।
बारिश से पहले होनी थी नाले नालियों की सफाई
महानगर के नाले नालियों की सफाई बारिश से पहले होनी थी, सावन तो सावन अब तो भादों चल रहा है, लेकिन नाले नालियों की सफाई का क्या हाल है, इसका अंदाजा बारिश के बाद शहर की सड़कों का हाल देखकर लगाया जा सकता है।
क्या कहना हैं जन प्रतिनिधियों का
कैंट विधायक अमित अग्रवाल ने बताया कि जब तक काली नदी की तल्ली झाड़ सफाई के बाद वो नीची नहीं होगी तब तक समस्या बनी रहेगी। काली नदी नीची होगी तो उसमें गिरने वाले नाले भी नीचें हो जाएंगे, अपने आप समस्या का समाधान हो जाएगा। रालोद नेता व पूर्व पार्षद अब्दुल गफ्फार का कहना है कि बारिश से पहले नाले नालियां साफ होने थे, लेकिन नहीं हुए। बगैर सफाई के ठेकेदारों का भुगतान भी कर दिया जाएगा। यहां भ्रष्टाचार की परकाष्ठा है। सपा के अफजाल सैफी, कांग्रेस के शहर अध्यक्ष रंजन शर्मा प्रवक्ता हरिकिशन आंबेडकर सरीखे तमाम नेताओं का कहना है कि नाले नालियों की सफाई होनी चाहिए।