प्लीज बी सीरियस! कबाल सरीखे बबाल भी करा देती हैं छेड़खानी की वारदातें

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प्लीज बी सीरियस! कबाल सरीखे बबाल भी करा देती हैं छेड़खानी की वारदातें, योगी के यूपी में बेटी बचाओ का आदर्श वाक्य और छेड़खानी की घटनाओं के चलते बेटियों का पढाई छोड़कर घर बैठ जाना वाकई है तो शर्मसार करने सरीखा। बात ज्यादा पुरानी नहीं है। बीते सप्ताह की है। वेस्ट एंड कचहरी रोड स्थित शहर के नामी पीजी कालेज का समय इसलिए बदल देना पड़ा क्योंकि शोहदों की छेड़खानी की हरकतों के चलते छात्राओं का कालेज आना दुश्वार हो गया था। एक अन्य गर्ल्स कालेज की छात्राओं का सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो भी शोहदों की हरकतों को लेकर दर्द बयां करता नजर आया। दो दिन पहले मेरठ कालेज में छेड़खानी का विरोध करने पर छात्रा के सहपाठी को शोहदों ने बुरी तरह पीटा। बीते सप्ताह ही आटो में जा रही एक युवती साथ शोहदे शर्मनाम वारदात अंजाम दे डालते हैं।  महज ये घटना भर नहीं है। ये तो वानगी भर हैं। समाचार लिखने से पहले इस वानगी का उल्लेख जरूरी था। छात्राओं के साथ शोहदों की घटनाओं की फेरिस्त की यदि बात की जाएगी तो वक्त और कागज दोनों कम पड़ जाएंगे, लेकिन खाकी की लीपापोती के चलते शर्मसार करने वाली छेड़खानी की घटनाओं की फेरिस्त खत्म नहीं होगी। ये तो बात हुई छात्रों की छात्राओं के इतर भी शहर में शोहदों की वजह से बहन बेटियों को अकेले बाहर भेजते हुए डर लगने लगा है।

नजर नहीं आते पुलिस के दस्ते

स्कूल – कॉलेज और शहर के बाजारों में महिलाओं व छात्राओं से छेड़खानी की वारदातें बढ़ने लगी हैं। पुलिस का एंटी रोमियो दस्ता शहर से लापता है। रोजाना छेड़छाड़ की घटनाएं होने के बावजूद पुलिस की नींद नहीं टूट रही। मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजूद पुलिस का एंटी रोमियो दस्ता एक्टिव नहीं हुआ। योगी सरकार ने छेड़खानी परअंकुश लगाने के लिए प्रदेश के हर जनपद में एंटी रोमियो स्क्वॉयड का गठन किया था। स्कूल-कॉलेज और बाजारों में मनचलों के खिलाफ रोजाना अभियान चलाना था। पुलिस ने इसके लिए थाने स्तर में टीम बनाई थी। लेकिन मुख्यमंत्री के इस अभियान को पुलिस के आला अधिकारियों में सिर्फ कागजों में समेटकर मानो खत्म कर दिया। पुलिस द्वारा तैयार एंटी रोमियो स्क्वॉयड गायब हो गया। नतीजा, फिर से छेड़छाड़ की घटनाओं का ग्राफ बढ़ने लगा है।

हरकतों के बाद होते एक्टिव

छेड़खानी रोकने के नाम पर पुलिस महकमे के अफसरों द्वारा बनाए गए तमाम दस्ते आमतौ पर तभी नजर आते हैं जब किसी बहन बेटी के साथ कोई शोहदा शर्मनाक हरकत करता है और वो हरकत मीडिया में सुर्खिया  पा जाती है। यदि मीडिया की सुर्खियां नहीं बनती तो फिर छेड़खानी रोकने के नाम पर बनाए गए दस्ते भी नजर नहीं आते। मामले में लीपापोती और बजाए कार्रवाई के बदनामी का डर दिखाकर चुप रहने की सलाह की कई बार मेरठ से सटे मुजफ्फरनगर के  कवाल के बबाल सरीखी कीमत चुकानी पड़ती है।

पुलिसिया रवैया को लेकर स्यापा

मुजफ्फरनगर में दंगा हुआ। कई लोगों की जान गई तो कई परिवार बेघर हो गए। छात्राएं घर से निकलती हैं तो मन में किसी अनहोनी का खौफ बना रहता है वहीं पुलिस भी छेड़छाड़ की घटनाओं को हल्के में लेती है। पहले तो शिकायत दर्ज नहीं होगी और अगर शिकायत दर्ज हो गई तो कार्रवाई नहीं होगी। तो फिर क्या है समस्या का समाधान? शहर हो या फिर गांव, छेड़खानी की घटनाएं बवाल का बड़ा कारण बनती हैं। इसके बावजूद पुलिस और प्रशासन छेड़खानी की घटनाओं को रोकने में नाकाम है। कबाल के बवाल का मुख्य कारण भी छेड़खानी ही था। पहले तो छेड़खानी की वारदातें लिखा पढ़ी तक ही नहीं पहुंचती यदि किसी मामले में पीडिता हिम्मत भी दिखाए तो फिर कई बार पुलिस पीड़िता की हिम्मत पर पानी फेर देती है।

पुलिस से थी ना उम्मीद-मौत को लगा लिया गले

मेरठ के किठौर की 11 जून 2018 की वारदात इसकी पुख्ता गवाह है जिसमें छेडखानी से आहत होकर एक छात्रा इतना आहत हुई कि उसने आत्मदाह कर अपनी जान दे दी। पुलिस ने आरोपी को जब तक गिरफ्तार किया तब तक बहुत देर हो चुकी थी। 6 दिन तक छात्रा 80 फीसदी जली अवस्था में मौत से लड़ती रही और इंसाफ की आस में  दम तोड़ दिया. हालांकि इस बीच पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था और कई जगह दबिशें भी दी थीं

पीड़ित परिवार का आरोप है कि छेड़छाड़ करने वालों ने लड़की को अपहरण की धमकी भी दी थी. स्कूल आते-जाते वक्त ये लोग उसे परेशान करते थे और अंत में तंग आकर लड़की ने आत्मघाती कदम उठा लिया.


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) प्रदेश कानून व्यवस्था को सुधारने का दावा करते हैं, बावजूद इसके कई प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराध की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही है. आए दिन प्रदेश में लड़कियों और युवतियों के साथ छेड़छाड़ और मारपीट की घटनाएं देखने को मिल रही है. इसी कड़ी में मेरठ (Meerut) का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें सरेआम एक लड़का युवती को रोकने की कोशिश करते हुए दिखाई दे रहा है. यही नहीं वो उसके साथ मारपीट भी करता है. इस दौरान लड़की सड़क पर गिर जाती है.

आजादी के 77वें महापर्व से पहले मेरठ से ऐसी तस्वीरें सामने आईं है, जिसने पूरे प्रदेश को शर्मसार कर दिया है. ये वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रही है. ये वीडियो 13 अगस्त का बताया जा रहा है. सीसीटीवी में कैद हुए इस वीडियो में रात के समय 8.46 मिनट का समय दिखाई दे रहा है. वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक लड़की बैग लिए हुए गली से गुजर रही है, उसके साथ ही एक नारंगी रंग की शर्ट पहने हुए एक युवक चलता हुआ दिखाई देता है, वो रास्ते में उसके साथ छेड़छाड़ करता है और उसे रोकने की कोशिश करता है.

3 जुलाई 2021 को मेरठ में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां 17 वर्षीय लड़की ने जहर खा लिया और थाने पहुंच गई। लड़की ने एक युवक पर छेड़खानी का आरोप लगाया था, पुलिस में शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने से वह दुखी थी। थाने में पुलिस के सामने ही लड़की बेसुध होकर गिर पड़ी तो उनके होश उड़ गए। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने लड़की को मृत घोषित कर दिया।लड़की ने इस साल फरवरी में पुलिस से शिकायत की थी। लड़की ने युवक पर कई बार यौन शोषण करने का आरोप लगाया था, लेकिन पुलिस ने लड़की एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया था।

6 महीनों में पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
आरोप है कि पुलिस ने पिछले छह महीनों में इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं की। लड़की की मां ने बताया, ‘मेरी बेटी को न्याय नहीं मिला। वह बहुत परेशान थी, इसलिए उसने जहर खाकर अपनी जान दे दी।’आरोपी पुलिसवालों के निलंबन की कार्रवाई
एसपी प्रभाकर चौधरी ने कहा, ‘मैंने आरोपी पुलिसवालों के निलंबन का आदेश दिया है। मामले की फिर से जांच की जा रही है और व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।’

चक्कर खाकर थाने में गिरी, मचा हड़कंप
पुलिस के मुताबिक, लड़की थाने पहुंची और पुलिस से आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग की। इससे पहले कि ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी स्थिति को समझ पाते, वह दर्द के मारे चिल्लाने लगी, जिससे थाने में मौजूद सभी लोग सदमे में आ गए। अस्पताल ले जाने से पहले ही बच्ची गिर पड़ी। बाद में अस्पताल पहुंचे पर डॉक्टरों ने पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया।

पिता की मौत के बाद घर चलाने के लिए काम कर रही थी बच्ची
लड़की की मां ने बताया कि उसके पति की कुछ साल पहले मौत हो गई थी और तभी से वह परिवार चलाने का काम कर रही थी। उनकी पांच बेटियां और हैं, जिनमें से तीन की शादी हो चुकी है।

27 नवंबर 2022 को किठोर में एक टीचर को उसके ही स्टूडेंट ने रास्ते में छेडा डांटने पर आरोपी नाबालिग छात्रों ने टीचर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। मेरठ में तीन छात्रों को एक महिला शिक्षक के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। किठौर इलाके के एक इंटरमीडिएट कॉलेज का मामला है। जहां तीन छात्रों के द्वारा अपनी ही शिक्षका के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई। इसके बाद छात्रों ने छेड़खानी की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड भी किया। शिक्षका ने आरोप लगाया कि तीन छात्र उन्हें कई दिनों से परेशान कर रहे हैं। इसके लिए हमने कई बार शिकायत की लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं हुई।

बुलंदशहर में भी लड़की को किया था किडनैप मेरठ

से सटे बुलंदशहर में भी कुछ दिनों पहले अपराधियों ने एक लड़की का अपहरण कर लिया था. इसके बाद उसकी लाश ग्रेटर नोएडा में मिली थी. ये घटना थाने से थोड़ी ही दूरी पर हुई थी. इस मामले में पुलिस की बहुत फजीहत भी हुई.

पुलिस करती है अनदेखी

कॉलेज, स्कूलों, गली-मोहल्लों और नुक्कड़ों पर खड़े मनचले आती-जाती गल्र्स से छेड़खानी करते हैं। शहर में सड़कों पर तेज रफ्तार बाइक लेकर मनचले निकलते हैं और वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। आए दिन गल्र्स को उठाने का प्रयास किया जाता है। पुलिस इन मामलों में गंभीर नहीं दिखती और नतीजा बड़े बवाल के रूप में सामने आता है।

1090 व्यवस्था

यूपी सरकार ने 15 नवंबर 2012 को वूमेन हेल्प लाइन 1090 शुरू की। अगर किसी महिला को कोई छेड़ता है, फोन पर अश्लील बातें करता है, धमकी देता है या फिर रास्ते में परेशान करता है तो हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। हेल्पलाइन शुरू होते ही पहले महीने में एक लाख तीस हजार शिकायतें पूरे यूपी से दर्ज हुई थीं।

मेरठ से पचास हजार

मेरठ मंडल से अब तक 50 हजार से अधिक शिकायतें 1090 पर हो चुकी हैं, जिनमें महज 100 शिकायतों का निपटारा हो सका। इस साल मेरठ के थानों में लगभग 200 से अधिक शिकायतें छेड़खानी की दर्ज हुई हैं। मगर इनमें कितने जेल गए हैं इसका आंकड़ा खास नहीं है। पुलिस छेड़खानी की घटनाओं को बहुत कम दर्ज करती है। साथ ही समझौता करने में जुट जाती है। छेड़खानी करने वालों को पुलिस छोड़ देती है।

ये भी हुई व्यवस्था

पुलिस की ओर से छेड़खानी रोकने के लिए गुंडा दमन दल का गठन हुआ। महिलाओं की स्क्वायड तैयार की गई। गल्र्स कॉलेज के आसपास महिला पुलिस लगाई गई। साथ ही शिकायत पेटिकाएं टांगी गईं। जिन पर आज जंग ही लग रहा है। शिकायतें कभी निकली ही नहीं। शहर में पुलिस की सभी व्यवस्थाएं लगभग फेल रहीं। गुंडा दमन दल ने कुछ मनचलों को धरा भी, लेकिन यहां भी मामला गंभीर ही रहा।

आए दिन छेडख़ानी और तनाव

– 12 सितंबर को खरखौदा में दो बहनों को स्कॉर्पियों में खींचने का प्रयास किया गया। पब्लिक ने आरोपी पकड़कर पुलिस को दिए।

– 28 अगस्त को पोदीवाड़ा में छेड़खानी को लेकर दो संप्रदाय आमने-सामने आ गए। पथराव और फायरिंग हुई।

– 26 अगस्त को रेलवे रोड थाना क्षेत्र में छात्रा को मनचलों ने खींचने का प्रयास किया। आरोपी धरे गए।

– 22 अगस्त को सिविल लाइन थाना क्षेत्र में एक छात्रा से सरेराह छेड़खानी हुई। मनचलों ने कोचिंग से आती छात्रा का दुपट्टा हवा में उछाल दिया था।

– 18 अगस्त को भावनपुर एरिया के दतावली गांव में छेड़छाड़ को लेकर बवाल हुआ। जिसमें दोनों संप्रदाय के लोग आमने-सामने आ गए।

– 30 जुलाई को सरुरपुर के  गोटका गांव में कॉलेज से घर जाा रही छात्रा से अश्लील हरकत पर दो संप्रदाय आमने-सामने आ गए।

– 23 जुलाई को लालकुर्ती एरिया में छेड़खानी को लेकर जमकर बवाल हुआ। दो संप्रदाय के लोगों में पथराव और फायरिंग हुई।

– 5 जुलाई को जीरो माइल पर एक युवती को सपा का झंडा लगी कार सवार युवकों ने टेंपो से उठाने का प्रयास किया।

– 15 अप्रैल को शास्त्री नगर में युवती को अगवा करने का प्रयास। दो संप्रदायों में तनाव। जमकर हंगामा।

– 6 मार्च को मलियाना के इस्लाम नगर मोहल्ले की रहने वाली किशोरी से दूसरे संप्रदाय के युवकों ने छेड़खानी की। मामला सांप्रदायिक तनाव हुआ।

ये है कानून

– आईपीसी-1860 की धारा 294 के तहत अगर कोई अश्लीलता फैलाएगा,  जिससे दूसरों को परेशानी होती है। इसमें आरोपी को तीन माह का कारावास और दंड हो सकता है।

– आईपीसी की धारा 354 – जो कोई किसी स्त्री की लज्जा भंग करेगा या उस स्त्री पर हमला करेगा। आरोपी पर दंड और दो वर्ष तक की सजा का प्रावधान है।

– लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012 के तहत लड़की का पीछा करना, छेड़खानी, अश्लील बातें करना, रास्ते में रोकना, फोन पर अश्लील बातें करना, धमकी देना जैसी घटनाओं पर सजा नियत की गई है।

‘छेडख़ानी बवाल का एक कारण है, मगर इसे रोका जा सकता है। सादे कपड़ों में गल्र्स कॉलेज के पास ड्यूटी लगाई जाएं। जहां संवेदनशील इलाके और स्कूल कॉलेज हैं वहां स्कूल खुलने और बंद होने के समय थानाध्यक्ष को देखना चाहिए। ताकि छेड़खानी ना हो। साथ ही जो घटनाएं हुई हैं उनमें आरोपियों के खिलाफ सही कार्रवाई हो। आरोपियों को पकड़कर जेल भेजा जाए। साथ ही जो एक से अधिक मामलों में लिप्त है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो.’

वानगी:बरेली : सुभाषनगर में मनचलों का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है। रविवार को एक महिला ने बेटी के साथ मनचले द्वारा छेड़छाड़ की रिपोर्ट दर्ज ही कराई थी कि शाम को ही एक और मनचले ने ट्रैफिक पुलिस में तैनात सिपाही की बेटी से छेड़छाड़ की। वारदात को अंजाम तब दिया गया जब पड़ोस की दुकान पर सामान लेने गई थी।


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