
बगैर किसी शड्यूल के गुल कर दी जाती है कभी भी बत्ती, त्यौहारों में भी बिजली के नखरे, सांसद भी नाराज चीफ को चिट्टी
मेरठ/ त्यौहारी सीजन में भी शहर बिजली की कटौती से मुक्त नहीं। कई-कई घंटे के लिए शटडाउन लिया जा रहा है। इसको लेकर सवाल करो तो पहले तो कोई जिम्मेदार अधिकारी उपभोक्ता की कॉल ही रिसीव नहीं करेगा और यदि कभी कॉल रिसीव कर भी ली तो चीफ ने कॉल रिसीव की तो एक्सीयन से बात करो, एक्सीयन ने कॉल रिसीव की तो एसडीओ से बात करो और एसडीओ ने कॉल रिसीव की तो इलाके के जेई से बात करो और जेई को यदि कॉल की तो या तो मोबाइल नंबर स्वीच आॅफ मिलेगा या फिर कॉल रिसीव ही नहीं होगी। यह स्थिति तब है जब लखनऊ के आदेश है कि त्यौहारी सीजन में कट नहीं लगना चाहिए। और यदि शट डाउन लेना भी पड़े तो उसकी पूर्व सूचना दी जाए। यदि अचानक कट लिया जाए तो जो कॉल उपभोक्ता करें वो सभी रिसीव की जानी चाहिए, यदि किसी वजह से कॉल रिसीव नहीं हो पाती है तो बैक कॉल की जानी चाहिए। इतने सख्त निर्देश के बाद भी बैक कॉल तो दूर की बात आमतौर पर उपभोक्ता की कॉल रिसीव ही नहीं की जाती है।
बिजलीघर से स्टाफ गायबएसडीओ और जेई से कॉल पर बात ना होने पर जब उपभोक्ता बिजलीघर पर पहुंचते हैं तो वहां कोई नहीं मिलता। आमतौर पर शटडाउन के साथ ही बिजलीघर का स्टाफ भी गायब हो जाता है। लंबे शटडाउन में अक्सर यही होता है कि कोई मिलेगा ही नहीं और यदि रात का वक्त है तो किसी भी कीमत पर कोई नहीं मिलेगा।
सांसद भी नाराज चीफ को चिट्टी
मेरठ। त्यौहारी सीजन में बिजली की कटौती से सांसद अरुण गोविल भी नाराज हैं। उन्होंने इसको लेकर पीवीवीएनएल चीफ इंजीनियर को चिट्टी लिखी है। सोमवार को भेजी गई चिट्टी में सांसद ने कहा है कि वर्तमान त्यौहारी सीजन में नागरिक गतिविधियां, विशेषत: वाणिज्यिक कार्यकलाप, अपनी चरम सीमा पर होते हैं। सुधार कार्यों के आवरण में जो अघोषित एवं अत्यधिक विद्युत कटौती की जा रही है, वह न केवल उपभोक्ताओं के दैनिक जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है, अपितु व्यापारी वर्ग के लिए भी अत्यधिक रोष एवं आर्थिक क्षति का कारण बन रही है।
लाइनों की जर्जर अवस्था को देखते हुए कुछ करना जरूरी ही है तो इसे त्यौहारों के बाद किया जाए। उन्होंने अनुरोध किया है कि इस अनावश्यक कटौती को स्थगित किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि ताकि नॉन स्टाफ सप्लाई मिलती रहे।