
टेस्टिंग किट होने के बाद भी नहीं लिए जाते पानी के सेंपल, Cant Bord अफसरों ने ठेकेदार पर छोड़ दिया वाटर वर्क्स सिस्टम, दो दर्जन से ज्यादा के बीमार होने के बाद सीईओ की सख्ती
मेरठ। Cant Bord की ओर से किट दिए जाने के बावजूद छावनी के लोगों को सप्लाई किए जा रहे पेयजल के सेंपलिंग नहीं लिए जा रहे थे। रविन्द्रपुरी में दूषित पेयजल पीने से दो दर्जन से ज्यादा के बीमार होने के बाद सीईओ की सख्ती के चलते अब परत दर परत खुलती जा रही हं। रविन्द्रपुरी के लोगों ने बताया कि इतने सालों में आज तक उन्होंने कंट बोर्ड के किसी भी कर्मचारी को जांच के लिए पानी के सेंपल लेते नहीं देखा गया ह। नाम न छापे जाने की शर्त पर रविन्द्रपुरी में रहने वाले एक संविदा कर्मचारी ने बताया कि वो भी वक्त-वक्त पर बताते थे कि रविन्द्रपुरी के घरों में जो पानी सप्लाई किया जा रहा ह वह दूषित ह। पानी की टंकी का क्लोरिनेशन कराया जाना जरूरी ह। इस ओवरहेड टेंक के पानी के सेंपल लेकर जांच के लिए भेजे जाने चाहिए, लेकिन उनकी बात को किसी ने कोई तवज्जो नहीं दी, यह स्थिति तब ह जब Cant Bord की ओर से इस काम के लिए रखे गए इंस्पेक्टरों को जांच के लिए किट दी जाती ह। यह किट इसी लिए दी जाती ह ताकि हर माह पानी के सेंपल लिए जाएं, उनकी जांच की जाए, पीएच-वेल्यू मापी जाए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया, जिसका नतीजा रविन्द्रपुरी में दो दर्जन से ज्यादा लोगों का बीमार होना रहा।
Cant का वाटर वर्क्स सिस्टम ठेकेदार भरोसे
Cant Bordका वाटर वर्कस सिस्टम पूरी तरह से ठेकेदार के भरोसे छोड़ दिया गया ह। Cant Bord के ओवर हेड टंक की यदि बात की जाए तो रजबन, शिवाजी कालोनी, सदर नया बाजार, तोपखाना और लालकुर्ती में हं। इसके अलवा सोलह पंप भी हं। ओवरहेड टेक की नियमित रूप से सफाई और समय-समय पर क्लोरिन डाली जानी चाहिए। बताया गया कि ओवरहेड टंकों के पानी में मिलने के लिए जिन डोजरों में क्लोरिन रखी जाती ह, उनकी भी यदि मुनासिब जांच करा ली जाए तो पता चलेगा कि ज्यादातर काम ही नहीं कर रहे हं। कंटोंनमेंट हॉस्पिटल के पंप आॅपरेट करने के लिए जो संविदा कर्मचारी रखा गया ह वह चौबीस घंटे आॅन ड्यूटी रहता ह। जब एक ही कर्मचारी से दिन रात पंप आॅपरेट कराया जाएगा तो फिर पंप का रखरखाव कसा किया जा रहा होगा इसका अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है।