पालकी में विराजी मां जिनवाणी, श्रुत पंचमी के शुभ अवसर पर श्री 1008 पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर सदर मेरठ से शुक्रवार को मां जिनवाणी को पालकी मे विराजमान कर बैंड बाजे की मधुर स्वरलहरियों के बडे ही हर्षोल्लास के सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ श्री ऋषभदेव जिनालय ढोलकी मोहल्ला में ले जाया गया, वहां मां जिनवाणी के यंत्र का अभिषेक व पूजन आदि की क्रियाएं समाज द्वारा पूर्ण हर्षोल्लास के साथ की गई। जैन समाज व अन्य सामजिक सरोकारों में हमेशा अग्रीण रहने वाले विनेश जैन ने बताया कि श्रुत पंचमी पर्व का जैन धर्म में एक विशेष महत्व है। जिनवाणी (भगवान के उपदेशों एवं समस्त पूजा विधान आदि को समाहित करने वाला ग्रंथ) इस पावन अवसर को जैन धर्मावलंबियों द्वारा दुर्लभ ग्रंथों व धार्मिक शास्त्रों की रक्षार्थ मनाया जाता है। समस्त धार्मिक क्रियाएं पवन जैन विधानाचार्य एवं कपिल भैया के द्वारा संपन्न हुई। तत्पश्चात श्री जिनवाणी माता की पालकी गाजे बाजे के साथ पुनः श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर दुर्गाबाड़ी सदर ले जाई गई और वहाँ जिनवाणी माता को उनके स्थान पर विराजमान किया गया। कार्यक्रम में अक्षत, सचिन, निकुंज, संजय,अमित, विभोर, सोनिया, मीनू, रश्मि, रीना आदि उपस्थित रहे। इस पूजन क्रिया में सदर जैन समाज के सभी लोग शामिल हुए। श्री 1008 पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर सदर पर इस मौके पर जैन श्रद्धालुओं की अपार भीड़ लगी थी। इसमें जैन समाज के सभी वरिष्ठ लोग व अन्य भी मौजूद रहे। सभी भक्तिपूर्ण चित से इस विशेष पूजा विधि में शामिल हुए। मंदिर के भीतर हुए विधान में सभी ने श्रद्धा व उल्लास से भाग लिया। बड़ी संख्या में महिला पुरूष व बच्चे इस धार्मिक आयोजन के लिए जमा हुए। पूरा वातावरण भगवान के उपदेशों एवं समस्त पूजा विधान से गूंज रहा था। पूजन विधान के दौरान सभी प्रणाम की मुद्रा में होकर आनंदित ओर प्रफुल्लित थे। मंत्रोच्चारण चल रहा था। बेहद भव्य आयोजन श्री 1008 पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर सदर में किया गया। इसके लिए विनेश जैन ने सभी का आभार व्यक्त किया।