राम सेतु! सांसद ने जताया पीएम का आभार

kabir Sharma
3 Min Read
WhatsApp Channel Join Now

मेरठ। सांसद अरुण गोविल ने लोकसभा में कोस्टल शिपिंग बिल 2024 अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि यह विधेयक 2 दिसंबर 2024 को लोकसभा में प्रस्तुत किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य भारत के तटीय व्यापार (कोस्टल ट्रेड) को बढ़ावा देना, घरेलू जहाजों को बिना जटिल औपचारिकताओं और बड़े लाइसेंस के कोस्टल ट्रेड की अनुमति देना तथा इस क्षेत्र में विदेशी कंपनियों के वर्चस्व को समाप्त करना है। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि भारत में निर्मित जहाजों और भारतीय क्रूज सेवाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। अरुण गोविल ने संबोधन में राम सेतु से जुड़े एक महत्वपूर्ण प्रसंग का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 2005 में तत्कालीन सरकार ने देश के पूर्वी और पश्चिमी तट के बीच समुद्री मार्ग को छोटा करने के नाम पर राम सेतु को तोड़ने की साजिश रची थी। इस दौरान, तत्कालीन संस्कृति मंत्री अंबिका सोनी द्वारा भगवान श्रीराम को काल्पनिक बताने का शपथ पत्र दायर किया गया, जिससे पूरे देश में भारी आक्रोश फैला। व्यापक जन विरोध के कारण सरकार को यह शपथ पत्र वापस लेना पड़ा, और अंतत: वह राम सेतु को तोड़ने की अपनी योजना में असफल रही। सांसद ने इस संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की। उन्होंने कहा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने राम सेतु को तोड़ने की परियोजना को पूरी तरह से खारिज कर दिया, जिससे देश की जनता ने राहत की सांस ली। मोदी सरकार भारत के तटीय व्यापार को मजबूत करने और इसे आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। सांसद ने प्रधानमंत्री द्वारा ग्लोबल मैरीटाइम समिट 2023 के उद्घाटन का उल्लेख किया, जो मुंबई में आयोजित किया गया था। इस समिट में समुद्री क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया। इसके अलावा, 2047 तक भारतीय समुद्री बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 80 लाख करोड़ रुपये के निवेश की भी घोषणा की गई। सांसद अरुण गोविल ने इसे भारत को समुद्री शक्ति बनाने की दिशा में एक सशक्त निर्णय बताया।

डा. वाजपेयी व अरुण गोविल से भेंट


WhatsApp Channel Join Now
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *