210B: आठ साल में ना चल सके अढाई कदम, मेरठ छावनी स्थित बंगला 210B के पूरी तरह से ध्वस्तीकरण को लेकर मेरठ कैंट बोर्ड प्रशासन कितना गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अधिकारी आठ साल में अढाई कदम भी ना चल सके। जुलाई 2016 के बाद से वो चीर निंद्रा में अधिकारी नजर आते हैं। यूं सफाई देने को पिछले दिनों भले ही मुनादी करा दी गई हो, करीब डेढ़ साल पहले भी इसी तरह की मुनादी कराई गई थी। मुनादी के पीछे मकसद सिर्फ 210B में अब गैर कानूनी तरीके से रह रहे लोगों से अवैध वसूली से ज्यादा कुछ नहीं। आरटीआई एक्टिविस्ट पुनीत शर्मा ने रक्षा मंत्रालय के सचिव को भेजे पत्र में उक्त आरोप लगाए हैं। उन्होंने बोर्ड के एई व जेई पर 210B में रहने वालों से हर माह लाखों की अवैध उगाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कैंट बोर्ड प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए सवाल किए कि हाईकोर्ट ने जब 210B की सभी रजिस्ट्री निरस्त कर दी हैं और सभी निर्माणों को अवैध मानते हुए ध्वस्त किए जाने तथा जिन अधिकारियों के कार्यकाल में अवैध निर्माण हुए हैं उनके खिलाफ भी कार्रवाई किए जाने के आदेश दिए थे, तो फिर क्या कारण है कि कोर्ट के आदेशों की लगातार अवमानना की जा रही है। आरटीआई एक्टिवस्ट ने कैंट बोर्ड प्रशासन को कठघरे में खड़ा करते हुए पूछा है कि जब अदालत ने सभी निर्माण अवैध मानते हुए रजिस्ट्री तक निरस्त कर दी हैं तो फिर 210B को बिजली पानी की आपूर्ति क्यों की जा रही है। क्या कैंट बोर्ड प्रशासन के स्टाफ कुछ लोगों के लिए निजी लाभ लेना हाईकोर्ट के आदेशों से बड़ा हो गया है। रक्षा सचिव को उन्होंने इस पूरे प्रकरण में हिलाहवाली के लिए जिम्मेदार कैंट बोर्ड के अफसरों के कृत्य की जांच तथा उनकी जिम्मेदारी तय किए जाने की मांग की है। मेरठ कैंट बोर्ड प्रशासन की पूरे मामले में जिम्मेदारी तय किए जाने को हाईकोर्ट में पीआईएल की बात कही।