मेरठ। उद्योग व्यापार प्रतिनिध मंडल उत्तर प्रदेश ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के अन्तर्गत की जा रही कार्यवाही को एक सिरे से खारिज करते हुए मांग की है कि पुराने कानून की समीक्षा की जाए और नए सिरे से मानक तय किए जाएं। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल ने पुराने वर्तमान कानून को खामियों का पिटारा बताते हुए इसमें आमूल चूक बदलाव की मांग को लेकर जिला प्रशासन की मार्फत सीएम योगी को ज्ञापन भेजा। इस मौके पर भारी संख्या में व्यापारी कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। सिटी मजिस्ट्रेट को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि वर्तमान कानून के प्रावधानाें के तहत की जाने वाली कार्रवाइयाें से व्यापारियों को कठिनाइयां आ रही हैं।
12 लाख रूपये की सीमा मंहगाई के हिसाब से बहुत कम है। 40 लाख वार्षिक टर्न ओवर तक का काम करने वाले व्यापारियों की रजिस्ट्रेशन की सीमा में रखा जायें
खेती में कीटनाशक व रासायनिक खाद डालने का मानक तय नहीं है। अंधाधुंध कीटनाशक व रासायनिक खादों का प्रयोग खेती में किया जा रहा है। सिंचाई के लिए प्रयोग किये जाने वाला जल पूरी तरीके से दूषित हो चुका है, जिससे खेती से प्राप्त होने वाले खाद्ययान में रासायन व कीटनाशक भारी मात्रा में पाए जा रहे हैं, जिससे कैंसर जैसी घातक बीमारियों को बढ़ावा मिल रहा है। परन्तु खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के मानकों में बदलाव नहीं किया गया । जब तक नए सिरे से मानक तय नहीं किये जाते हैं। व्यापारियों के सैम्पिल न भरे जाएं। सभी प्रकार खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में रजिस्ट्रेशन के लिए 12 लाख तक के टर्न ओवर की सीमा तय की गई है, परन्तु 12 लाख रूपये की सीमा मंहगाई के हिसाब से बहुत कम है। 40 लाख वार्षिक टर्न ओवर तक का काम करने वाले व्यापारियों की रजिस्ट्रेशन की सीमा में रखा जायें। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में फूड एक्ट का लाइसेंस न पाए जाने पर सजा का प्राविधान खत्म किया जाये। जुर्माना अधिकतम रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस फीस का दोगुना किया जाये। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम (फूड एक्ट) के लिये पूर्णकालिक न्याय निर्णायक अधिकारी की नियुक्ति की जानी आवश्यक है, जिससे व्यापारी को शीघ्र न्याय मिल सके। पैकिंग के सामान में किसी भी प्रकार की कमी पाई जाने पर सिर्फ पैकिंग करने वाले फर्म या कम्पनी को ही दोषी माना जाए, होलसेलर व रिटेलर को दण्डित न किया जाये। भारी मात्रा में खाद्य पदार्थों का व्यापार ऑनलाइन फूड चेन सप्लाई व मल्टी नेशनल कम्पनियों के द्वारा किया जा रहा है, परन्तु ऑनलाइन फूड सप्लाई के डिलीवरी करने वाले व्यक्तियों के पास फूड लाइसेंस नहीं है। सभी ऑनलाइन व फूड चेन सप्लाई डिलीवरी करने वाले व्यक्यिों के खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के नियमों के अनुसार रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस बनवाये जाने के आदेश पारित हो। मल्टी नेशनल कम्पनी व फूड सप्लाई चेन के डिलीवरी होने वाले सामानों की सैम्पलिंग नहीं की जा रही है। ऑनलाइन फूड सप्लाई चेन की सैम्पलिंग भी नियमानुसार की जाये। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के सभी मामलों को अदालतों में भेजा जा रहा है। एक्ट में दी गई धारा-69 के अनुसार अधिकांश मामलों को शमन शुल्क जमा कराकर समाप्त किया जा सकता है। अधिकांश सभी विभागों में भी अनावश्यक मुकदमें आदि से बचने के लिए शमन शुल्क जमा कर मुकदमा समाप्त करने की व्यवस्था की गई है। शमन शुल्क व्यवस्था लागू करने से सरकार पर भी अनावश्यक मुकदमों के बोझ का भार कम होगा। अतः अभिहीत अधिकारी कार्यालय में शमन शुल्क जमा कराने की व्यवस्था लागू की जाए। लोकेश अग्रवाल के नेतृत्व में ज्ञापन देने वालों में शोभित भारद्वाज,अश्वनी कुमार बिश्नोई, सुनील गुप्ता, साजिद, सलीम अहमद, राजा, राहुल प्रजापति, राहुल गुप्ता, आकाश कुमार, रियाज, जागेश्वरत्यागी, राहुल शर्मा, मनीष त्यागी, इसरार सिद्दीकी, वसीम, निशांत अग्रवाल, मुकेश गर्ग, पवन कुमार गर्ग
आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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