कॉन कोर्स लेवल अंतिम चरण में, रैपिड रेल का मोदीनगर नॉर्थ आरआरटीएस स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल की स्लैब कास्टिंग का कार्य अंतिम चरण में पहुँच गया है और अगले सप्ताह तक इसका निर्माण पूर्ण होना संभावित है। इसके साथ ही, स्टेशन के प्लेटफॉर्म लेवल की स्लैब कास्टिंग का कार्य भी लगभग 40 प्रतिशत पूर्ण हो गया है। एक कतार में निर्मित किये गए 11 पिलर्स पर क्रॉसआर्म बनाकर स्टेशन की ऊपरी मंजिलें निर्मित की गई हैं। स्टेशन में स्लैब कास्टिंग के साथ-साथ सिग्नलिंग और टेलिकॉम उपकरण कक्ष का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है और ऑग्जिलरी सब स्टेशन (एएसएस) कक्ष का निर्माण कार्य आरंभ हो चुका है। एएसएस कक्ष से ही सम्पूर्ण स्टेशन में विद्युत की आपूर्ति की जाती है। अगले चरण में स्टेशन में सीढ़ियों और दो प्रवेश/निकास द्वार का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। मोदीनगर नॉर्थ स्टेशन, आरआरटीएस की नई यातायात व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस 215 मीटर लंबे और 25 मीटर चौड़े एलिवेटेड स्टेशन में तीन लेवल हैं- ग्राउंड लेवल, कॉनकोर्स लेवल और प्लेटफॉर्म लेवल। यात्रियों की सुविधा के लिए ग्राउंड लेवल पर स्टेशन के दोनों तरफ एक-एक प्रवेश/निकास द्वार बनाया जाएगा। दिल्ली-मेरठ मार्ग पर परिवहन को किसी प्रकार से बाधित न करते हुए एवं सड़क पर न्यूनतम फुटप्रिंट के साथ इस स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है। यात्रियों की सुविधा के लिए दो आरआरटीएस स्टेशन, मोदी नगर नॉर्थ और मोदी नगर साउथ बनाए जा रहे हैं। मोदी नगर क्षेत्र में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए किया जा रहा पिलर निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है। पिलर्स पर वायाडक्ट का निर्माण कार्य भी किया जा रहा है। आरआरटीएस कॉरिडोर के 17 किमी लंबे प्रायोरिटी सेक्शन (साहिबाबाद-दुहाई) का संचालन इसी वर्ष शुरू किया जाना है, जिसके लिए एनसीआरटीसी द्वारा लगातार आरआरटीएस ट्रेनों की टेस्टिंग जारी है। रीज़नल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम (आरआरटीएस) एनसीआर में यात्रियों को आधुनिक, वातानुकूलित, तेज और विश्वसनीय परिवहन सेवा प्रदान करेगा। वहीं दिल्ली से मेरठ तक सम्पूर्ण कॉरिडोर पर ट्रेनों का संचालन वर्ष 2025 में आरंभ करने का लक्ष्य है।