कैंट बोर्ड अफसरों का खेल उजागर, रजबन करई गंज स्थित आवासीय संपत्ति संख्या 35/36 में चार मंजिला होटल गोल्डन स्पून बनाने के खेल में मेरठ कैंट बोर्ड के कुछ अफसरों की बड़ी साजिश बू आ रही है। इस पूरे मामले में संपत्ति का चेज ऑफ परपज से लेकर अवैध निर्माण और सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे तक बात होती तो भी गनीमत थी, लेकिन इससे भी बड़ी साजिश की आशंका जतायी जा रही है। मामले में किसी अन्य नहीं बल्कि कैंट बोर्ड इंजीनियरिंग सेक्शन के ही कुछ बड़े अफसरों पर उंगली उठ रही है। साल 2017 में तत्कालीन सीईओ राजीव श्रीवास्तव व इंजीनियरिंग सेक्शन के हेड एई पीयूष गौतम के कार्यकाल में इस संपत्ति में अवैध निर्माण कर पंजाबी तड़का नाम से ढावा बनाया गया, देखते ही देखते यह ढावा बाद में गोल्डन स्पून नाम से होटल बन गया। इस अवैध निर्माण में कैंट अफसराें ने किस प्रकार से साजिश की इसको लेकर नयी जानकारी छन-छन के सामने आ रही है। हुआ यूं कि एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने अवैध निर्मण की शिकायत रक्षा मंत्रालय में की। उसके बाद अपनी गर्दन फंसते देख कैंट अफसरों ने ही पंजाबी तड़का का नाम बदलने की सलाह दे डाली। कैंट अफसरों की सलाह के बाद ही पंजाबी तड़का गोल्डन स्पून में तब्दील हो गया। इस खेल में कैंट अफसरों ने एक तीर से दो शिकार किए, पहला शिकार यह कि पंजाबी तड़का के नाम से जो शिकायतें की गई थीं, उनको लेकर मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी कि वहां पर पंजाबी तड़का को हटा दिया। इसी मामले को लेकर कोर्ट को भी गुमराह किए जाने की चर्चा है। कई बार छापे: पहले पंजाबी तड़का और बाद में गोल्डन स्पून नाम भले ही बदल गया हो, लेकिन यहां प्रतिबंधित शराब परोसने को लेकर पूर्व में कई बार आबकारी व पुलिस के छापे पड़ चुके हैं। सूत्रों की मानें तो यहां शराब परोसने का काम कैंट बोर्ड के एक पूर्व उपाध्यक्ष के छोटे भाई कर रहे हैं। यह भी पता चला है कि यहां भारी भरकम के ले देन को लेकर भी रार थी।