निगम के वार्ड 81 का मामला, पुरानी ईंटों से बनायी जा रही नाली, किसी भी वक्त ध्वस्त होने की आशंका
मेरठ। नगर निगम के ठेकेदार ने वार्ड 81 में बनायी जा रही नालियों में घोटाला कर दिया है। नालियों के निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री व पुरानी ईंटे लगाए जाने के आरोप सपा नेताओं ने लगाए हैं। उन्होंने नगरायुक्त से संबंधित ठेकेदार की जांच कराकर दोषी पाए जाने पर उसकी सिक्योरिटी मनी जब्त करने व ब्लैक लिस्टेड किए जाने के आरोप लगाए हैं। साथ इस मामले में निगम के निर्माण विभाग के अफसरों की भी जिम्मेदारी तय किए जाने की बात नगरायुक्त से कही गयी है।
यह है मामला
निगम केवार्ड नंबर 81 के अंतर्गत तारापुरी काले जादू वाली गली में नगर निगम द्वारा सीसी मार्ग एवं नाली दोनों साइड का निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें नाली निर्माण में पुरानी ईटों का प्रयोग किया जा रहा है तथा मसाला भी 20/1का लगा रहे हैं जिससे नाली कभी भी क्षतिग्रस्त हो सकती है तथा नगर निगम द्वारा जो स्टीमेट बनाया गया है उसमें पूरी तरह से नहीं और एक बटे दो का मसाला लगाने को कहा गया है, लेकिन ठेकेदार व अवर अभियंता निर्माण नगर निगम एवं सुपरवाइजर निर्माण नगर निगम मेरठ की मिली भगत के कारण घटिया सामग्री लगाई जा रही है।
एक दूसरे पर फोड़ रहे ठिकरा
और घटिया निर्माण हो रहा है क्योंकि यह अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र है इसलिए जानबूझकर ठेकेदार वह निर्माण विभाग के अधिकारियों की मिली भगत सबके सामने है तथा अधिकारी एक दूसरे पर पल्लू झाड़ कर इति श्री कर रहे हैं जबकि समस्या का निस्तारण करना अधिकारियों का कर्तव्य है लेकिन नगर निगम के अधिकारी घोर लापरवाही व्रत रहे हैं जिसको लेकर क्षेत्र की जनता में भारी आक्रोश व्याप्त है।
नगरायुक्त के घेराव की चेतावनी
लोगों ने नगरायुक्त के घेराव की चेतावनी दी है। इलाके के सपा नेता व पूर्व पार्षद अफजाल सैफी ने चेतावनी दी है कि यदि निर्माण कार्य में सुधार नहीं किया गया और नाली में नहीं ईट और मसाले की गुणवत्ता नहीं सुधारी गई तो तारापुरी काले जादू वाली गली के लोग नगर निगम पर धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी नगर निगम के अवर अभियंता निर्माण व सुपरवाइजर निर्माण की होगी। आरोप है कि स्टीमेट बनाते समय भारी अनियमितताएं बरती गई है, जिसका कारण है क्षेत्र में घटिया निर्माण होना है।
पीडब्लू डी से जांच की मांग
क्षेत्र के समाजवादी पार्टी एवं कांग्रेस नेताओं ने मांग की है कि इस प्रकरण की जांच लोक निर्माण विभाग सिंचाई विभाग अथवा मेरठ विकास प्राधिकरण के योग्य अभियंताओं से कराई जाए जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए और इस अनियमित में शामिल अवर अभियंता निर्माण सुपरवाइजर निर्माण सहायक अभियंता व अधिशासी अभियंता के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का कष्ट करें अगर 3 दिन में समस्या का समाधान नहीं हुआ तो क्षेत्र के लोग नगर निगम पर भारी संख्या में विरोध प्रदर्शन करेंगे।