निजीकरण और प्रिपेड मीटर का कर रहे हैं विरोध, सरकार पर वादा खिलाफ का आरोप, 26 को जिला मुख्यालय पर गरजेंगे बिजलीकर्मी
New Delhi/ मेरठ। बिजली कर्मचारी संयुक्त मोर्चा 26 नवंबर को देश भर में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेगा। संयुक्त मोर्चा बिजली के निजीकरण और प्रिपेड मीटरों का विरोध कर रहा है। विरोध प्रदर्शन में किसानों के संगठन भी शामिल होंगे।,
संघर्ष समिति के संयोजक आलोक त्रिपाठी ने बताया कि बिजली के निजीकरण, इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2025 और प्रीपेड मीटर लगाए जाने के विरोध में 26 नवम्बर को बड़े आंदोलन की तैयारी है। नेशनल कोआॅर्डिनेशन कमेटी आॅफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स तथा संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय नेताओं के बीच बनी सहमति के बाद किसानों ने 26 नवम्बर को सारे देश में बिजली के निजीकरण, इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2025 और प्रीपेड मीटर लगाए जाने के विरोध में व्यापक विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संगठन समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने बताया राष्ट्रीय स्तर पर बिजली कर्मचारियों के फेडरेशन तथा संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के बीच में बनी सहमति के बाद निजीकरण के विरोध में मिलकर व्यापक राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाने का निर्णय लिया गया है।
वायदे का उल्लंघन
]9 दिसंबर 2021 को केंद्र सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा के बीच बनी सहमति के बाद केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा को लिखित दिया था कि किसानों, उपभोक्ताओं और स्टेकहोल्डर्स को विश्वास में लिए बिना बिल नहीं लाया जाएगा। वायदे का उल्लंघन करते हुए निजीकरण किया जा रहा है और केन्द्र सरकार एक बार पुन: इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2025 लेकर आ गई है। सरकार 42 जनपदों का निजीकरण करने पर आमादा है जहां प्रदेश की सबसे गरीब जनता रहती है। आंदोलनकारियों की मांग है कि पूर्वांचल व दक्षिणांचल निगम के निजीकरण निरस्त किया जाय व अमेंडमेंट बिल वापस लिया जाय तथा किसानों और उपभोक्ताओं के घरों पर जबरदस्ती प्रीपेड स्मार्ट मीटर न लगाया जाये। लखनऊ में 26 नवंबर को प्रात: 11:00 बजे परिवर्तन चौक पर होगा । इसमें बिजली कर्मी भी सम्मिलित होंगे।