नहीं माना समझौता भेज दिया जेल

kabir Sharma
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मेरठ/ सूरजकुंड डिपो फायरिंग कांड के आरोपी भाजपा पार्षद रविन्द्र को शुक्रवार को सिविल लाइन पुलिस ने जेल में दाखिल कर दिया। फायरिंग मामले को लेकर संगठन के पार्षद पक्ष व निगम कर्मचारी पक्ष के बीच समझौते का दावा कर भाजपा के जो नेता अपनी पीठ ठोक रहे थे पार्षद के सलाखों के पीछे पहुंचने के बाद साबित हो गया कि भले ही संगठन की सरकार है, लेकिन पुलिस के आगे उनका बस नहीं चलता। समझौता कराने वालें में महापौर, कैंट विधायक, महानगर भाजपाध्यक्ष कमलदत्त शर्मा शहर भाजपा में जितने भी बड़े नाम हो सकते हैं वो सब शामिल थे। दोनों पक्ष के लोग शामिल थे। समझौते के बाद ये तमाम बड़े नेता दोनों पक्षों को लेकर एसएसपी से मिलने भी पहुंचे, लेकिन पार्टी के पार्षद को जेल जाने से बचा नहीं सके। कार्यकर्ताओं के बीच इसको लेकर भारी बेचैनी देखी जा रही है। वहीं दूसरी ओर सीओ सिविल लाइन अभिषेक तिवारी का कहना है कि जहां तक समझौते की बात तो वो देखना पुलिस का काम है।

सूरजकुंड वाहन डिपो पर गोलीबारी की घटना को लेकर निगम के पार्षदों व कर्मचारियों के बीच कई दिन की तनातनी के बाद महापौर कैंप कार्यालय में राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर, महापौर हरिकांत अहलूवालिया, विधायक अमित अग्रवाल, एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज सहित भाजपा नेताओं के सामने पार्षद रविंद्र और कर्मचारी अविनाश के परिवार ने आपस में समझौता करने का दावा किया था। हालांकि उसी वक्त एसएसपी ने साफ कर दिया था कि का कहना कि समझौते से पुलिस का लेना-देना नहीं है। कोर्ट की कस्टडी में पार्षद का इलाज मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में चल रहा है।

10 अप्रैल को सूरजकुंड डिपो में हुई थी। वार्ड-18 में कूड़ा गाड़ी न पहुंचने पर स्थानीय भाजपा पार्षद रविंद्र ने अपने 20 साथियों के साथ सूरजकुंड डिपो पर पहुंचकर कर्मचारियों पर फायरिंग कर दी थी। एक गोली कूड़ा गाड़ी चालक अविनाश के पैर में लग गई थी। इस घटना को लेकर कर्मचारियों ने हड़ताल की। वहीं पार्षद के पक्ष में अनुसूचित समाज ने निगम के सभी पार्षदों को साथ लेकर कालियागढ़ी में महापंचायत की थी।  यह विवाद लगातार बढ़ता जा रहा था। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगाकर फिर से हड़ताल और महापंचायत का एलान कर चुके थे। इससे शहर में कूड़ा न उठने के साथ-साथ सफाई व्यवस्था भी चौपट होने लगी थी।  महापौर कैंप कार्यालय में गोली लगने से घायल कर्मचारी अविनाश कुमार के पिता रतन सिंह, भाई-बहन और दूसरे पक्ष यानी पार्षद रविंद्र की पत्नी ममता सहित परिवार के लोग पहुंच गए। दोनों परिवारों ने आपस में समझौता करने की बात भाजपा नेताओं के सामने कही थी लेकिन भाजपाइयों के इस समझौते की पार्षद रविन्द्र को जेल भेजकर पुलिस ने हवा निकाल दी।

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