द्वितीय दिवस उत्तम मार्दव धर्म

द्वितीय दिवस उत्तम मार्दव धर्म
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दूसरे में  दिवस उत्तम मार्दव धर्म, वीर निर्वाण संवत 2548 वे वर्ष में जैन धर्म के सबसे महत्वपूर्ण पर्वों में दसलक्षण महापर्व के द्वितीय दिवस उत्तम मार्दव धर्म के दिन आज दिन गुरूवार को श्री 1008 पारसनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर सदर बाजार मेरठ में सरूरपुर से पधारे विधानाचार्य पंडित नमन जैन “विनिश्चयांश” के निर्देशन में एवं अंकुर जैन एंड पार्टी बड़ोत की स्वर लहरियों के माध्यम से श्री भक्तामर महामंडल विधान में 48 अर्घ पूर्ण भक्ति भाव के साथ समर्पित किए गए।

 

आज के सौधर्मेंद्र श्री मृदुल जैन ने प्रथम अभिषेक किया एवं पूर्ण अर्घ समर्पित किया। दोपहर में पंडित नमन जैन विनिश्चयांश जी के माध्यम से तत्वार्थ सूत्र का वाचन हुआ एवं उत्तम मार्दव धर्म के महत्व को समझाया कहा व्यक्ति को गर्व में नहीं में गर्भ में आना चाहिए क्योंकि गर्भ में आये बिना कल्याण नहीं हो सकता परन्तु गर्व में आने से पतन निश्चित है अहंकार पतन का कारण है हमें विनयवान बनना है मार्दव धर्म को अपनाना है अहंकार के कारण तो रावण जैसे महाविद्वान का पतन हुआ आयोजक समिति अक्षत, निकुंज, सचिन, संजय आदि ने पूर्ण भक्ति के साथ सहयोग देते हुए जिनेंद्र भगवान की आराधना की। श्री 1008 पारसनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर सदर बाजार मेरठ इन दिनों जैन समाज के इन भव्य आयोजनों को पूरा श्रेय सदर जैन समाज की अक्षत जैन की टीम को दिया जा रहा है।

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