हे राम! मुर्दों से भी करा रहे काम

हे राम! मुर्दों से भी करा रहे काम
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हे राम! मुर्दों से भी करा रहे काम,  अंधेरगर्दी: जो दिवंगत हो चुके उनको भी प्रमोशन
-पीवीवीएनएल अफसरों की कारगुजारी जो रिटायर्ड उनका भी नाम प्रमोशन लिस्ट में
-जीटी-2 से जेई के पद पर प्रमोशन की सूची ने खोल दी अफसरों की काबलियत की पोल
मेरठ। एक ओर जहां सूबे में हाई एजुकेशन हासिल करने वाले युवा नौकरी के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। नौकरी के लिए अपनी तमाम डिग्री भी एक ओर रखकर कुछ भी काम के लिए तैयार हैं, वहीं दूसरी ओर सूबे के बिजली महकमे में लगता है नौकरियों की बहार है। कर्मचारियों को प्रमोशन की रेलम रेलम है। शायद यही कारण है कि प्रमोशन की इस रेलम रेल में पावर कारपोरेशन के जिन कर्मचारियों का अरसे पहले निधन हो चुका है या जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं, उनका नाम भी प्रमोशन पाने वालों की सूची में शामिल कर लिया गया है। नौबत केवल यही तक नहीं रही। प्रमोशन लिस्ट तैयार करने वाले यहीं तक नहीं रूके, उनकी कारगुजारियां इससे भी कई कदम आगे बढ़ गयीं। शासन का नियम है कि यदि किसी कर्मचारी को प्रमोशन दिया जाता है तो पहले उसकी रजामंदी ली जाती है। महकमे के जो भी कर्मचारी प्रमोशन के लिए डिजर्व करते हैं, उनके नाम प्रमोशन लिस्ट में शामिल करने से पहले उनकी रजामंदी ली जाती है। लेकिन लगता है कि पावर कारपोरेशन उत्तर प्रदेश के लखनऊ में बैठ अफसरों को इससे कोई सरोकार नहीं रह गया है वो तो भला हो राज्य विद्युत परिषद प्राविधिक कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश का जिसने बिजली महकमे के अफसरों की यह बड़ा झटका देने वाली कारगुजारी पकड़ ली।
ये होना था
दरअसल, उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अफसरों ने तय किया कि कुछ तकनीकि कर्मचारियों को प्रमोशन दिया जाए। प्रमोशन देकर उन्हें जेई बना दिया जाए। यह तय हुआ कि टीजी-2 से अवर अभियंता के कैडर का प्रमोशन दिया जाए। इसके लिए तमाम औपचारिकताएं पूरी कर ली गयीं। आगरा डिस्कॉम, मेरठ डिस्कॉम, वाराणसी डिस्कॉम, लखनऊ डिस्कॉम व कानपुर डिस्कॉम से कर्मचारियों का डाटा मांगा गया ताकि टीजी-2 से अवर अभियंता कैडर दिया जा सके। यह सूची लखनऊ में बैठे चीफ इंजीनियर हाईडिल कार्यालय को भेजी गयी। हालांकि सूची तो महज औपचारिकता भर है। बिजली महकमे के तमाम कर्मचारियों का डाटा यूं तो कम्प्यूटराइज है। खैर सूची तैयार कर ली गयी और उसको जारी भी कर दिया गया।
पैरों तले से खिसकी जमीन, ये हुए दिवंगत, किया प्रमोटिड
टीजी-2 से जिन्हें अवर अभियंता का कैडर दिया गया उनकी जब सूची महकमे में वायरल हुई तो कर्मचारियों का दिमाग घूम गया। ऐसे लोगों का भी नाम प्रमोशन लिस्ट में शामिल था जो इस दुनिया से जा चुके हैं। अब प्रमोशन पाने वाले दिवंगतों की सूची पर एक नजर डाल लेते हैं।
सीईएचसी-408-स्व. महिपाल सिंह पुत्र स्व. गंगा विशन विवि खंड डिबाई बुलंदशहर।
सीईएचसी-1146-स्व. मुनि राम पुत्र स्व. उत्तम सिंह विवि खंड-प्रथम गजरौला अमरोहा।
सीईएचसी-1168-स्व. उदय भान यादव पुत्र रामदरश यादव वि.न.वि. खंड-प्रथम सहारनपुर।
सीईएचसी-2100-स्व. अनिल कुमार कश्यप पुत्र बसंतराम वि.वि.ख. मिलक रामपुर।
सीईएचसी-2343-स्व. दीनदयाल पुत्र सुरेश पाल वि.वि.ख. चतुर्थ स्याना, बुलंदशहर।
सीईएचसी-2649-स्व. राधे श्याम पुत्र स्व. भगवान दास वि.वि. खंड द्वितीय रामपुर।
सीईएचसी-2869-स्व. लोकेन्द्र पुत्र स्व. इंद्रपाल सिंह वि.वि. खंड-प्रथम, मुरादाबाद।
सीईएचसी-2870-स्व. ब्रजेश कुमार पुत्र स्व. बच्चन सिंह, वि.वि. जहांगीराबाद, बुलंदशहर।
सीईएचसी-3489-स्व. वेद प्रकाश पुत्र स्व. मंगल सैन, वि.वि.ख. जहांगीराबाद, बुलंदशहर
सीईएचसी-3547-स्व. चंद्र प्रकाश पुत्र स्व. लखन सिंह, वि.न.वि. खंड प्रथम, गाजियाबाद।
सीईएचसी-3780-स्व. अतुल वर्मा पुत्र स्व. ईश्वर दयाल वर्मा, वि.वि. खंड प्रथम, गजरौला-अमरोहा।
सीईएचसी-3845-स्व. अनिल कुमार पुत्र स्व. तेजराम वि.वि. खंड चतुर्थ, मेरठ।
जिनकी काबलियत पर सवाल
सीईएचसी-465-नरेश पुत्र रामचंद्र, वि.वि. खंड प्रथम मेरठ।
सीईएचसी-650-सतपाल पुत्र लाल सिंह, वि.वि. खंड प्रथम मेरठ।
सीईएचसी-938-राहत अली पुत्र रुस्तम अली, वि.वि.ख. प्रथम बिजनौर।
सीईएचसी-3190-बालेराम पुत्र गणेशी शर्मा, वि.वि. खंड तृतीय लोनी गाजियाबाद।
एक ही नाम दो-दो बार
सीईएचसी-3194-किशन राय सिंह पुत्र सुक्खन सिंह, वि.न.प.ख. द्वितीय गाजियाबाद।
नियुक्ति तिथि 28 जून 2010
सीईएचसी-3551-किशन राय सिंह पुत्र सुक्खन सिंह, वि.न.प.ख. द्वितीय गाजियाबाद।
नियुक्ति तिथि 23 मार्च 2011
वर्ष 2016 में टीजी-2 बने कर्मचारी
सीईएचसी-606-आनद कुमार पुत्र सोहनबीर सिंह, वि.वि.ख. खतौली मुजफ्फरनगर।
सीईएचसी-1505-लाल सिंह पुत्र सत्यपाल सिंह वि.वि.ख. खतौली, मुजफ्फरनगर।
गुमशुदा कर्मचारी
सीईएचसी-2782-पिंकू पुत्र सूरजपाल सिंह, वि.वि.ख. प्रथम बिजनौर।
रिटायर्ड कर्मचारी
सीईएचसी-676-मसरूफ अली-पुत्र ररूफ वि.वि.ख. प्रथम-हापुड़।
सीईएचसी-388-शीशपाल पुत्र विजय सिंह, वि.वि.ख. जहांगीराबाद, बुलंदशहर।
ये कहना है पीवीवीएनएल चीफ इंजीनियर का
पीवीवीएनएल चीफ इंजीनियर अनुराग अग्रवाल से जब इस संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि यह सूची लखनऊ मुख्यालय में तैयार की गयी है। जब बताया गया कि लिस्टिंग तो मेरठ स्तर पर की गयी होगी तो उनका कहना था कि कर्मचारियों का सारा डाटा कम्यूटराइज है। यह लखनऊ में भी मौजूद है। हालांकि यह मामला सीधे पीवीवीएनएल के कार्मिक प्रबंधन प्रशासन से जुड़ा है। प्रमोशन लिस्ट में इतनी बड़ी त्रुटि की वजह जानने के लिए जब चीफ एके पुरवाह से संपर्क का प्रयास किया गया तो दूसरी ओर से किन्हीं कारणों के चलते काल रिसीव नहीं की जा सकी।
ये कहना है कर्मचारी संघ महासचिव का
राज्य विद्युत परिषद प्राविधिक कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश के महासचिव अभिमन्यु कुमार से जब इस संबंध में जानकारी की गयी तो उन्होंने अपनी बात जिस सादगी से समझायी उसका यहां उल्लेख करना तो मुनासिब नहीं होगा, लेकिन उन्होंने इतना जरूर कहा कि इस मामले की जांच की जानी चाहिए और तक तक जाकर जिम्मेदारी भी तय की जाए।

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