जीवन रक्षक अवैध: कार्रवाई कब

जीवन रक्षक अवैध: कार्रवाई कब
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जीवन रक्षक अवैध: कार्रवाई कब , एमडीए के जोन सी-3 बागपत रोड संजय कालोनी मेरठ के समीप जीवन रक्षक नाम के जिस हॉस्पिटल का उद्घाटन कराकर धड़ल्ले से संचालन किया जा रहा है, वह हॉस्पिटल ही नहीं बल्कि जहां कथित तौर पर अवैध कब्जा कर वह बनाया गया है, उसके मालिकाना हक की कोई जानकारी अवैध निर्माण कराने वालों ने अभी तक एमडीए के अवर अभियंता को नहीं दी है। दरअसल इसको लेकर पूर्व में धारा न्यूज ने जब प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया तो उसका संज्ञान लेकर जोन के अवर अभियंता महादेव शरण ने नोटिस जारी कर दिया। संजीव तिवारी ने बताया कि यदि तय मियाद में हॉस्पिटल जीवन रक्षक का अवैध निर्माण करने वालों ने माकूल उत्तर नहीं दिया तो उसको जेसीबी लगाकर ध्वस्त करा दिया जाएगा। इसको लेकर उन्होंने पूरी जांच पड़ताल के बाद रिपोर्ट भी तैयार कर लिए जाने की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि यह अवैध निर्माण हर दशा में ध्वस्त किया जाएगा। इसके पीछे ठोस कारण भी गिनाए जा रहे हैं। अवैध निर्माण को लेकर अवर अभियंता महादेव शरण की रिपोर्ट पर जो नोटिस जारी किया गया है, वह किसी राजबीर यादव नाम के शख्स के नाम जारी किया गया है। राजबीर यादव ने मकान बनाने के नाम पर यह जगह किस किसान से खरीदी थी, एमडीए प्रशासन या सरकारी अभिलेखों में उसका कोई जिक्र या जानकारी नहीं मिलती है। इसके अलावा यह भी आशंका है कि यह पूरा प्लाट ही अवैध रूप से कब्जा किया हुआ है। ऐसी भी जनचर्चाएं हैं। राजबीर यादव ने यहां अपना मकान बनाया। काफी समय तक यह मकान यहां रहा। लेकिन बाद में इस मकान में रहने वाले परिवार के लोगों का जीवन रक्षक हॉस्पिटल का अवैध निर्माण करने वालों से कनेक्शन हो गया। इस मकान को हॉस्पिटल में तब्दील कराने में मुख्य भूमिका एमडीए के पूर्व अवर अभियंता ने निभाई संजीव तिवारी ने ही निभाई। आसपास के लोगों की मानें तो बजाए कार्रवाई करने के तत्कालीन अवर अभियंता हॉस्पिटल संचालकों के मददगार साबित हुए। (जितेन्द्र शर्मा की रिपोर्ट)

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