किचन में ओटी-मकान में हॉस्पिटल

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किचन में ओटी-मकान में हॉस्पिटल, -अफसरों को बड़े हादसे का इंतजार- मेरठ। इसको सिस्टम की अंधेरगर्दी न कहें तो और क्या कहें कि मकानों में हॉस्पिटल और किचन में आपरेशन थियेटर चल रहे हैं। इसके लिए सीधे जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि मेरठ विकास प्राधिकरण, आवास विकास परिषद और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हैं। हो यह रहा है कि ऐसे मामलों का बजाए स्वयं संज्ञान लेकर कार्रवाई की हिम्मत दिखाने के उक्त तमाम महकमों के अफसरों का रवैया एक दूसरे के पाले में गेंद डालने का है। ऐसे हाॅस्पिटल जो किसी मकान में थोड़ा बहुत रद्दोबदल कर बना लिए गए हैं, क्यो वो स्वास्थ्य विभाग के मानकों के अनुकूल संचालित किए जा रहे हैं। हो यह रहा है कि अफसरों की मुट्ठी गरम कर मकानों में हॉस्पिटल और किचन में ऑपरेशन थियेटर चलाने वाले खुद की डिग्रियों को लेकर प्रचार में भारी भरकम रकम बहाने वाले सरकारी कायदे कानूनों को तो पोस्टमार्टम कर ही रहे हैं साथ ही मरीजों की जान से खिलवाड़ भी किया जा रहा है। मकानों में चलने वाले हॉस्पिटल एक दो नहीं अकेले आवास विकास परिषदीय क्षेत्र में ही करीब 31 बताए जाते हैं। आवास विकास परिषद अधिकारी इन्हें अवैध बताते हैं। लेकिन ध्वस्त करने को तैयार नहीं। स्वास्थ्य विभाग ने अवैध बताए जा रहे हॉस्पिटलों के संचालन के लाइसेंस निरस्त कर डाक्टरों को जेल भेजने के बजाए केवल नोटिस देकर हाथ खड़े कर दिए हैं। लगता है कि स्वास्थ्य विभाग और आवास विकास परिषद के आला अफसरों को किसी बड़े हादसे का इंतजार है। आवास विकास परिषदीय क्षेत्र गुरुद्वारा रोड पर आवास विकास परिषद के ऑफिस के बिल्कुल पास सेक्टर 3 शास्त्री नगर आवासीय भूमि पर सनफोर्ड व्यवसायिक हॉस्पिटल चल रहा है। इसका  लाइसेंस हुआ कैंसिल 6 माह हो गए हैं। अब सुनने में आया है कि  आवास विकास परिषद कर रहा है प्रॉपर्टी निरस्त करने की तैयारी में है। इसके  मालिक का नाम है सुभाष प्रधान और उनके  किराए पर लिये मकान में हॉस्पिटल चलाया जा रहा है। सीधी कार्रवाई के बजाए आवास विकास परिषद के  सहायक अभियंता वीरेंद्र यादव का कहना है कि इस मामले में प्रॉपर्टी निरस्तीकरण की कार्रवाई के लिए संपत्ति विभाग को लिखा जा चुका है जैसे ही फोर्स मिलेगी हम इस पर सील की कार्यवाही करेंगे।

इसी तर्ज पर मेरठ विकास प्राधिकरण टीपीनगर क्षेत्र के बागपत रोड पर थाने से चंद कदम की दूरी पर स्थित एक मकान में अवैध रूप से बना लिए गए जीवन रक्षक हॉस्पिटल में मदद करने वाला कोई और नहीं बल्कि एमडीए के अवर अभियंता संजीव तिवारी ही हैं। आरोप है कि जोनल अधिकारी अरूण शर्मा ने खुद मौके पर खड़े होकर पूरी दबंगई दिखाते हुए यह अवैध निर्माण कराया है। इस काम में उनकी मदद अवर अभियंता संजीव तिवारी ने भी की। चर्चा है कि अवैध हॉस्पिटल बनाने वालों से जो भी सेटिंग गेटिंग हुई है वह संजीव तिवारी ने ही की है। संजीव तिवारी की इस मदद की एवज में हॉस्पिटल बनाने वालों में भारी भरकम तरीके से मुट्टी गरम की है। तब कहीं जाकर यह अवैध निर्माण संभव हो सकता है। इतना ही नहीं यह भी सुनने में आया है कि मकान में जीवन रक्षक हॉस्पिटल बनाने के मामले की शिकायत एक मंडलायुक्त व उपाध्यक्ष को की गई है। । मेरठ विकास प्राधिकरण के जोन सी-3 संजय कालोनी बागपत रोड के समीप स्थित अवैध जीवन रक्षक को लेकर जो जानकारी पड़ौसियों ने दी है उसके मुताबिक जिस मकान में यह हॉस्पिटल बनाया गया है उसकी लिखा पढ़ी कागजों में  किसी राजबीर यादव के नाम है। राजबीर यादव ने किससे यह लिया है या पहले से ही उसके नाम है, यह तो स्पष्ट नहीं हो पाया है, हालांकि कुछ लोगों ने दबी जुवान में यह भी कहा है कि इस मकान के राजबीर यादव के नाम होने के पीछे भी एक रहस्मयी कहानी है। यह कहानी क्या है इसका खुलासा तो खुद राजबीर ही कर सकते हैं। मकान का भू-उपयोग बदलकर वहां व्यवसायिक निर्माण नियामानुसार नहीं किया जा सकता। लेकिन यदि राजबीर यादव के संजय कालोनी बागपत रोड स्थित इस मकान को व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है।  सूबे के सीएम योगी की बात की जाए तो उनकी मंशा तो कुछ ऐसी ही है कि केवल अवैध निर्माण ही नहीं जीवन रक्षक हॉस्पिटल जैसे अवैध निर्माणों में लिप्त प्राधिकरण के कर्मचारियों पर भी कठोरतम कार्रवाई की जानी चाहिए। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को इतनी फुर्सत नहीं कि मकानों में अवैध हास्पिटल व किचन में ओटी चलाने वालों पर शिकंजा सका जा सके। ऐसे मकानों में जहां किचन हुआ करती थी, वहां कुछ रद्दोबदल कर ओटी बना ली गयी है।

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