अटल भू-जल योजना के बाद भी बदहाल हैं तालाब, सांसद अरुण गोविल का जिला भूमि संरक्षण अधिकारी को पत्र
मेरठ। सरकार की अटल भू-जल योजना के बाद भी जनपद के तमाम तालाब बदहाल हैं। अधिकारियों को तालावों की सुध लेने के लिए गांवों में झांकने तक की फुर्सत नहीं। अरसे से अटल भू-जल योजना संचालित है, लेकिन जनपद के तमाम तालाबों को अधिकारियों की नींद टूटने का इंतजार है। तालाबों की बदहाली की जानकारी मिलने पर सांसद अरुण गोविल ने अब इनकी सुध ली है तथा इसको लेकर उन्होंने मंगलवार को जिला भूमि संरक्षण अधिकारी को पत्र लिखकर अटल भू-जल योजना के अंतर्गत ग्रामों के तालाबों की साफ-सफाई और नालों के जीर्णोद्धार का कार्य सुनिश्चित कराने को कहा है। पत्र में उल्लेख किया है कि अटल भू-जल योजना के अंतर्गत भू-जल स्तर को बढ़ाने और जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाओं का कार्यान्वयन किया जा रहा है। उन्होंने अनुरोध किया है कि किनानगर-1, अटौला, धीरखेड़ा, हसनपुर कदिम, फखरपुर, कबट्टा, छिलौरा, जिटौली, औरंगाबाद, बहचौला, भूड़पूर, बिजौली, नरहाड़ा, उलधन, खरदोनी, समयपुर, किना नगर-2, लढ़पुरा, खासपुर, ज्ञानपुर, सिखेड़ा, शाहकुलीपुर, कुढ़ला, बधौली, रसूलपुर औरंगाबाद, खासपुर, मुण्डाली, नित्यानंदपुर, छिलौरा, पंचगांव पट्टी सांवल, गैसूपुर शुमाली और नंगला कबूलपुर जैसे ग्रामों में तालाबों की साफ-सफाई और नालों के जीर्णोद्धार का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। सांसद अरुण गोविल ने जिला भूमि संरक्षण अधिकारी से अनुरोध किया है कि इन सभी ग्रामों में तालाबों की साफ-सफाई और नालों के जीर्णोद्धार का कार्य विभागीय गाईडलाईन के अनुसार अतिशीघ्र शुरू कराना सुनिश्चित करें। इससे जल संरक्षण और भू-जल स्तर को बढ़ाने में मदद मिलेगी और क्षेत्र के लोगों को लाभ होगा।सांसद अरुण गोविल के इस प्रयास से क्षेत्र के लोगों को जल संरक्षण और भू-जल स्तर को बढ़ाने में मदद मिलेगी और क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान होगा।