काम कराने का टैंडर चाहने वालों की कतार मेंं नेता व करीबियों के अलावा बोर्ड के पूर्व मैंबर भी शामिल
चर्चा है आम ओ खास के बीच
मेरठ। आम ओ खास के बीच चर्चा है कि कैंट हनुमान चौक स्थित बंगला नंबर 167 जिसको पैलेस सिनेमा वाला बंगला भी कहा जाता है, उसके मामले में काम कराने का ठेका लेने वालाें की लंबी कतार है। इस कतार में कुछ करीबी, नेता व कैंट बोर्ड के कई पूर्व मैंबर भी शामिल बताए जाते हैं। सूत्रों की मानें तो बंगला मालिक की मदद करने वालों यानि उसका काम लखनऊ डायरेक्टर के यहां से काम करा देने के नाम पर की एक लंबी फौज खड़ी है। सूत्रों ने जानकारी दी है कि इस बंगले के दिल्ली निवासी मालिक यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि फाइल पास कराने का ठेका किसे दिया जाए। सूत्रों की मानें तो तमाम ऐसे लोग पहुंचे हैं जो दावा कर रहे हैं कि वो इस काम को करा देंगे। याद रहे कि बंगला 167 के मालिक पर कैंट बोर्ड से स्वीकृत नक्शे के विपरीत निर्माण कराए जाने के आरोपों के चलते कैंट बोर्ड ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का नोटिस दिया है। इस कार्रवाई खिलाफ लखनऊ डायरेक्ट के यहां अपील स्वीकृति के इंतजार में अटकी हुई है। यदि अपील खारिज होती हैं तो कैंट बोर्ड इन्फिनिटी मॉल में किए गए अवैध निर्माण को ध्वस्त करने में देरी नहीं लगाएगा। वैसे भी कैंट बोर्ड की बैठक में साफ कर दिया गया है कि अवैध निर्माण करने वालाें के साथ किसी प्रकार की मुरवत नहीं की जाएगी। सीधे ध्वस्ती कर किया जाएगा।
कैंट बोर्ड के खिलाफ जा सकते हैं हाईकोर्ट
कैंट बोर्ड से नक्शा खारिज होने के बाद आबूलेन स्थित फ्री-होल्ड बंगला 297 के मालिक एमपी जैन व वीटी जैन हाईकोर्ट की शरण में जा सकते हैं। दरअसल उन्होंने बंगले के रिनोवेशन के नाम पर कुछ निर्माण करने के लिए नक्शा प्रस्तुत किया था, जिसको कैंट बोर्ड की बैठक में खारिज कर दिए जाने की सूचना दी गयी। सूत्रों ने जानकारी दी है कि कैंट बोर्ड के इस निर्णय के खिलाफ बंगला 297 के मालिक हाईकोर्ट जा रहे हैं, हाईकोर्ट की मार्फत उनका प्रयास कैंट बोर्ड के लिए उनके नक्शे को स्वीकृति के लिए आदेश हासिल करने का है। सूत्रों ने जानकारी दी है कि ओल्डग्रांट के बंगलों के मामले में 1995 वाली शर्तें व सेक्शन फ्री-होल्ड बंगलों पर आमतौर पर लागू नहीं होती हैं, जिसको लेकर हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर ली गयी है।
सीएबी में नए प्रधानाचार्य का इंतजार
मेरठ कैंट बोर्ड के द्वारा संचालित सीएबी इंटर कालेज के नए प्रधानाचार्य की तैनाती का इंतजार किया जा रहा है। दरअसल मौजूदा प्रधानाचार्य शीघ्र ही सेवानिवृत होने जा रहे हैं। उनके कार्यकाल को बढ़ाए जाने की कोई सूरत नजर नहीं आ रही है। वहीं दूसरी ओर सीएबी जैसे प्रतिष्ठित स्कूल का प्रधानाचार्य बनने की हसरत रखने वालों की लंबी कतार है।
डा. सतीश शर्मा पर फैसला कब
कैंट बोर्ड के मनोनीत सदस्य डा. सतीश शर्मा पर कैंट बोर्ड के अध्यक्ष के फैसले का भी इंतजार है। दरअसल डा. सतीश शर्मा की अपील को जीओसी लखनऊ ने खारिज कर दिया है। साथ ही कैंट बोर्ड को आदेशित किया है कि डा. सतीश शर्मा के अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की जाए। डा. सतीश शर्मा के मनोनयन को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में जाने वाले सरदार देवेन्द्र सिंह नागपाल का कहना है कि कैंट बोर्ड को डा. सतीश शर्मा पर लिए गए निर्णय की जानकारी मंत्रालय को देनी चाहिए ताकि मंत्रायल निर्णय ले सके।