
मेरठ/ आंधी तूफान के चार दिन बाद भी बिजली सप्लाई पटरी पर नहीं आ पा रही है। बिजली संकट के चलते पानी के लिए भी लोगों को तरसना पड़ रहा है। शहर के कुछ अंदरूनी इलाकों में तो बूंद-बूंद पानी की किल्लत हो गयी है। दरअसल हो यह रहा है कि इन तमाम इलाकों में पानी तभी मिल जाता है जब बिजली आ रही हो। इसकी वजह यह है कि ज्यादातर घरों में सबमर्सिबल पंप लगाए गए हैं, ये पंप तभी चलेंगे जब बिजली आएगी। यदि बिजली नहीं आएगी तो तमाम गली मोहल्लों व घरों में लगाए गए ये पंप नहीं चालू होंगे। महानगर के यदि बात करें तो ज्यादातर घरों में पानी की सप्लाई इसी प्रकार के पंपों के बूते पर की जाती है। जून की गर्मी और उस पर बिजली संकट उस पर तुर्रा ये कि जब बिजली नहीं तो पानी भी नहीं। लोगों का कहना है कि जून की गर्मी में बिजली और पानी के बगैर रहना किसी मुसीबत से कम नहीं है। जिन इलाकों में ज्यादा संकट है वहां के लोग ने बताया कि जब वो लोगबिजलीघर पहुंचते हैं तो बताया जाता है कि पीछे से नहीं आ रही है।
शट डाउन लखनऊ से लिया हुआ है। उपभोक्ताओं को इस प्रकार का उत्तर देने वाले बिजलीघर के अधिकारियों को शायद यह नहीं जानकारी कि पीवीवीएनएल लखनऊ यूपीपीसीएल से खरीद कर उपभोक्ताओं को बेचता है तो फिर लखनऊ से शट डाउन की बात कहकर कैसे उपभोक्ताओं को टकरा दिया जाता है। चार दिन पहले आया आंधी तूफान मानसूनी नहीं था। दिल्ली एनसीआर में मानसून सक्रिय होना अभी बाकि है जब मानसून पूरी तरह से सक्रिय हो जाएगा और आंधी तूफान के साथ सक्रिय होगा, यदि अब यह हाल है तो भयंकर मानसूनी बारिशों के दौरान बिजली आपूर्ति की दिशा व दशा क्या होगी यह तो अफसर ही बात सकते हैं। केवल शहर की पुरानी व धनी आबादी की बात भर नहीं है। पूरे महानगर की यदि बात करें तो पॉश कालोनियां, सैन्य क्षेत्र, प्रमुख बाजार, व रिहायशी इलाके जहां भी इस संवाददाता ने बिजली आपूर्ति की जानकारी की, वहां से बताया गया कि दस मिनट की सप्लाई और एक घंटे की कटौती। कई बार तो आधा घंटे लाइट दी जाती है तो चार घंटे का कट। जिस इलाके में एक ही झटके में चार घंटे का कट लग जाएगा वहां मई की जानलेवा गर्मी में लोग किस प्रकार से गुजारा कर रहे होंगे इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।
आंधी तूफान से सप्लाई सिस्टम को बड़ा नुकसान
लोग पूछ रहे हैं कब तक, नियमित रूप से बिजली सप्लाई न मिलने के चलते गड़बड़ा गए सरकारी व निजी कंपनियों के काम
शहर से लेकर देहात तक जानलेवा गर्मी में बिजली की आंख मिचौनी जारी, दस मिनट की सप्लाई फिर घंटे भर का कट
आंधी तूफान ने पीवीवीएनएल के सप्लाई सिस्टम को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। तेज हवाओं व भारी बारिश के चलते तमाम विशाल पेड़ टूट कर हाइटेंशन लाइनों पर जा गिरे। सड़कों पर लगा गए विज्ञापन पटों ने लाइनों को सबसे ज्यादा डेमेज किया है। शहर के आउटर इलाकों में कई जगह तो पेड़ों के साथ बिजली के खंबे तक उखाड़ कर सड़क पर आ गिरे हैं। बीते शनिवार तक स्थिति यह थी कि रास्ते ही महज साफ कराए जा सके थे। ऊर्जा भवन के प्रवक्ता एचके सिंह ने पीवीवीएनएल के हवाले से से बताया कि दिन रात स्टाफ काम कर रहा है। आला अफसर खुद मौके पर मौजूद हैं। इसके अलावा जहां से भी शिकायत मिलती है, वहां अलग से टीम रवाना कर दी जाती है। पूरा महकमा सभी चौदह जनपदों में दिन रात काम पर लगा है। हर संभव प्रयास है कि सप्लाई में निरंतरता रखी जाए। वहीं दूसरी ओर आंधी तूफान के तुरंत बाद खुद एमडी ईशा दुहन खुद हालात का जायजा लेने के लिए निकल गयीं, लेकिन आंधी तूफान ने जितना बड़ा नुकसान सप्लाई सिस्टम के पहुंचाया है अफसरों का कहना है कि काफी हद तक काबू में कर लिया गया है, जो थोड़ा बहुत काम रह गया है उसको भी पूरा कर लिया जाएगा। शहर और देहात दोनों ही जगह आपूर्ति काफी हद तक सामान्य कर ली गयी है। लोगों की शिकायतों को भी प्राथमिकता के आधार पर अटेंड किया जा रहा है।
जनता की परेशानी से नुमाइंदे बेखबर
लोगों का कहना है कि जिन्हें उन्होंने चुनकर भेजा वो उनकी समस्या से बेखबर बने हुए हैं। लोगों का कहना है कि कम से कम वो तो उनकी आवाज उठाएं जिनको चुना है। जब चुनने के बाद आवाज अपने वार्ड व इलाके के लोगों की आवाज नहीं उठाएंगे तो फिर ऐसे नुमाइंदे का जनता क्या करेगी।
सीएम योगी के गड्डा मुक्त सड़क के आदेश तब ये हाल