सीएम व डीजी के आदेश के तब ये हाल

kabir Sharma
8 Min Read
WhatsApp Channel Join Now

WhatsApp Group Join Now

जाम पर सीएम योगी की नाराजगी के बाद भी मेरठ में पुलिस प्रशासन के तमाम अफसर बने हैं लापरवाह

मेरठ। सीएम के सख्त आदेश हैं कि यदि किसी भी शहर में जाम लगा तो अधिकारी जिम्मेदार होंगे, लेकिन मेरठ में वो कौन है जो सीएम और सूबे के डीजी के आदेशों पर भारी पड़ रहा है। स्थानीय अधिकारी जो खुद यातायात को लेकर जब जब मौका मिलता है अपनी ओर से चिंता जाहिर कर देते हैं, लेकिन इस सब के बावजूद ऐसा कौन है जिसके आगे सीएम व डीजीपी से लेकर पुलिस प्रशासन के तमाम स्थानीय अफसरों के आदेश दम तोड़ दे रहे हैं। सीएम योगी बार-बार शहर में लगाने वाले जाम को लेकर हिदायत देते हैं। डीजीपी भी इसको लेकर लगातार पेंच कसते रहते हैं, लेकिन मेरठ के प्रमुख बाजारों में लगाने वाले जाम की जब बात आती है तो लगता है कि यहां आकर तो सीएम व डीजीपी के आदेश भी दम तोड़ रहे हैं। वर्ना ऐसा क्या कारण है जो शहर का वीआईपी सिविल लाइन क्षेत्र के कमिश्नरी चौराहा, मेडा आफिस के सामने पुलिस लाइन और आसपास की सड़कों की नीलामी करा दी जाती है और आला अधिकारी कार्रवाई तो दूर की बात रहीं कुछ बाेलने तक को तैयार नहीं। कमिश्नरी चौराहा जहां आयुक्त कार्यालय है। तमाम अपर आयुक्त दिन में कई बार इसी चौराहे से होकर आते जाते हैं। चंद कदम की दूरी पर जिले के पुलिस कप्तान का सरकारी बंगला और मेन रोड पर कार्यालय है। पुलिस कार्यालय में भी एसएसपी के अलावा तमाम एसपी व सीओ बैठते हैं। यहीं पर एलआईयू की सीओ का भी दफ्तर है। इससे सटा हुआ कलेक्ट्रेट है जहां डीएम के अलावा प्रशासन के तमाम अधिकारियों की पूरी फौज है। कमिश्नरी से कुश्र और आगे चलेंगे तो पुलिस लाइन और पुलिस लाइन की मेन रोड पर एसपी ट्रैफिक का कार्यालय है। इन तमाम अफसरों की गाड़ी दिन में कई बार कमिश्नरी से होकर गुजरती हैं। लेकिन कमिश्नरी पर जो हाल बना हुआ है उससे तो यही लगता है कि कमिश्नरी चौराहे से गुजरने वाले अफसर को यहां के अवैध कब्जे जो दिन के ही वक्त नजर आते है वो नजर नही आते।

यह तो नहीं कहा जा सकता है कि कमिश्नरी चौराहे की बोली किसने और किस के इशारे पर लगायी है, लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि जब से कमिश्नरी चौराहे की बोली लगायी गयी है तब ये यहां दिन में कई बार जाम लगता है। इतना ही नहीं जाम की स्थिति भी ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी के बावजूद लगता है। लेकिन इसके लिए कसूर ट्रैफिक पुलिस का नहीं है बल्कि उनका है जिनके इशारे पर कमिश्नरी चौराहे की बोली लगा कर उसको सेल कर दिया गया है। अब यहां की हालत बता देते हैं। कोआपरेटिव बैंक से मेरठ कालेज की ओर जाने वाले रास्ते पर हजारी की प्याऊ चौराहे तक खासतौर से मेरठ कालेज कमिश्नरी चौराहे पर चांट पकौड़ी व कोल्ड ड्रिंक के ठेले लगा दिए गए हैं। ये ठेले सुबह 9 बजे आते हैं और शाम करीब छह बजे तक यहीं पर खड़े रहते हैं। खाने पीने के सामान के जब ठेले लगे हैं तो खाने पीने वाले भी इन पर रूकेंगे। कुछ ऐसे भी होते हैं जो लग्जरी गाड़ियों में आते हैं और वहीं रोड पर गाड़ी लगाकर चांट पकौड़ी का आनंद लेते हैं। आयुक्त कार्यालय के बाहर की सड़क भी बेच डाली है। वहां फलों के तांगे व ठेले लगवा दिए गए हैं।

ये तो नहीं कहा जा सकता है कि यहां कमिश्नरी चौराहे की नीलामी कराने वाला कौन है, लेकिन इतना जरूर है कि कोई प्रभावशाली है वर्ना क्या कारण है कि आयुक्त कार्यालय के बाहर वाली सड़क तक बेच डाली है। एसएसपी के बंगले के सामने की साइड पर भी ठेले लगवा दिए हैं। जानकारों की मानें तो प्रति ठेला साै से दौ सौ रुपए प्रतिदिन के हिसाब से लगवाया जाता है। यहीं नहीं पुलिस लाइन के बाहर भी इसी प्रकार से अवैध कब्जे करा दिए गए हैं। ये अवैध कब्जे अंबेडकर प्रतिमा से लेकर सर्किट हाउस से आगे तक नजर आएंगे। हालांकि कुछ समय पहले इन्हें हटवा दिया गया था, लेकिन इनसे होने वाली मोटी कमाई के लालच में दोबार यहां जाम की वजह से बनने वाले इन ठेलों को लगावा दिया गया है। अंबेकडकर चौराहे से मेघदूत वाला पुल और वहां से कोआपरेटिव बैंक वाला चौराहा इस चौराहे से शिव चौक तक जहां दिन भर भीड़ रहती है सड़कों का सौदा करने वालों ने वहां भी जाम की मुसीबत खड़ी करने के लिए कही कपड‍़े बेचने वालों के काउंटर लगवा दिए हैं तो कहीं पर ठेले खड़े करवा दिए हैं और तो और जिन दुकानों में जगह कम है सामान ज्यादा उनकी दुकान की कमी सड़क दिन भर के लिए सड़क आवंटित कर पूरी कर दी है। जब सड़कों की ऐसी दश बना दी जाएगी तो फिर क्यों नहीं जाम लगेगा।

यहां सवाल यह नहीं है कि सड़के क्यों बेच दी जा रही हैं। आयुक्त कार्यालय और कमिश्नरी पर ठेले क्यों लगवा दिए गए हैं, सवाल यह है कि किस के आदेश और इशारे पर यह सब हो रहा है। वो कौन है जिसकी कारगुजारी के मेरठ में बैठने वाले तमाम अफसर चुप्पी साधे हैं। कोई कार्रवाई को तैयार नहीं भले ही जाम को लेकर सूबे के सीएम और डीजीपी ने सख्त कार्रवाई के आदेश दे दिए हों।

- Advertisement -

बीते बुधवार को एसपी ट्रैफिक व नगरायुक्त ने अवैध कब्जे हटाने के नाम पर बेगमपुल पर अभियान चलाया। बेगमपुल पर जो अफसर अभियान चलाने के लिए निकले थे उनकी गाड़ियां भी कमिशनरी चौराहे से होकर ही गुजरी होंगी, उसके बाद भी उन्हें शहर के सिविल लाइन इलाके के कमिश्नरी चौराहे पर चारों तरफ किए गए अवैध कब्जे नजर नहीं आए। अजब दृष्टि रखते हैं मेरठी अफसर। इनकी निगाहों को कहीं अवैध कब्जे नजर आते हैं और कहीं के अवैध कब्जों पर इनकी नजर ही नहीं जाती। इसको कहते है कि जगह नजर और नजारे की बात अलग-अलग होती है।

भाकियू: फर्श पर बैठ कराई मांगे पूरी

भाजपा का दक्षिण विस सम्मेलन

शोक जताने पहुंचे भाजपा प्रभारी मंत्री

नाला बनते ही फिर करा दिए कब्जे

- Advertisement -
WhatsApp Channel Join Now
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Would you like to receive notifications on latest updates? No Yes