मेरठ। परम पूज्य आचार्य श्री वसु नंदी जी का प्रवास आजकल मेरठ में चल रहा है। इसी श्रृंखला में आचार्य श्री प्रातः 5:30 बजे कमला नगर मंदिर से बिहार करके महावीर जयंती भवन शारदा रोड पर पहुंचे जहां पर उनका भव्य रूप से सम्मान किया गया। वहां पहुंचकर महाराज जी ने प्रवचन सभा को संबोधित करते हुए बताया कि मनुष्य अपनी प्रवर्ती से पुण्य और पाप दोनों को करता है उसकी अच्छी प्रवर्ती उसे पुण्य दिलाती है और मोक्ष तक ले जाती है और यदि इसकी प्रवर्ती खराब हो तो वह पापों का संचय कर लेता है तथा अधोगति का कारण भी बना लेता है ।आचार्य श्री ने सभी पापों की मूल जड़ लोभ को बताया उन्होंने लोभ को पाप का बाप बताया। उन्होंने कहा लोभ के लिए आदमी मायाचारी करता है, मायाचारी से प्राप्त वस्तु का अहंकार करता है फिर क्रोध करता है। पर वस्तु जो अपनी नहीं है उसे पानी की इच्छा लोभ है उसी में यह सारे पाप होते हैं अतः जो हमें प्राप्त है उसमें ही अपने को संतुष्ट रखना है। लोभ की तरफ बिल्कुल नहीं जाना है।

महावीर जयंती भवन शारदा रोड परआचार्य श्री ने सभी पापों की मूल जड़ लोभ को बताया उन्होंने लोभ को पाप का बाप बताया। उन्होंने कहा लोभ के लिए आदमी मायाचारी करता है
कार्यक्रम के दौरान सुरेश जैन ऋतुराज, सुनील जैन प्रवक्ता, अनिल जैन बर्फ खाने वाले, प्रमोद जैन एडवोकेट अंकुर जैन इत्यादि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। सायंकाल 5:30 बजे महावीर जयंती भवन से बिहार करके, शारदा रोड किशनपुरी, दिल्ली रोड, देवपुरी होते हुए आनंदपुरी जैन मंदिर के लिए प्रस्थान किया तथा वहां से प्रस्थान करके रात्रि में सदर जैन मंदिर में प्रवास किया। 28 तारीख को महाराज श्री की आहारचार्य थापर नगर सदर में होगी तथा वहां से असोडा हाउस के लिए प्रस्थान होगा। मुनी प्रवक्ता श्री सुनील जैन ने बताया कि 1 जून से 6 जून तक हस्तिनापुर में में पंचकल्याणक एवं विश्व शांति महायज्ञ आचार्य श्री वसुनंदी जी ससंघ के सानिध्य में संपन्न होगा ।
सदर में मुनिश्री जी के प्रवचन
सदर जैन समाज मे आर्चाय वसुंनदी जी महाराज ने अपने प्रवचन मे श्रावको को अन्याय अनिति से धन कमाने को पाप बताया, आप अन्याय से कमाए पैसे से सुख शान्ति नही पा सकते है, न्याय पुर्वक धन कमाए , आत्म विश्वास के साथ जिए, अति लोभ से अन्याय का भाव मन मे आता है, अभक्ष्य भोजन का एक कण भी पेट मे नही जाना चाहिए, अभक्ष्य भोजन अमर्यादित भोजन करने से पाप आस्रव होता है, स्वाध्याय से अपने विचारो की विशुद्धता को बढाए, अपने घर पर हफ्ते मे या साल मे एक बार शुद्ध भोजन बनाए, सत्य के मार्ग पर चले, अग्नि भी सत्य को जला नही सकती है,अन्याय का धन ठहरता नही है, तत्व ज्ञान को बढाए, सच्ची क्षद्धा व जिनदेव की भक्ति से आप स्वय का कल्याण कर सकते है, आज शाम को सदर से थापरनगर होते हुए महाराज जी का विहार असवाडा हाऊस की और हो गया।
भगवान शांतिनाथ का निर्वाण दिवस मनाया
बट सावित्री: मृत्यु के पाश से छीना पति
मेरठ: जैन मंदिर में अक्षय तृतीया