साधना और शक्ति दोनों की प्रेरणा देती है विजयादशमी- राजकुमार मटाले
मार्ग में अनेक स्थानों पर पुष्पवर्षा, संघ के इतिहास पर प्रदर्शनी, 6500 स्वयं सेवक हुए शामिल
मेरठ।
दशहरा पर्व पर हर साल शहर के बाजारों से निकलने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पथ संचलन का मार्ग में पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया। संघ मेरठ महानगर ने गुरूवार को शताब्दी वर्ष पूरे धूमधाम एवं हर्ष उल्लास से मनाया। महानगर में 50 स्थानों पर विजयदशमी कार्यक्रम मनाया गया, जिसमें 6500 स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में भाग लिया। सर्वप्रथम एकल गीत, गण गीत के पश्चात शस्त्र पूजन किया गया, शस्त्र पूजन के बाद मुख्य वक्ता द्वारा संघ के विचार के विषय में बताया गया, बाद में पूर्ण गणवेश में क्षेत्रअनुसार पथ संचलन निकाला गया। , विभिन्न क्षेत्रों में निकले इन पथ संचलन में छोटे बच्चे, तरुण स्वयंसेवक और वृद्ध सभी कदम से कदम मिलाकर चल रहे थे। क्षेत्रवासियों ने पथ संचलन का पुष्प वर्षा करके स्वागत किया। इस मौके पर संघ की प्रदर्शनी भी लगाई गयी जिसमें संघ के कार्यों का 100 वर्षों का विस्तार, और प्रमुख कार्यक्रम भी दिखाए गए।
द्वारिका पूरी, बागपत रोड, साईं हॉस्पिटल के पास हुए कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह सेवा प्रमुख राजकुमार मटाले ने कहा कि विजयदशमी का यह पर्व हमें साधना और शक्ति दोनो की प्रेरणा देता है। नवरात्रि के नौ दिनों में संपूर्ण देश भक्ति-भाव से पूजा अर्चना करके आत्म-अवलोकन करता है और अपने भीतर श्रेष्ठ मूल्यों को जागृत करने का प्रयास करता है। भारत की यह परंपरा विशेष है कि जहां वह आध्यात्मिक साधना करता है, वहीं शस्त्रों का भी पूजन करता है। संघ 100 वर्षों से निरंतर व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण का कार्य कर रहा है। शाखा से निकले स्वयंसेवको द्वारा समाज उत्थान के लिए अनेकों सेवा कार्य चल रहे है। व्यक्ति निर्माण के इस महान कार्य को गति देने के लिए डॉ. हेडगेवार ने 1925 को विजयादशमी के दिन नागपुर से शाखा पद्धति की शुरूआत की। केवल 15 वर्षों के अपने जीवनकाल में डॉ. हेडगेवार ने हिंदू समाज को यह विश्वास दिला दिया कि हिंदू समाज भी संगठित हो सकता है और संघ के कार्य को देशव्यापी स्वरूप दिया।
महानगर में हुए विभिन्न कार्यक्रमों में क्षेत्र प्रचारक महेंद्र, क्षेत्र के सह संघचालक चालक नरेंद्र तनेजा, क्षेत्र बौद्धिक प्रमुख रूप नारायण, सह क्षेत्र प्रचार प्रमुख तपन कुमार, प्रांत के प्रचार प्रमुख सुरेंद्र कुमार, प्रांत सेवा प्रमुख अशोक कुमार आदि का बौद्धिक रहा।