नई दिल्ली/मुंबई। विनायक दामोदर सावरकर (जन्म: 28 मई 1883 – मृत्यु: 26 फरवरी 1966) भारत के क्रांतिकारी, स्वतंत्रता सेनानी, चिन्तक, समाजसुधारक, इतिहासकार, कवि, ओजस्वी वक्ता तथा दूरदर्शी राजनेता थे हालांकि कांग्रेसी उन्हें माफी वीर बताती है। लेफ्ट वाले भी उन पर अंग्रेजों पर माफी मांगने के आरोप लगाते हैं। वो कहते हैं कि अंडमान जेल में अकेले सावरकर नहीं थी और भी सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानी थी, लेकिन महज साठ रुपए की पेंशन के लिए सावरकर ने छह बार अंग्रेजों को चिट्टी लिखी। अपनी वफादारी ब्रिटिश हुकूमत के साथ रखने का वचन दिया। लेफ्ट के कुछ पत्रकारों का यहां तक दावा है कि सावरकर गाय को माता नहीं मानते थे ना ही गाय का मीट खाने को बुरा समझते थे। खाने को धर्म से जोड़ने के खिलाफ सावरकर थे। लेकिन आज बात यह नहीं है आज बात सावरकर की डिग्री को लेकर है। जिसको लेकर नया तूफान खड़ा हो गया है।

महाराष्ट्र की महायुति सरकार वीर सावरकर की बैरिस्टर की डिग्री बहाल कराने के लिए प्रयास करेगी। मंगलवार को मुंबई विश्वविद्यायल में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसका ऐलान किया। स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ने होने के कारण अंग्रेजों ने सावरकर की बीए’ और ‘बैरिस्टर’ की डिग्रियां छीन ली थी थीं।इनमें से ‘बीए’ की डिग्री मुंबई विश्वविद्यालय ने लौटा दी। महाराष्ट्र सरकार ने ऐलान किया है कि अब वीर सावरकर की बैरिस्टर डिग्री की बहाली के लिए प्रयास शुरू किए जाएंगे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा है कि हम उस उपाधि को वापस पाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे और सावरकर को मरणोपरांत ‘बैरिस्टर’ की उपाधि प्रदान करेंगे। फडणवीस ने यह ऐलान मुंबई विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ‘स्वातंत्र्य वीर विनायक दामोदर सावरकर अध्ययन एवं शोध केंद्र’ के उद्घाटन समारोह के मौके पर कही। इस कार्यक्रम में राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन भी मौजूद रहे, इस आयोजन में गृह मंत्री अमित शाह का चीफ गेस्ट बनाया गया था हालांकि वह कुछ कारणों से आयोजन में उपस्थित नहीं रह पाए थे। इनमें से ‘बीए’ की डिग्री मुंबई विश्वविद्यालय ने लौटा दी। महाराष्ट्र सरकार ने ऐलान किया है कि अब वीर सावरकर की बैरिस्टर डिग्री की बहाली के लिए प्रयास शुरू किए जाएंगे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा है कि हम उस उपाधि को वापस पाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे और सावरकर को मरणोपरांत ‘बैरिस्टर’ की उपाधि प्रदान करेंगे। फडणवीस ने यह ऐलान मुंबई विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ‘स्वातंत्र्य वीर विनायक दामोदर सावरकर अध्ययन एवं शोध केंद्र’ के उद्घाटन समारोह के मौके पर कही। इस कार्यक्रम में राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन भी मौजूद रहे, इस आयोजन में गृह मंत्री अमित शाह का चीफ गेस्ट बनाया गया था हालांकि वह कुछ कारणों से आयोजन में उपस्थित नहीं रह पाए थे
संजय राउत का देवेन्द्र फडणवीस पर बड़ा हमला पूछा भारत रत्न क्यों नहीं
शिवसेना (UBT) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। वीर सावरकर की डिग्री को लेकर उठे विवाद पर बोलते हुए राउत ने कहा कि सावरकर को ब्रिटिश गवर्नमेंट ने ‘फ्री कॉल’ में बैरिस्टर की डिग्री दी थी, जो अब जब्त की गई है, बावजूद इसके हम उन्हें बैरिस्टर कहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर यह सरकार 10 साल बाद भी उनकी डिग्री को वापस लेती है तो हम उसका स्वागत करेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी मांग की कि वीर सावरकर को अब तक भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया, उन्होंने सवाल उठाया कि जब कई लोगों को पद्मश्री, पद्मभूषण और भारत रत्न मिल चुका है, तो सावरकर को भारत रत्न देने में देरी क्यों हो रही है और इसका जवाब न देवेंद्र फडणवीस के पास है, न ही अमित शाह या प्रधानमंत्री मोदी के पास। राउत ने हाल ही में हुए कुछ विवादों की ओर भी इशारा किया।
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