निगम के पूर्व अफसरों से 1.69 की रिकबरी कब, चूना व अन्य खरीद में पांच साल में 1.69 करोड़ के घोटाले, नगर निगम के स्वास्थ्य स्टोर में चूना व अन्य सामग्री की खरीद में किए गए 1.69 करोड़ के घोटाले में स्टोर लिपिक के साथ इस अवधि में तैनात रहे सात नगर आयुक्त, सभी नगर स्वास्थ्य अधिकारी, मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी तथा मुख्य नगर लेखा परीक्षक को दोषी माना गया है। इन सभी से उक्त राशि की वसूली तथा विभागीय कार्रवाई की संस्तुति के साथ जांच समिति ने रिपोर्ट मंडलायुक्त कार्यालय में सौंप दी है।भाजपा नेता व पूर्व पार्षद अजय गुप्ता ने सपा शासनकाल के पांच वर्षो में नगर निगम के स्वास्थ्य स्टोर में की गई चूना और अन्य सामग्री की खरीद में 1.69 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से शिकायत की थी। तत्कालीन मंडलायुक्त डा. प्रभात कुमार ने अपर आयुक्त की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की थी। पहली बार जांच में आरोपी स्टोर लिपिक ने सामान खरीद की पत्रावलियां, स्टॉक रजिस्टर तथा अन्य साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराए, जिसके चलते उसके खिलाफ एफआइआर कराई गई। कमिश्नर से गुहार लगाई तो दूसरे चरण की जांच में उसने खरीद की पत्रावलियां, स्टॉक रजिस्टर आदि उपलब्ध कराए। समिति ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट कमिश्नर कार्यालय में प्राप्त करा दी।
चूना का नहीं कोई रिकार्ड
जांच रिपोर्ट के मुताबिक भंडार नियमावली का पालन नहीं हुआ। चूना तौल की पर्चियां फर्जी हैं। जांच समिति ने स्टोर के फोटो कराए तो पता चला कि छोटे कमरे में 100 और 200 टन चूना नहीं रखा जा सकता। सामग्री की प्राप्ति तथा वितरण के लिए इंडेंट की व्यवस्था नहीं है। यानी, चूना कब आया और किसे दिया, इसका कोई साक्ष्य नहीं है। रजिस्टर में सफाई नायकों और कर्मियों के नाम पर चूने की मात्रा जरूर लिख दी गई।
नगर आयुक्त समेत सभी दोषी
उक्त अवधि में तैनात रहे सभी नगर आयुक्त, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी, मुख्य नगर लेखा परीक्षक के साथ-साथ स्टोर लिपिक भी दोषी हैं। सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई और उक्त राशि की वसूली की सिफारिश की गई है।
ये नगर आयुक्त रहे तैनात
1. चंद्रप्रकाश त्रिपाठी: 11-06-2011 से 15-04-2012
2. राजकुमार: 16-04-2012 से 28-02-2013
3. आरआर सिंह: 1-03-2013 से 10-03-2013
4. अब्दुल समद: 11-03-2013 से 17-02-2015
5. एस के दुबे: 7-03-2015 से 12-08-2015
6. उमेश प्रताप सिंह: 13-08-2015 से 21-04-2016
7. देवेंद्र सिंह कुशवाहा: 25-04-2016 से 30-05-2017
वर्जन
मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी संतोष शर्मा ने बताया कि जांच में समिति को सभी साक्ष्य व तथ्य उपलब्ध कराए थे। समिति ने जांच पूरी करके कमिश्नर कार्यालय में सौंप दी है। उच्चाधिकारियों के विरुद्ध शासन कार्रवाई करेगा जबकि स्टोर लिपिक के विरुद्ध निगम स्तर से कार्रवाई होगी।