लैटर 210-ए वेस्ट एंड रोड नवाब का बंगला

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विषय- मेरठ छावनी स्थित बंगला 210-ए जो राष्ट्र के स्वातंत्रता संग्राम की गतिविधयों का केंद्र भी रहा है,  को भू-माफिया जय प्रकाश अग्रवाल द्वारा खुदबुर्द किए जाने पर कार्रवाई के आग्रह के संबंध में

महोदय,

मेरठ छावनी  के वेस्ट एंड रोड स्थित बंगला 210-ए राष्ट्र के स्वातंत्रता संग्राम आंदोलन के दौरान राष्ट्र भक्तों की गतिविधियों का केंद्र रहा है। राष्ट्र की आजादी के लिए ब्रिटिश हुकूमत से लड़ी लई लड़ाई के दौरान इस बंगले में महात्मा गांधी सरीके कई बड़े नेताओं का आना जाना इसमें लगा रहता था। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 का गवाह बने मेरठ छावनी के वेस्ट एंड रोड स्थित बंगला 210-ए को खुर्दबुर्द किया जा रहा है। भूमाफियाओं को इसे नजर लग गयी है। जिस बंगले को स्वातंत्रता संग्राम के दौरान उसकी एतिहासिक भूमिका को देखते हुए संग्रहित किय जाना चाहिए था। भूमाफिया जय प्रकाश अग्रवाल ने वहां अवैध रूप से फ्लैट बनाकर बेच दिए हैं। इस बंगले के एक अन्य हिस्से में अवैध रूप से धन शाकुंतल के नाम से निर्माण कर लिया गया है। इस एतिहासिक विरासत को बचाने के लिए यहां अवैध रूप से बनाए गए फ्लैट व धन शाकुंतल कोठी का ध्वस्त किया जाना बेहद जरूरी है। कुछ समय पूर्व बनाए गए ये फ्लैट करोड़ों की कीमत में बेचे जा रहे हैं।  सर्किल रेट से आज की कीमत अस्सी लाख से एक करोड़ तक आंकी जा रही है,  उन अवैध फ्लैटों को ध्वस्त करना कैंट बोर्ड मेरठ के अफसर भूले बैठे हैं। तमाम कायदे कानून ताक पर रखकर बनाए गए ये फ्लैट कैंट बोर्ड मेरठ के तत्कालीन अधिकारियों के भ्रष्टाचार और भारत सरकार के बंगलों को खुर्दबुर्द किए जाने का सबसे शर्मनाक सबूत है। नवाब की कोठी के नाम से मशहूर इस बंगले में तीन भूमाफियाओं ने इन छह फ्लैटों का अवैध निर्माण किया, चंद सिक्कों की लालच में यह छह फ्लैट बनाए गए। इसमें जिनका नाम आज ली कैंट बोर्ड का स्टाफ ( जिनमें से ज्यादातर रिटायर्ड हो चुके हैं) बताते हैं कि अनिल जैन, जय प्रकाश अग्रवाल और सुनील सिंहल उर्फ नीलू ने इनका अवैध निर्माण कराया था।नवाब के बंगले कैसल व्यू में अवैध रूप से फ्लैट बनाने के इस खेल में कैंट बोर्ड मेरठ के तत्कालीन अफसरों  का खास रोल बताया जाता है। ऐतिहासिक बंगले में अवैध रूप से फ्लैट निर्माण कराए जाने में कैंट बोर्ड के तत्कालीन सदस्य अनिल जैन ने भूमाफिया जय प्रकाश अग्रवाल की काफी मदद की थी। इनके निर्माण में कैंट बोर्ड के अफसरों की यदि निष्पक्ष जांच करा दी जाए तो दूध का दूध पानी का पानी हाे सकता है। मेरठ कैंट में अवैध निर्माण का यह बड़ा मामला है। इसकी जांच करायी जानी बेहद जरूरी है तथा जो भी अवैध निर्माण यहां किया गया है उसको ध्वस्त करा एतिहासिक धरोहर को संरक्षित किया जाना भी जरूरी है। अवैध निर्माण में कैंट बोर्ड मेरठ के अफसरों की भूमिका काफी संदिग्ध है। कार्रवाई के नाम पर अधिकारियों ने केवल फाइलों में ही लिखा पढ़ी की है। इससे अधिक कुछ भी नहीं।  ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के बजाए कैंट बोर्ड के अफसरों ने  210-ए के इन अवैध फ्लैटों की फाइल पर धूल चढाने का ही काम किया है और कुछ नहीं। इसके पीछे भारी भ्रष्टाचार है। अवैध निर्माण की शिकायत समय-समय पर कैंट बोर्ड के पूर्ववर्ती अधिकारियों से भी की गई लेकिन भू-माफिया जय प्रकाश के भ्रष्टाचार ने सभी का मुंह बंद कर दिया। इस मामले की रक्षा मंत्रालय की निगरानी में यदि निष्पक्ष जांच करा दी जाए तो भू-माफिया और अफसरों के गठजोड़ को बेपर्दा किया जा सकता है।

बंगले का इतिहास:– अपनी गोद में एतिहासिक बिरासतों खास कर उन पलों को जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी इस कैसल व्यू में आए थे और उनकी मेजबानी नवाब मोहम्मद इस्माइल ने थी, छिपाए गए कैसल व्यू बंगले की तामीर साल 1879 में की गयी थी। जीएलआर में यह बंगला अशफाक जमानी बेगम के नाम से दर्ज है।  नवाब मोहम्मद इस्माल मुल्क की आजादी के बाद बनने वाली पहली अंतरिम सरकार में रक्षा मंत्री भी थे। इस नजरिये और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की इस बंगले में आमद के नजरिये से भी यह बंगला यूं तो एतिहासिक धरोहरों की श्रेणी में होना चाहिए था। लेकिन भूमाफियाओं की गिद्ध दृष्टि से यह एतिहासिक धरोहर नहीं बचायी जा सकी। उन्होंने इस बंगलों को कई बार नोंचा। कैसल व्यू के ओपन एरिया में सबसे पहले महाराज वैकटहाल अवैध रूप से बनाया गया। यह काम किया चौक फुव्वारा सदर के मदन लाल मित्तल ने। उन्होंने इसको किराए पर लिया था। कुछ समय इसके साथ प्रेमी टेंट वालों का नाम भी जुड़ा रहा। महाराज वैकट हाल को ध्वस्त भी किया गया। सालों तक उसका मलवा भीतर ही पड़ा रहा। लेकिन जैसे ही इस बंगले पर भूमाफियाओं की गिद्ध दृष्टि पड़ी बंगला का हुलिया ही बदल गया। इसमें धन शाकुंतल नाम से अवैध इमारत कैसल व्यू की तर्ज पर बना दी गयी। पीछे के हिस्से में जहां कभी सर्वेन्ट क्वार्टर हुआ करते थे, वहां छह फ्लैट बना दिए गए। इतना कुछ हो गया, लेकिन इंतजार है कि कैंट बोर्ड के अफसरों की नींद टूटने और अवैध निर्माणों को लेकर जो उनकी डयूटी है उसको कराने का।

 

प्राथी शेखर शर्मा

पुत्र केके शर्मा

निवासी जीएफ-19 अंसल कोर्टयार्ड बाईपास मेरठ-उत्तर प्रदेश

मोबाइल नंबर-9997539259


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