मृदुल को बेल या जेल

kabir Sharma
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NBW जारी हाेने के बाद मांगी बेल, लोअर कोर्ट में दाखिल की गई अर्जी, पहले करना होगा सरेंडर उसके बाद..

मेरठ। सदर दुर्गाबाड़ी स्थित प्राचीन जैन मंदिर में करोड़ों की नकदी और सोने के मामले की सुनवाई कर रही अदालत में नामजद किए गए मंदिर की तथाकथित कमेटी के कोषाध्यक्ष मृदुल जैन के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए हैं। वारंट जारी होने के बाद पहले हाईकोर्ट से बेल का प्रयास किया गया था, लेकिन बाद में पैरोकारों की सलाह पर निचली अदालत में जमानत की अर्जी दाखिल की गयी है, लेकिन बड़ा सवाल यही कि गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद अदालत से बेल का मिलना कितना मुश्किल है और कितन आसान। विधि विशेषज्ञों का कहना है कि सबसे पहले तो हाजिर होते ही अदालत हिरासत में लेने के आदेश देती है। उसके बाद गैर जमानती वारंट के ज्यादातर मामलों में जेल भेज देती है। भले ही एक ही दिन के लिए क्यों ना जेल भेजा जाए, लेकिन मृदुल जैन को यदि जेल भेजा गया तो कम से काम एक सप्ताह जमानत में लग सकता है।

रंजीत जैन जा सकते हैं दोबारा जेल

वहीं दूसरी ओर मंदिर जी में किए गए गवन घोटाले को लेकर एफआईआर दर्ज कराने वाले ऋषभ एकाडेमी के डा. संजय जैन ने बताया कि मृदुल के गैर जमानती वारंट तो अब जाकर जारी हुए है, लेकिन इस मामले में मंदिर समिति के अध्यक्ष रंजीत जैन तो उन्नीस माह जेल रहे हैं। उसके बाद बेहद मुश्किलों से उनकी जमानत हुई है। डा. संजय जैन ने यह भी बताया कि इस बात में कोई शक नहीं कि रंजीत जैन दोबारा जेल जाएंगे। उन्होंने कहा कि वह मंदिर जी में जो गवन किय गया है उसको मंदिर जी में वापस पहुंचाने की कानूनी लड़ाई मजबूती से लड़ रहे हैं।

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