याचिका खारिज-तिहरे हत्या कांड में सजा की बारी, मेरठ शहर कोतवाली के गुदडी बाजार में अंजाम दिए गए तिहरे हत्या कांड़ में आरोपियों की ओर से दायर की गई याचिका हाईकोर्ट में खारिज हो गयी है। इस मामले में कल (आज) सभी आरोपियों को उनके कसूर के हिसाब से सजा सुना दी जाएगी। दरअसल हाईकोर्ट ने इस केस की स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी। उस पर सुनवाई के बाद याचिका खारिज कर दी गयी। आरोपियों की ओर से आग्रह किया गया था कि मेरठ के बजाए किसी अन्य जनपद की काेर्ट में मामले की सजा की सुनवाई की जाए। मेरठ में उन्होंने खतरे की बात का हवाला दिया था। लेकिन कोर्ट के आगे उनकी यह दलील काम नहीं आयी। हाईकोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद बुधवार को आरोपियों को सजा का एलान कर दिया जाएगा।
25 को होनी थी सुनवाई
इससे पहले तिहरे हत्या कांड़ पर बीती 25 जुलाई को सुनवाई होनी थी। जिसके चलते कचहरी में कई थानों की पुलिस तैनात रही। बिना चेकिंग के किसी को भी बिल्डिंग में भीतर नहीं जाने दिया गया। दिन भर कचहरी में गुदड़ी बाजार तिहरे हत्याकांड के फैसले को लेकर अधिवक्ता चर्चा करते रहे। न्यायालय अपर जिला जज स्पेशल कोर्ट एंटी करप्शन-2 की अदालत में अभियुक्त अब्दुल रहमान उर्फ कलुआ के अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार शर्मा ने प्रार्थना पत्र दिया कि इस मामले में उच्च न्यायालय इलाहाबाद में ट्रांसफर प्रार्थना पत्र 128 सन 2024 विचाराधीन है। इसमें मुकदमे की सुनवाई के लिए मेरठ से किसी अन्य जिले में कराने के लिए प्रार्थना पत्र हाईकोर्ट में दिया गया। इस मामले में प्रार्थना पत्र की सुनवाई करते हुए तथा उच्च न्यायालय इलाहाबाद हाईकोर्ट में विचाराधीन ट्रांसफर प्रार्थना पत्र में नियत तिथि 30 जुलाई थी। आज हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर सजा के एलान का रास्ता साफ कर दिया। अब यदि सब कुछ ठीक रहा तो कल सजा सुना दी जाएगी।
यह था पूरा मामला
कोतवाली के गुजरी बाजार मे बीते 22 मई 2008 की रात को कोतवाली के गुदड़ी बाजार में नृशंस हत्याकांड हुआ था। इस मामले में हाजी इजलाल, उसके भाई अफजाल व परवेज समेत दस आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। कुल 14 आरोपियों पर चार्जशीट दाखिल हुई है। इनमें हाजी इजलाल कुरैशी, परवेज और अफजाल पुत्रगण स्वर्गीय इकबाल, मेहराज पुत्र मेहताब, इसरार पुत्र रशीद, कल्लू उर्फ कलुआ पुत्र हाजी अमानत, इजहार, मुन्नू ड्राइवर उर्फ देवेंद्र आहूजा पुत्र विजय, वसीम पुत्र नसरुद्दीन, रिजवान पुत्र स्वर्गीय उस्मान और बदरुद्दीन पुत्र इलाहीबख्श, शम्मी और माजिद के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल करते हुए हत्याकांड को साबित करने के लिए कुल 37 गवाहों के नाम दिए। शीबा सिरोही को इस मामले में इजलाल को घटना के लिए उकसाने का आरोपी बनाया गया। इस पर शीबा कोर्ट से स्टे ले आई।