मंदिर के सामने मीट आउटलेट पर ताला

kabir Sharma
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मेरठ/पीएल शर्मा रोड स्थित विवादित किंग के कांप्लैक्स पर फ्रोजन मीट सप्लाई करने वाले कंपनी के आउटलेट पर हिन्दू संगठनों के विरोध के बाद बुधवार की सुबह से ताला लटका दिया है। पीएल शर्मा रोड स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के सामने खोले किंग के अवैध कांप्लैक्स में खोले गए फूड सप्लाई चेन के हाउटलेट जिसमें सप्लाई किए जाने वाले सामान में फ्रोजन मीट भी शामिल है को लेकर जनवाणी ने बुधवार के अंक में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था। एक दिन पहले मंगलवार के हिन्दू संगठनों ने भी किंग के अवैध कांप्लैक्स में पंचमुखी हनुमान मंदिर के सामने खाद्यान के साथ फ्रोजन मीट भी सप्लाई करने वालों को लेकर मंदिर पर पहुंच कर जमकर विरोध किया था। हिन्दू संगठन के सचिन सिरोही तथा कई अन्य ने दो टूक कह दिया कि किसी भी दशा में पंचमुखी हनुमान मंदिर के सामने मीट का कारोबार नहीं करने दिया जाएगा। यह मामला हिन्दुओं की आस्था से जुड़ा हुआ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन दिनों नवरात्र चल रहे हैं और अवैध कांप्लैक्स बनाने वालों ने अपने कांप्लैक्स में फूड सप्लाई कंपनी को फ्रोजन मीट का कारोबार करने की जगह मुहैय्या करायी है। इनकी यह हरकत किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस मामले को लेकर उन्होंने आंदोलन की चेतावनी तक दे डाली है।

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किंग के अवैध कांप्लैक्स में की गयी कारगुजारी के बाद सचिन सिरोही ने बताया कि यदि इस मामले में गलती सुधार नहीं की गयी तो देश भर के हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ता किंग के अवैध कांप्लैक्स पर आकर धरना प्रदर्शन करेंगे। किसी भी दशा में हनुमान मंदिर के सामने मीट का कारोबार नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस मामले को अपने संगठन की मार्फत पीएम मोदी व सीएम योगी तक पहुंचाया जाएगा।


नवरात्र शुरू होने से ही पूर्व सूबे के सीएम योगी ने बाकायदा आदेश जारी कर अफसरों को हिदायत दी थी कि नवरात्र उत्सव के दौरान कोई मीट की दुकान ना खोली जाए, बजाए मीट की दुकानों पर सख्ती के लेकिन पीएम शर्मा रोड स्थित किंग के अवैध कांप्लैक्स में सीएम योगी के आदेशों को धत्ता बताते हुए फ्रोजन मीट की सप्लाई करने वाला आउटलेट खुलवा दिया जाता है और प्रशासन, नगर निगम, मेरठ विकास प्राधिकरण, खाद्यान आदि विभागों के अफसरों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती।


नवरात्र में मीट की दुकानों को बंद कराने के सीएम योगी के आदेश और दूसरी ओर पीएल शर्मा रोड स्थित किंग के अवैध कांप्लैक्स बनाने के आरोपियों पर मेरठ विकास प्राधिकरण, क्षेत्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अफसरों, फायर एनओसी जारी करने वाले अफसरों और सबसे बढ़कर इस इलाके के बिजली महकमें के अफसर जिस प्रकार से मेहरबान हैं उससे इतना तो साबित हो गया है कि उन्हें ना तो सीएम योगी के आदेशों की कोई परवाह है ना ही उन्हें इस मामले को लेकर सीएम योगी कार्यालय से संभावित कार्रवाई का खौफ नजर आता है।

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इस मामले में प्राधिकरण के बाद यदि किसी ने सबसे ज्यादा मेहरबानियां दिखाई हैं तो वो हैं बिजली विभाग के अधिकारी। जिस कांप्लैक्स में लोड के लिए कम से काम 65 केवीए का ट्रांसफार्मर लगावाया जाना चाहिए था। लेकिन ट्रांसफार्मर लगवाकर बजाए पीवीवीएनएल के खजाने में मोटी रकम बतौर शुल्क के जमा कराने के इस इलाके के बिजली अधिकारियों ने अपनी जेबों का बजन बढ़ाना ज्यादा मुनासिब समझा और किया भी वैसा ही। जो लोड वाया 65 केवीएस के ट्रांसफार्मर इस अवैध कांप्लैक्स में जाना चाहिए था, वो लोड पीएल शर्मा रोड के खंबों पर डाल दिया गया। यहां यह भी याद दिला दें कि कि इस प्रकार की कारगुजारियों को अंजाम देने वालों को पीवीवीएनएल एमडी ईशा दुहन की अदालत में किसी प्रकार की माफी या रियायत की कोई गुंजाइश नहीं है। माना जा रहा है कि इस मामले में भी बड़ी कार्रवाई तय है।


किंग के पीएल शर्मा रोड स्थित इस अवैध कांप्लैक्स की बात करें तो इसके कसूरवार महकमों व अफसरों की सूची लगातार लंबी होती जा रही है। अभी तक केवल मेरठ विकास प्राधिकरण के कुछ अफसरों का इस मामले में दामन दागदार माना जा रहा था, लेकिन जब इसके कंपाउंडिंग की बात सामने आयी तो इसको लेकर फायर एनओसी जारी करने वालों, क्षेत्रीय प्रदूषण कार्यालय, जिला उद्योग केंद्र नगर निगम समेत कई महकमे के अफसरों के नाम शुमार किए जा रहे हैं।

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