क्या भारत आएगा कोहिनूर हीरा

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क्या भारत आएगा कोहिनूर हीरा, ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ के निधन के बाद बड़ा यह कि क्या अब कोहिनूर हीरा भारत को वापस मिल सकेगा। दुनिया का यह नायाब हीरा महारानी एलिजाबेथ के ताज की शान है। उनके निधन के बाद एक बार फिर यह सवाल उठ रहा है कि क्या ब्रिटेन बड़ा दिल दिखाते हुए भारत को कोहिनूर लौटा देगा। या फिर मुकुट में जड़ा कोहिनूर हीरा ब्रिटेन की अगली महारानी शोभा बढ़ाएगा। महारानी जो ताज पहना करती थीं उसमें कोहिनूर के अलावा  2,867 हीरे लगे हैं। लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर महारानी की मौत के बाद कोहिनूर हीरा भला किसका होगा। एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद से ट्विटर पर कोहिनूर ट्रेंड कर रहा है और लोग इसे लेकर सवाल पूछ रहे हैं। दरअसल य मुकुट अगली महारानी को सौंपा जाएगा। लगभग 800 साल पहले भारत में एक चमचमाता पत्थर मिला था, जिसे कोहिनूर नाम दिया गया। कोहिनूर हीरा दुनिया के सबसे बड़े हीरे में से एक है। कूह-ए-नूर का मतलब रोशनी का पर्वत होता है। कहा जाता है कि ये भारत की गोलकुंडा खदान में मिला था। 1849 में जब ब्रिटिश उपनिवेश पंजाब में आया तो इसे अंतिम सिख शासक दलीप सिंह ने महारानी को भेंट किया था। कोहिनूर के साथ एक मिथक भी जुड़ा हुआ है। वह ये कि ये हीरा स्त्री स्वामियों के लिए भाग्यशाली है वहीं पुरुष स्वामियों के लिए ये दुर्भाग्य और मृत्यु का कारण बन सकता है। ब्रिटेन की नई महारानी डचेस ऑफ कॉर्नवाल कैमिला होंगी जो एलिजाबेथ द्वितीय के सबसे बड़े बेटे और उत्तराधिकार में सबसे आगे प्रिंस चार्ल्स की पत्नी हैं। महारानी की मौत के बाद अब प्रिंस चार्ल्स भी राजा बन जाएंगे। जिस मुकुट की बात की जा रही है उसे वास्तव में राजा जॉर्ज छठे की ताजपोशी के लिए 1937 में बनाया गया था। इसके अलावा ताज में कई कीमती पत्थर भी लगे हैं। ताज में 1856 में तुर्की के तत्कालीन सुल्तान द्वारा महारानी विक्टोरिया को तोहफे में दिया गया। कोहिनूर 105 कैरेट का हीरा है।

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