पत्नी ने लगाया था खुद को पालतु कुत्ते को मारने तथा दाम्पत्य संबंधों को निर्वाहन ना करने का आरोप, वैवाहिक विवाद में हाईकोर्ट से पति को राहत अग्रिम कार्यवाही पर रोक
मेरठ/ पालतू कुत्ते, सम्पति, दाम्पत्य सम्बन्धों का पूर्ण निर्वाह न करने को लेकर हुए विवाद में पत्नी श्रीमती मेघा खट्टर निवासी इंद्रप्रस्थ स्टेट निकट कैश कॉलेज रुडकी रोड मेरठ के द्वारा पति अंकुश मल्होत्रा, सास ससुर नरेश कुमार मल्होत्रा व श्रीमती प्रेमलता मल्होत्रा निवासी पंजाब राज्य के ऊपर शादी के 12 साल के बाद दहेज मांगने व उत्पीड़न के मामले में हाई कोर्ट ने पति को राहत देते हुए मामले को हाई कोर्ट मेडियेशन /सुलह समझौता केंद्र में भेज दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने याची अधिवक्ता सुनील चौधरी को सुनकर दिया। याची अधिवक्ता ने बताया कि याची अंकुश मल्होत्रा निवासी पंजाब जो वर्तमान समय में पुणे में इंजीनियर के रूप में कार्यरत है याची की पत्नी भी इंजीनियर के रूप में पिछले 12 साल से याची के साथ रहकर अच्छे से जीवन बसर कर रही थी। पति और पत्नी ने मिलकर पुणे में कई फ्लैट भी खरीदे। पत्नी के द्वारा पति पर इंपोटेंसी का आरोप लगाते हुए घरेलू हिंसा व क्रिमिनल केस मेरठ अपर मुख्य नायक मजिस्ट्रेट के यहां दाखिल कर याची व उनके माता-पिता को सम्मन करा दिया, जबकि याची के पिता और माता पिछले 12 सालों से पंजाब में ही रहते हैं। याची की पत्नी पंजाब में शादी के एक महीने के बाद ही पुणे पति के साथ रहने चली गई। याची व विपक्षी पत्नी के बीच कोई पुत्र न होने पर विपक्षी पत्नी ने एक पालतू कुत्ता पपी को पाल रखा था याची की पत्नी ने आरोप लगाया कि मेरे पालतू कुत्ते को और मुझे मारा गया और ससुर से 25 लाख रुपए पंजाब में जमीन बेचकर न देने पर पत्नी पुणे में पति व अपने पालतू कुत्ते को छोड़कर अपने मायके मेरठ इंद्रप्रस्थ स्टेट रुड़की रोड नियर कैश कॉलेज में रहकर मुकदमा दर्ज कर दिया। विपक्षी पत्नी ने आरोप लगाया कि रात को भी पति घर पर देरी से पहुंचता था और प्रार्थिनी को अवॉइड करता था इससे प्रार्थिनी को डिप्रेशन हो गया और वह उदास रहने लगी। विपक्षी पत्नी ने एक अन्य मुकदमा भी 504 506 406 का दर्ज कराया था जो न्यायालय ने खारिज कर दिया । याची हमेशा पत्नी को खुशहाल रखता था जिसकी फोटो भी याची ने याचिका के साथ लगाई है। पत्नी ने तलाक का मुकदमा भी किया है। अधिवक्ता की दलील को सुनने के पश्चात न्यायालय ने मामले को सुलह समझौता केंद्र इलाहाबाद हाईकोर्ट में भेज दिया और याची पति को 30,000 मेडिएशन सेंटर में जमा करने का भी आदेश दिया है व अग्रिम कार्यवाही पर रोक लगा दिया।
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