आधार ने बढ़ाई टीचरों की मुसीबत

आधार ने बढ़ाई टीचरों की मुसीबत
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आधार ने बढ़ाई टीचरों की मुसीबत, एडमिशन में आधार की अनिवार्यता ने टीचरों की मुसीबत बढ़ा दी है। खासतौर से उन टीचरों की जो सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढाने के अभियान में लगाए गए हैं। ऐसे अभिभावकों की बड़ी संख्या है जिनका आधार नहीं है।परिषदीय स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। हालांकि शासन की ओर से आए एक आदेश ने प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों को परेशान कर दिया है। कक्षा एक में प्रवेश के लिए आधार अनिवार्य कर दिया गया है।एक अप्रैल तक छह वर्ष की आयु पूरा करने वाले छात्र का ही कक्षा एक में प्रवेश होना है। ऐसे में जिन अभिभावकों ने आधार नहीं बनवाया है, वह नामांकन कराने के दौरान परेशानी झेल रहे हैं। आधार से जुड़ी यह समस्या प्रधानाध्यापकों के लिए परेशानी का सबब बन गई। बीते दिनों शिक्षा निदेशक बेसिक प्रताप सिंह बघेल ने प्रदेश के सभी बीएसए को शैक्षिक सत्र 2024-25 में छात्र-छात्राओं के नामांकन के संबंध में आदेश जारी किया था। इसके तहत निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 के तहत छह से 14 वर्ष आयु वर्ग के शत-प्रतिशत बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जानी है।कक्षा एक में ऐसे छात्राें का नामांकन होना है, जिनकी आयु एक अप्रैल 2024 को छह वर्ष पूर्ण हो चुकी हो। छह वर्ष से कम आयु के बच्चों का नामांकन किसी भी दशा में नहीं लिया जाएगा। नामांकन के समय बच्चों का आधार नंबर भी अंकित किया जाए। बच्चे का आधार न होने की दशा में माता-पिता का आधार नंबर लिखा जाएगा। यदि माता-पिता का भी आधार नहीं है तो नामांकन के दो सप्ताह के अंदर उन्हें आधार बनवाना होगा। इतने कम समय में आधार कैसे बन पाएगा, इसी चक्कर में अभिभावक व शिक्षक परेशान हैं। बीएसए डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि शासनादेश के अनुरूप कार्य किए जाएंगे। किसी भी दशा में बच्चों के नामांकन में कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी।

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