टिकैत पर हमला: कायरों खुश तो बहुत होंगे

kabir Sharma
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किसानों के मसीरा चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत के बेटे राकेश टिकैत पर लाठी चलाने वाले आज खुश तो बहुत होंगे, लेकिन स्वर्ग में बैठे बाबा टिकैत का ध्यान भी लाठी चलाने से पहले कर लिया होता

नई दिल्ली। जो कुछ राकेश टिकैत के साथ मुजफ्फरनगर में किया गया है, वो किसानों और किसानों के लिए आवाज उठाने वालों को शर्मसार करने के लिए काफी है, जिन्होंने लाठी उठायी वो किसान के बेटे तो कभी नहीं हो सकते, किसी बात को लेकर यदि आप किसान नेता की राय से इत्तेफाक नहीं रखते तो क्या उनकी जान ले लेंगे। उनकी हत्या पर अमादा हो जाएंगे। क्या चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत ने इसीलिए करमूखेड़ी बिजली घर से किसानों को एकजुट करने के लिए आवाज बुलंद की थी। क्या इसीलिए बाबा टिकैत ने किसानों को उनकी ताकत का अहसास कराया था। राकेश टिकैत पर लाठी चलाने वाले अपने आकाओं को भले ही खुश कर दें, लेकिन यह वो पाप उन्होंने किया है जिसकाे किसान बिरादरी कभी माफ नहीं करेगी। ऐसे लोग किसानों का चोला पहल कर केवल किसानों की ताकत काे कम करने लगे हैं, लेकिन ये वो लोग है जो भूल गए हैं कि किसान अन्नदाता होता है और यदि एक बार अन्नदाता रूठ गया तो भूखों मरने की नौबत आ जाएगी। देश ही नहीं पूरी दुनिया की किसान बिरादरी लाठी उठाने वालों पर थू-थू कर रही है।

यह था पूरा मामला

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) के साथ मार-पीट का मामला सामने आया है। मुजफ्फरनगर में आयोजित जन आक्रोश रैली के दौरान राकेश टिकैत को भीड़ ने घेर लिया। इस दौरान उनके ऊपर किसी शख्स ने डंडा चला दिया। उनकी पगड़ी का अपमान किया गया। इसको लेकर किसान बिरादरी में ही नहीं तमाम विरोधी दलों में तीखा रोष है। किसान नेता राजकुमार करनावल, भाकियू के जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी, भाकियू इंडिया के अध्यक्ष संदीप तितौरिया समेत सभी किसान नेताओं ने इसकी कठोर शब्दों में निंदा की है।

पहगाव हमले के विरोध का कसूर किया था टिकैत ने

हलगांव नरसंहार के विरोध मे मुजफ्फरनगर मे आयोजित आक्रोश रैली मे शामिल हुए। भाकियू राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत जी के ऊपर सोची समंझी शाजिश के तहत किया गया हमला, जिसमे षडयंत्रकारियों द्वारा उनकी पगड़ी उतारने का दुस्साहस किया गया। ये कृत्य सम्पूर्ण किसान समाज व भारतीय किसान यूनियन के समस्त कार्यकर्ताओ के लिए असहनीय है, इस घटना से पूरे देश के किसानों मे असहनीय रोष व्याप्त हो चुका है, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान रात मे ही मुजफ्फरनगर की ओर कूच करने लगे हैं वहीं आसपास के प्रदेशों के किसान देर रात तक कूच की आपात तैयारी कर चुके थे। देर रात तक हजारों किसान मुजफ्फरनगर पहुँच चुके हैं व मेरठ, गाजियाबाद नोएडा हापुड, बुलंदशहर, बागपत शामली सहारनपुर के हजारों कार्यकर्ता देर रात तक मुजफ्फरनगर पहुँच जाएगें । कृषि कानूनों कि वापसी के समय दिल्ली मे प्रशासन द्वारा चौधरी राकेश टिकैत जी को घेरे जाने पर उनके समर्थकों के सैलाब से घबराई सरकार को ध्यान रखना चाहिए कि इस कृत्य ने एक बार फिर किसानों के सम्मान को चोट पहुँचाई है, किसानो की मांग है कि सुबह तक सभी षडयंत्रकारी आरोपी सलाखो के बीच होने चाहिएं, अन्यथा एक बहुत बड़ा आंदोलन पूरे देश मे होगा । मेरठ से जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी के नेतृत्व मे अनेकों कार्यकर्ताओ ने डाला मुजफ्फरनगर मे डेरा, सुबह मेरठ से मुजफ्फरनगर की ओर कूच करेगा किसानों का जन सैलाब।

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