भाजपा का वार रूम एक्टिवेट

भाजपा का वार रूम एक्टिवेट
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भाजपा का वार रूम एक्टिवेट, मेरठ नगर निगम के चुनाव के लिए आज गुरूवार को रहे मतदान पर नजर रखने के लिए मतदान शुरू होने से पहले ही वार रूम को एक्टिवेट कर दिया गया है. गंगानगर स्थित एक शिक्षण संस्थान में बनाए गए वार रूम में पूरे महानगर के मतदान पर नजर रखी जाएगी. सुनने में आया है कि इस वार रूम के लिए चुनावी मैनेजमेंट में माहिर भाजपाइयों की एक टीम को बेहद छांटकर तैयार किया गया है. जिनकी डयूटी इसमें लगायी गयी है उन्हें हिदायत दी गयी है कि सबसे पहला काम मतदान का करें और उसके बाद बजाए घर जाकर नाश्ता करने के सीधे वार रूम पहुंचे. नाश्ते आदि का इंतजाम शिक्षण संस्थान की ओर से वार रूम के तमाम लोगों के लिए पहले ही कर दिया गया है.

बूथ मैनेजमेंट पर जोर: महापौर के चुनाव में कड़े मुकाबले में फंसी भाजपा का सबसे ज्यादा जोर बूथ मैनेजमेंट पर है. केवल बूथ मैनेजमेंट ही नहीं बल्कि भाजपा के परंपरागत वोटर को बूथ तक पहुंचाने पर भी जोर दिया जा रहा है. 11 मई जब उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय के दूसरे चरण के लिए मतदान हो रहा है तो सूरज की स्थिति आग उलगने वाली है. सूरज की गरमी कहीं भाजपा प्रत्याशी पर ना निकले, इसके लिए सबसे ज्यादा प्रयास दिन निकलते ही मतदाताओं को बूथ तक पहुंचाने का काम अंजाम देना है. गंगानगर में बनाए गए वार रूम से इस काम पर नजर रखी जा रही है. पूरे महानगर के तमाम वार्ड व बूथों से इसको लेकर अपडेट लिया जा रहा है. किस वार्ड पर अब तक कितने वोट पड़ चुके हैं. जो मतदान हुआ है, उसमें भाजपा का कितना हिस्सा है. तमाम वार्ड अध्यक्षों को इस काम में लगाया गया है. जो वार रूम में बैठाए गए हैं, उन्हें अलग-अलग वार्डों का दायित्व दिया गया है.

तिरछी शतरंजी चाल वालों पर नजर: राजनीति में वही कामयाब माना जाता है जिसको शतरंज जैसे खेल का सहूर होता है, जानकारी होती है. शतरंज के खेल में सबसे ज्यादा शातिर तिरछी चाल वाले मोहरे माने जाते हैं, ऐसा ही कुछ मेरठ नगर निगम के महापौर प्रत्याशी के चुनाव के लिए हो रहे मतदान में नजर आ रहा है. भाजपा की यदि बात करें तो ऐसी तिरछी चाल वाले मुसीबत साबित हो सकते हैं. कुछ वार्ड ऐसे बताए जाते हैं जिनमें बजाए संगठन के अधिकृत प्रत्याशी के चुनाव में लगने के वार्ड का संगठन निर्दलीय या फिर किसी अन्य के लिए पसीना बहा रहा है.  हालांकि वार रूम का पूरा प्रयास है कि तिरछी चाल वालों को किसी तरह सीधे रास्ते पर लाया जाए. इसमें सफलता कितनी मिली, यह 13 मई को ही पक्की तौर पर पता चल सकेगा.

 

 

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